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बंगाल हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर राजस्थान भाजपा ने तोड़ी कोरोना गाइडलाइन

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Published : May 5, 2021, 5:33 PM IST

राजस्थान में 3 मई से 17 मई तक महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा लागू है. जिसके तहत राजनीतिक, सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक है. लेकिन बंगाल हिंसा के विरोध में राजस्थान भाजपा ने जयपुर सहित प्रदेशभर में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस आयोजन की अनुमति से इनकार कर दिया. इसके बाद सवाल उठता है कि भाजपा द्वारा कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर क्या कार्रवाई की जायेगी.

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बंगाल हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर राजस्थान भाजपा ने तोड़ी कोरोना गाइडलाइन

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए गृह विभाग ने आगामी 17 मई तक के लिए जारी गाइडलाइन में सभी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है. लेकिन बंगाल में हिंसा के विरोध में बुधवार को जयपुर सहित विभिन्न इलाकों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. जिससे गृह विभाग की गाइडलाइन भी टूटी.

पढ़ें: 18 से 45 साल के लोगों को वैक्सीन लगाने का खर्च राज्य सरकार उठा रही है तो प्रमाण-पत्र पर पीएम मोदी का फोटो क्यों: रघु शर्मा

प्रदेश भाजपा मुख्यालय के मुख्य द्वार के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन में तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही आला नेता तक शामिल हुए और हाथों पर काली पट्टी बांधकर नारे लगाते भी दिखे. लेकिन उचित दूरी पर खड़े होकर इन्होंने यह सांकेतिक प्रदर्शन किया. इन भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि उन्होंने कोरोना वायरस को देखते हुए ही सीमित संख्या में अपना विरोध जाहिर करने के लिए यह कार्यक्रम किया और किसी प्रकार से कोरोना से जुड़े गाइडलाइन को नहीं तोड़ा. लेकिन सवाल यही है कि..

  • क्या इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन ने अनुमति दी थी और यदि दी थी तो फिर गृह विभाग की गाइडलाइन की सख्ती से पालना केवल जनता से ही क्यों करवाई जा रही है
  • यदि इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी थी तो फिर यह कार्यक्रम कैसे हुआ
  • यदि बिना अनुमति कार्यक्रम हुआ और प्रशासन को इसकी जानकारी है तो नियमों के अनुसार अब तक क्या कार्रवाई हुई



स्थानीय पुलिस अधीक्षक से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने इस प्रकार के किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही और इस कार्यक्रम के बारे में अनभिज्ञता भी जाहिर की. विरोध प्रदर्शन के इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, सांसद रामचरण बोहरा, प्रदेश मंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, शहर महामंत्री कृष्ण मोहन शर्मा, उपमहापौर पुनीत कर्नावट, भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा, बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा, बीजेपी सोशल मीडिया विभाग प्रदेश संयोजक हीरेन्द्र कौशिक, भाजपा नेता अजय विजयवर्गीय शामिल हुए.

सभी मंडलों में हुए विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम

बंगाल में हिंसा के विरोध में भाजपा नेतृत्व ने राष्ट्रव्यापी आह्वान किया था. मतलब देशभर में इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन हुए. राजस्थान में यह कार्यक्रम मंडल स्तर पर हुए. जयपुर में सभी मंडलों में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सीमित संख्या में हाथों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन के जरिए भाजपा ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार और ममता बनर्जी पर कई आरोप लगाए और यह तक कह दिया कि जो हिंसा कर रहे हैं उन्हें टीएमसी सरकार संरक्षण दे रही है.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए गृह विभाग ने आगामी 17 मई तक के लिए जारी गाइडलाइन में सभी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है. लेकिन बंगाल में हिंसा के विरोध में बुधवार को जयपुर सहित विभिन्न इलाकों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. जिससे गृह विभाग की गाइडलाइन भी टूटी.

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प्रदेश भाजपा मुख्यालय के मुख्य द्वार के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन में तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही आला नेता तक शामिल हुए और हाथों पर काली पट्टी बांधकर नारे लगाते भी दिखे. लेकिन उचित दूरी पर खड़े होकर इन्होंने यह सांकेतिक प्रदर्शन किया. इन भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि उन्होंने कोरोना वायरस को देखते हुए ही सीमित संख्या में अपना विरोध जाहिर करने के लिए यह कार्यक्रम किया और किसी प्रकार से कोरोना से जुड़े गाइडलाइन को नहीं तोड़ा. लेकिन सवाल यही है कि..

  • क्या इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन ने अनुमति दी थी और यदि दी थी तो फिर गृह विभाग की गाइडलाइन की सख्ती से पालना केवल जनता से ही क्यों करवाई जा रही है
  • यदि इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी थी तो फिर यह कार्यक्रम कैसे हुआ
  • यदि बिना अनुमति कार्यक्रम हुआ और प्रशासन को इसकी जानकारी है तो नियमों के अनुसार अब तक क्या कार्रवाई हुई



स्थानीय पुलिस अधीक्षक से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने इस प्रकार के किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही और इस कार्यक्रम के बारे में अनभिज्ञता भी जाहिर की. विरोध प्रदर्शन के इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, सांसद रामचरण बोहरा, प्रदेश मंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, शहर महामंत्री कृष्ण मोहन शर्मा, उपमहापौर पुनीत कर्नावट, भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा, बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा, बीजेपी सोशल मीडिया विभाग प्रदेश संयोजक हीरेन्द्र कौशिक, भाजपा नेता अजय विजयवर्गीय शामिल हुए.

सभी मंडलों में हुए विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम

बंगाल में हिंसा के विरोध में भाजपा नेतृत्व ने राष्ट्रव्यापी आह्वान किया था. मतलब देशभर में इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन हुए. राजस्थान में यह कार्यक्रम मंडल स्तर पर हुए. जयपुर में सभी मंडलों में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सीमित संख्या में हाथों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन के जरिए भाजपा ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार और ममता बनर्जी पर कई आरोप लगाए और यह तक कह दिया कि जो हिंसा कर रहे हैं उन्हें टीएमसी सरकार संरक्षण दे रही है.

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