जयपुर. भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह (Arun Singh) ने प्रदेश की कांग्रेस (Congress) सरकार पर आरोप लगाया कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) लोगों को ठगने का काम कर रही है यह सरकार पूरी तरीके से ठग सरकार हो चुकी है. मुख्यमंत्री घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं और मंत्रियों ने खुली लूट मचा रखी है. सरकार में ऐसा लग रहा है, जैसे मानों घर-घर में ही रेवड़ियां बांटी जा रही है.
अरुण सिंह ने कहा कि सरकार में इतनी नाकामी है कि बताने में 1 घंटे से ज्यादा वक्त लग जाएगा. प्रदेश सरकार की नीयत साफ नहीं है और जब नीयत साफ नहीं होती तो नीति में भी उसका साफ असर दिखता है. प्रदेश की सरकार (Congress Government) ठग सरकार हो चुकी है. जनता भी अपने आप को ठगा महसूस कर रही है और अब इंतजार कर रही है कि कब मौका मिले और सरकार को जवाब दें.
उन्होंने कहा कि जनता सरकार को वोट की चोट देगी जिसकी गूंज कांग्रेस (Congress) को बहुत दूर तक सुनाई देगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कोरोना का बहाना कर घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं और मंत्रियों ने पूरी तरीके से प्रदेश में खुली लूट मचा रखी है. प्रदेश सरकार में इस समय यह कहावत सटीक बैठ रही है कि जितना लूट सको उतना लूट लो और घर-घर में ही रेवड़ियां बांट लो.
डोटासरा पर साधा निशाना
अरुण सिंह ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अपने परिवार वालों को RAS के साक्षात्कार में अधिक अंक दिलवाकर नौकरी दिला दी. ऐसा पहली बार है जब परीक्षा में कम अंक आए और साक्षात्कार में ज्यादा. इससे बेरोजगार भी ठगा सा महसूस कर रहे हैं और उनमें आक्रोश भी बढ़ रहा है.
संजीवनी की जरूरत क्यों...
सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. कांग्रेस (Congress) अलग-अलग धड़ों में बंटी हुई है. आपस में इतना मनमुटाव हो चुका है कि वह मतभेद मनभेद में बदल चुका है. यही वजह है कि अलग-अलग राज्यों के नेताओं को आकर इन्हें आपस में समझाना पड़ रहा है, लेकिन उसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार से इतने डरे हुए हैं कि कभी कोरोना (Corona) का तो कभी स्थानीय निकाय चुनाव की संजीवनी लेकर बचाव कर रहे हैं. आखिर सरकार को मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion in Rajasthan) में दिक्कत क्या है.
न नीयत साफ न नीति
अरुण सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) की नीयत साफ नहीं है, जिसकी वजह से नीति भी सही तरीके से काम नहीं कर रही है. किसी भी सरकार की जब नीयत में खोट होती है तो उसका असर कामकाज पर दिखता है. प्रदेश की जनता अपने आप को पूरी तरीके से ठगा सा मासूस कर रही है. किसी भी तरह से पिछले ढाई साल में कोई काम नहीं हुआ है. लोगों को इस कोरोना के संकट से गुजरना पड़ रहा है और आम जनता की समस्याओं का समाधान तो दूर-दूर तक नहीं हो रहा है.
यह तो संसदीय बोर्ड तय करेगा...
प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने बीजेपी में लीडरशिप संकट और चेहरे के सवाल पर कहा कि विधानसभा चुनाव के समय संसदीय बोर्ड तय करेगा कि सामूहिक चेहरों पर चुनाव लड़ेंगे या किसी एक के चेहरे पर. यह निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ संसदीय बोर्ड के पास है. साथ ही उन्होंने कहा कि हर राज्य की अलग स्थिति होती है. हमें किसी चेहरे के पीछे चुनाव लड़ना है या बिना चेहरे के, यह उस राज्य का पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है.
बीजेपी का एक ही खेमा
अरुण सिंह ने कहा कि अभी बैठक दिल्ली में हुई है अब यहां पर बैठक हुई, इसमें सभी नेता भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी नेता आपस में चर्चा कर रहे हैं और किसी में किसी तरह का मतभेद या मनभेद नहीं है. उन्होंने कहा कि हम आपस में बैठते हैं और आपस में कामकाज की समीक्षा करते हैं. हमारा कोई खेमा नहीं है, सिर्फ और सिर्फ एक ही भारतीय जनता पार्टी है.