जयपुर. राजनीतिक दलों में संगठन का विस्तार समय-समय पर चलता रहता है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार (Congress Government in Rajasthan) ने जयपुर, कोटा और जोधपुर में दो-दो नगर निगम कर दिए. इस तर्ज पर इन निगमों में भाजपा (Rajasthan BJP) संगठनात्मक रूप से दो-दो अध्यक्ष नहीं बनाएगी. हालांकि, कांग्रेस (Rajasthan Congress) में संगठनात्मक स्तर पर जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो अध्यक्ष बनाने की कवायद चल रही है.
दो नगर निगम बनने के बाद भाजपा में भी उठी थी मांग
गहलोत सरकार (Gehlot Government) के कार्यकाल में जब जयपुर, जोधपुर और कोटा शहरों में दो-दो नगर निगम बना दिए गए, तब भाजपा (Rajasthan BJP) में भी अंदरखाने में कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 2-2 शहर अध्यक्ष और संगठनात्मक रूप से इकाइयां बनाने का सुझाव दिया था. खास तौर पर जयपुर शहर में इस सुझाव पर मंथन और चिंतन भी हुआ, लेकिन पार्टी प्रदेश नेतृत्व ने सुझाव पर अमल नहीं किया. वहीं, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष (Satish Poonia) ने इस प्रकार के प्रस्ताव से ही इंकार कर दिया था. मतलब साफ था कि पार्टी 2-2 नगर निगम (Nagar Nigam) की तर्ज पर संगठनात्मक रूप से उस शहर में दो-दो संगठनात्मक इकाई नहीं बनाएगी.
जयपुर जिले में पहले से 3 संगठनात्मक इकाई
प्रदेश भाजपा (Rajasthan BJP) संगठन की बात की जाए तो जयपुर जिले में ही भाजपा संगठनात्मक रूप से तीन जिला इकाइयों में विभक्त है. इसमें जयपुर शहर भाजपा, जयपुर देहात उत्तर और जयपुर देहात दक्षिण जिला शामिल है. इसी तरह जोधपुर में भी जोधपुर शहर और जोधपुर देहात जिला इकाई काम कर रही है. कोटा जिले में भी कोटा शहर और कोटा देहात भाजपा जिला इकाई संगठनात्मक रूप से काम कर रही है.
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2-2 नगर निगम के विरोध में थी भाजपा
जयपुर, जोधपुर और कोटा शहर में दो-दो नगर निगम होने के बाद संगठनात्मक रूप से दो-दो जिला इकाई बनाने के मसले पर भाजपा में चर्चा हुई. लेकिन भाजपा प्रदेश नेतृत्व और प्रमुख नेताओं का यही तर्क था कि इन तीनों शहरों में एक के बजाय दो-दो नगर निगम बनाए जाने का भाजपा ने विरोध किया था. फिर 2-2 नगर निगम की तर्ज पर भाजपा इन शहरों में अपने संगठनात्मक इकाई को दो भागों में विभक्त करेगी तो मैसेज भी सही नहीं जाएगा.