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Exclusive: भाजपा का अपना कार्यालय अपनी छत का सपना अधूरा, 14 जिलों में चिन्हित नहीं हुई जमीन

राजस्थान भाजपा का अपना कार्यालय अपनी छत का सपना अब तक अधूरा है. राजस्थान में किसी भी जिला इकाई के पास खुद का कार्यालय भवन नहीं है. भाजपा ने करीब 2 साल पहले 19 जिलों में जमीन चिन्हित कर खरीद ली थी. लेकिन भवन निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार और कोरोना काल की रुकावट के चलते ये काम अभी तक अधूरा पड़ा हैं.

BJP office building on rent, BJP allotted land
भाजपा का अपना कार्यालय अपनी छत का सपना अधूरा
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Published : Jul 9, 2020, 8:30 PM IST

जयपुर. भाजपा का अपना कार्यालय अपनी छत का सपना फिलहाल अधूरा है. राजस्थान में किसी भी जिला इकाई के पास अब तक अपने खुद का कार्यालय भवन नहीं है. हालांकि 19 जिलों में भाजपा ने करीब 2 साल पहले जमीन चिन्हित कर खरीद ली थी. लेकिन भवन निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार और कोरोना काल की रुकावट जिला इकाइयों के अपने कार्यालय के सपने में रोड़ा बन गई.

भाजपा का अपना कार्यालय अपनी छत का सपना अधूरा

दरअसल, भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के सभी प्रदेश इकाइयों को निर्देश दिए थे कि वो हर जिले में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन चिन्हित कर खुद का कार्यालय भवन बनाएं. राजस्थान में जयपुर में ही भाजपा का प्रदेश मुख्यालय है. लेकिन जितनी भी जिला इकाई है वो सब या तो किराए के भवन में संचालित है या जिला अध्यक्ष अपने घर से ही पार्टी का कामकाज चला रहे हैं. हालांकि तात्कालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर राजस्थान में हर जिले में 19 प्रशासनिक जिलों में जमीन चिन्हित करने का काम पूरा हुआ और फिर वहां निर्माण का काम भी शुरू किया गया.

पढ़ें- 7 साल बाद फिर से राजस्थान में लागू हुआ भूमि कर, ये होंगे नए नियम...

कोरोना संक्रमण बना रुकावट, इन जिलों में नहीं मिली जमीन

दरअसल, एक से डेढ़ साल के भीतर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के पीछे एक बड़ा कारण पार्टी के स्तर पर इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग ना होना भी है. वहीं, कोरोना संक्रमण के चलते निर्माण कार्य करीब 3 महा तक बंद भी रहा. जयपुर, जोधपुर, करौली, झालावाड़, सवाई माधोपुर, दौसा, चूरू, प्रतापगढ़, बाड़मेर, बारां, झुंझुनू और डूंगरपुर जिलों में अब तक भाजपा को पार्टी कार्यालय के लिए जमीन तक नहीं मिल पाई है.

पढ़ें- राजस्थान में नाम परिवर्तन की 'योजना', कांग्रेस और भाजपा में शह-मात का खेल

हालांकि इनमें डूंगरपुर में जमीन आवंटन के बाद अतिक्रमण के चलते उसे वापस लौटाना पड़ा. करौली और बाड़मेर में भी जमीन आवंटन के बाद कानूनी पेचीदगी में फंस गई. जिसके चलते आवंटन रद्द करवाना पड़ा. अब पार्टी इन जिलों में निजी स्तर पर भी जमीन की तलाश कर रही है.

3 जिलों में अगले दो माह में बनकर तैयार होंगे कार्यालय

बीजेपी भवन निर्माण समिति से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार राजसमंद, भीलवाड़ा और सीकर जिले में बीजेपी कार्यालय भवन के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. उम्मीद है कि अगले दो से तीन माह में यह पूर्ण कर लिया जाएगा. वहीं, अन्य जिलों में आगामी दिसंबर माह तक ये काम पूर्ण करने का लक्ष्य है. लेकिन कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर इस काम में थोड़ी लेटलतीफी हो सकती है.

जयपुर. भाजपा का अपना कार्यालय अपनी छत का सपना फिलहाल अधूरा है. राजस्थान में किसी भी जिला इकाई के पास अब तक अपने खुद का कार्यालय भवन नहीं है. हालांकि 19 जिलों में भाजपा ने करीब 2 साल पहले जमीन चिन्हित कर खरीद ली थी. लेकिन भवन निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार और कोरोना काल की रुकावट जिला इकाइयों के अपने कार्यालय के सपने में रोड़ा बन गई.

भाजपा का अपना कार्यालय अपनी छत का सपना अधूरा

दरअसल, भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के सभी प्रदेश इकाइयों को निर्देश दिए थे कि वो हर जिले में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन चिन्हित कर खुद का कार्यालय भवन बनाएं. राजस्थान में जयपुर में ही भाजपा का प्रदेश मुख्यालय है. लेकिन जितनी भी जिला इकाई है वो सब या तो किराए के भवन में संचालित है या जिला अध्यक्ष अपने घर से ही पार्टी का कामकाज चला रहे हैं. हालांकि तात्कालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर राजस्थान में हर जिले में 19 प्रशासनिक जिलों में जमीन चिन्हित करने का काम पूरा हुआ और फिर वहां निर्माण का काम भी शुरू किया गया.

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कोरोना संक्रमण बना रुकावट, इन जिलों में नहीं मिली जमीन

दरअसल, एक से डेढ़ साल के भीतर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के पीछे एक बड़ा कारण पार्टी के स्तर पर इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग ना होना भी है. वहीं, कोरोना संक्रमण के चलते निर्माण कार्य करीब 3 महा तक बंद भी रहा. जयपुर, जोधपुर, करौली, झालावाड़, सवाई माधोपुर, दौसा, चूरू, प्रतापगढ़, बाड़मेर, बारां, झुंझुनू और डूंगरपुर जिलों में अब तक भाजपा को पार्टी कार्यालय के लिए जमीन तक नहीं मिल पाई है.

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हालांकि इनमें डूंगरपुर में जमीन आवंटन के बाद अतिक्रमण के चलते उसे वापस लौटाना पड़ा. करौली और बाड़मेर में भी जमीन आवंटन के बाद कानूनी पेचीदगी में फंस गई. जिसके चलते आवंटन रद्द करवाना पड़ा. अब पार्टी इन जिलों में निजी स्तर पर भी जमीन की तलाश कर रही है.

3 जिलों में अगले दो माह में बनकर तैयार होंगे कार्यालय

बीजेपी भवन निर्माण समिति से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार राजसमंद, भीलवाड़ा और सीकर जिले में बीजेपी कार्यालय भवन के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. उम्मीद है कि अगले दो से तीन माह में यह पूर्ण कर लिया जाएगा. वहीं, अन्य जिलों में आगामी दिसंबर माह तक ये काम पूर्ण करने का लक्ष्य है. लेकिन कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर इस काम में थोड़ी लेटलतीफी हो सकती है.

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