जयपुर. प्रदेश में पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में अब तक 5,912 पक्षियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 4172 कौए, 323 मोर, 464 कबूतर और 953 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. बर्ड फ्लू से ज्यादातर कौओं की मौत हो रही है. पूरे प्रदेश में बुधवार को एक दिन में 153 पक्षियों की मौत हुई है. जिनमें 93 कौए, 21 मोर, 08 कबूतर और 31 अन्य पक्षी शामिल है.
राजस्थान में करीब 17 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. 20 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 17 जिलों में 67 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं. प्रदेश में 27 जिलों से 267 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं. जयपुर में एक दिन में ही 34 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 31 कौए, 01 मोर, 1 कबूतर और 1 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. जयपुर में अब तक 1235 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 1074 कौए, 10 मोर, 75 कबूतर, 4 मुर्गी और 72 अन्य पक्षी शामिल है.
जयपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही चिड़िया घर में हाइपोक्लोराइट सोडियम का छिड़काव भी किया जा रहा है और पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर को बंद भी किया गया है. इसके साथ ही वन कर्मियों को भी पीपीई किट पहनकर पक्षियों की देखरेख करने के लिए निर्देशित किया गया है.
पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज जयपुर में 34, अलवर में 14, दोसा में 04, झुंझुनू में 0, सीकर में 01, अजमेर में 02, भीलवाड़ा में 0, नागौर में 0, कुचामन सिटी में 01, टोंक में 13, भरतपुर में 04, धौलपुर में 0, करौली में 0, सवाई माधोपुर में 01, बीकानेर में 0, चुरू में 0, हनुमानगढ़ में 08, श्रीगंगानगर में 08, जोधपुर में 0, बाड़मेर में 0, जैसलमेर में 06, जालौर में 03, पाली में 02, कोटा में 14, बारां में 03, बूंदी में 07, झालावाड़ में 17, बांसवाड़ा में 0, चित्तौड़गढ़ में 11, डूंगरपुर में 0, प्रतापगढ़ में 0 पक्षियों की मौत हुई है.
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पशुपालन विभाग, वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई गई है. पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौए के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मारने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौवो के मरने के मामले सामने आ रहे हैं. प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरती जा रही है. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरती के भी निर्देश दिए गए हैं.