जयपुर. सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंंस के माध्यम से कृषि विपणन विभाग की (Rajasthan Agriculture Marketing Department Review Meeting) बजट घोषणाओं और विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने और किसानों को उपज की उचित कीमत दिलाने के लिए आधारभूत संरचना का विकास जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए काश्तकारों को ई-पेमेंट वाली सफलतम मंडियों की विजिट कराई जाए. साथ ही, कृषि विपणन विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंडियों का चयन कर किसानों को जागरूक करें और मंडी विशेष को शत-प्रतिशत ई-पेमेंट आधारित बनाने के लिए अभियान चलाएं.
स्वतंत्र मंडियों के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाएं : गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद अब नई स्वतंत्र मंडियों के गठन की प्रक्रिया को चरणबद्ध रूप से तेजी से आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि मंडी शुल्क एवं अन्य दरों में किसी प्रकार के संशोधन के सम्बन्ध में निर्णय लेने से पहले हितबद्ध समूहों से विस्तृत चर्चा की जाए.
प्रसंस्करण इकाइयां लगाने के लिए आसानी से मिले लोन : मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 काश्तकारों के खेत में ही कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण कर मूल्य संवर्धन के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी. इस नीति के उद्देश्य को पूरा करने के लिए किसानों को प्रसंस्करण (Emphasis on Promoting Online Business in Rajasthan Mandi) इकाइयां लगाने के लिए बैंकों से आसानी से लोन दिलवाना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा. यह नोडल अधिकारी किसानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता दिलवाने में मदद करेंगे.