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लोकसभा में रेल बजट पर चर्चा, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ बोले- यूपीए कार्यकाल में रेलवे की हुई दुर्दशा - Rajyavardhan Rathore In LS

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन राठौड़ (Rajyavardhan Rathore In LS) ने मंगलवार को लोकसभा में रेल बजट पर हो रही चर्चा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने आकंड़ों की जुबानी यूपीए सरकार कार्यकाल में रेलवे की हुई दुर्दशा बताई और मोदी सरकार के विकास कार्यों की जमकर तारीफ की.

Lok Sabha MP Rajyavardhan Rathore
रेलवे की दुर्दशा के लिए कांग्रेस नीत यूपीए जिम्मेदार
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Published : Mar 16, 2022, 7:24 AM IST

जयपुर. यूपीए सरकार को घेरते हुए रिटायर्ड कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2012 में ककोटकर कमेटी की रिपोर्ट का (Lok Sabha MP Rajyavardhan Rathore talks about railway) हवाला दिया. जिसके अनुसार यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे और रख-रखाव की उपेक्षा की गई.

राज्यवर्धन ने कहा (Rajyavardhan Rathore In LS) कि कांग्रेस हमेशा कहती है कि भाजपा आंकड़ों के साथ खेलती है किन्तु कोरोना के समय जब भारतीय रेल ने साढ़े छह करोड़ श्रमिकों को अपने घरों तक पहुंचाया, हजारों मिलियन मैट्रिक टन ऑक्सीजन अलग-अलग राज्यों तक पहुंचाई ये आंकड़ें नहीं बताए जा रहे हकीकत में ऐसा हुआ है.

कर्नल राज्यवर्धन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि साधारण यात्रियों पर व्यर्थ बोझ न बढ़े और उन्हें बेहतर सेवा मिले इसके लिए नए तरीके निकाले गए. उन्होंने यूपीए सरकार और भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान रेलवे के विकास कार्यों (Railway During UPA Tenure) की तुलना करते हुए बताया कि यूपीए सरकार के दौरान 2013-14 में जब कोरोना नहीं था तब फ्रेट कैरिज लगभग एक हजार मिलियन मैट्रिक टन था. 2021 में और जब पूरी दुनिया का सप्लााई चेन बिगड़ गया था उस समय फ्रेट कैरिज बारह सौ मिलियन मैट्रिक टन मोदी सरकार ने किया.

पढ़ें- संसद में नुसरत जहां का तीखा सवाल, 'रेलवे को बेचने का मुहूर्त बताएं रेल मंत्री'

2010 से 2013 के बीच यूपीए सरकार के समय 54 नई लाईन स्वीकृत की गई जिनकी लम्बाई लगभग 5,500 किमी. थी. मोदी सरकार के समय 51,000 किमी लम्बाई के 500 प्रोजेक्ट तैयार हुए जिनमें से लगभग 21 हजार किलोमीटर की 190 नई लाईनों के प्रोजेक्ट हैं. यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल में मीटर गेज से ब्रॉड गेज में मात्र 9 कंवर्जन किए जबकी मोदी सरकार ने 6500 किलोमीटर की लम्बाई के 50 कंवर्जन किए.

2010 और 2014 के बीच यूपीए सरकार ने 3000 किमी लाईन का विद्युतीकरण किया जबकि मोदी सरकार ने 18,000 किमी लाईनों का विद्युतीकरण किया. इसी कारण मोदी जी ने कहा है कि कांगेस के 60 सालों में रेल का कोई ध्यान नहीं दिया गया. सांसद ने प्रधानमंत्री के उस बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय रेल सिर्फ दूरियां कम नहीं करती सिर्फ लोगों को आपस में नहीं जोड़ती बल्कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण माध्यम है जिससे भारत की संस्कृति टूरिजम और तीर्थ स्थान को जोड़ा जा रहा है आौर इसमें बड़े पैमाने पर रेल मंत्रालय काम कर रहा है. यहां तक की भारत और भारतीय रेल दोनों दोनों का एक साथ विकास हो रहा है.

जयपुर. यूपीए सरकार को घेरते हुए रिटायर्ड कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2012 में ककोटकर कमेटी की रिपोर्ट का (Lok Sabha MP Rajyavardhan Rathore talks about railway) हवाला दिया. जिसके अनुसार यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे और रख-रखाव की उपेक्षा की गई.

राज्यवर्धन ने कहा (Rajyavardhan Rathore In LS) कि कांग्रेस हमेशा कहती है कि भाजपा आंकड़ों के साथ खेलती है किन्तु कोरोना के समय जब भारतीय रेल ने साढ़े छह करोड़ श्रमिकों को अपने घरों तक पहुंचाया, हजारों मिलियन मैट्रिक टन ऑक्सीजन अलग-अलग राज्यों तक पहुंचाई ये आंकड़ें नहीं बताए जा रहे हकीकत में ऐसा हुआ है.

कर्नल राज्यवर्धन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि साधारण यात्रियों पर व्यर्थ बोझ न बढ़े और उन्हें बेहतर सेवा मिले इसके लिए नए तरीके निकाले गए. उन्होंने यूपीए सरकार और भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान रेलवे के विकास कार्यों (Railway During UPA Tenure) की तुलना करते हुए बताया कि यूपीए सरकार के दौरान 2013-14 में जब कोरोना नहीं था तब फ्रेट कैरिज लगभग एक हजार मिलियन मैट्रिक टन था. 2021 में और जब पूरी दुनिया का सप्लााई चेन बिगड़ गया था उस समय फ्रेट कैरिज बारह सौ मिलियन मैट्रिक टन मोदी सरकार ने किया.

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2010 से 2013 के बीच यूपीए सरकार के समय 54 नई लाईन स्वीकृत की गई जिनकी लम्बाई लगभग 5,500 किमी. थी. मोदी सरकार के समय 51,000 किमी लम्बाई के 500 प्रोजेक्ट तैयार हुए जिनमें से लगभग 21 हजार किलोमीटर की 190 नई लाईनों के प्रोजेक्ट हैं. यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल में मीटर गेज से ब्रॉड गेज में मात्र 9 कंवर्जन किए जबकी मोदी सरकार ने 6500 किलोमीटर की लम्बाई के 50 कंवर्जन किए.

2010 और 2014 के बीच यूपीए सरकार ने 3000 किमी लाईन का विद्युतीकरण किया जबकि मोदी सरकार ने 18,000 किमी लाईनों का विद्युतीकरण किया. इसी कारण मोदी जी ने कहा है कि कांगेस के 60 सालों में रेल का कोई ध्यान नहीं दिया गया. सांसद ने प्रधानमंत्री के उस बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय रेल सिर्फ दूरियां कम नहीं करती सिर्फ लोगों को आपस में नहीं जोड़ती बल्कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण माध्यम है जिससे भारत की संस्कृति टूरिजम और तीर्थ स्थान को जोड़ा जा रहा है आौर इसमें बड़े पैमाने पर रेल मंत्रालय काम कर रहा है. यहां तक की भारत और भारतीय रेल दोनों दोनों का एक साथ विकास हो रहा है.

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