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राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली में कहां होगी सचिन पायलट की जगह?

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Published : Feb 11, 2021, 9:33 AM IST

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में राजस्थान की सियासत पर नजर रखने वाले लोगों की दिलचस्पी इस बात पर है कि सचिन पायलट की सीट मंच पर कहां होगी. राहुल गांधी का ये दौरा राजस्थान कांग्रेस के भविष्य की राह को काफी कुछ तय करेगा.

Rahul Gandhi's tractor rally in Rajasthan, राहुल गांधी का राजस्थान दौरा
राहुल गांधी का राजस्थान दौरा

जयपुर. राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों की नजर इस वक्त राजस्थान की सियासत पर टिकी हुई है. इसलिए अहम है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं और ये दौरा प्रदेश कांग्रेस के भविष्य की राह को काफी कुछ तय करेगा. पिछले दिनों सचिन पायलट गुट के बगावत के बाद अब भी पार्टी असंतोष और गुटबाजी की छाया से गुजर रही है. ऐसे वक्त में राहुल गांधी का राजस्थान आना सचिन पायलट के साथ मंच साझा करना और अशोक गहलोत के राज वाले प्रदेश में जनसभाएं करना इस बात का संकेत है कि आलाकमान राजस्थान की राजनीति को अब हल्के में नहीं लेना चाहता है.

राजस्थान में राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली

दरअसल, मौजूदा दौर में परंपरागत ग्रामीण वोट बैंक कांग्रेस से छिटका है. किसान वर्ग को लेकर कांग्रेस पहले से ही चिंता के दौर से गुजर रही है. ऐसे में किसान सम्मेलन के जरिए वोट बैंक के साथ-साथ आंदरूनी सियासत को साधने की कोशिश राहुल गांधी करेंगे. इस दौरे में सचिन पायलट की भूमिका पर सबकी निगाह टिकी रहेगी. जाहिर है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ राहुल गांधी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सचिन पायलट भी जा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः कृषि कानूनों से देश का किसान अपनी जमीन और अपने ही खेत पर गुलाम बन जाएगा: पायलट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस 2 दिवसीय राजस्थान के प्रस्तावित दौरे को लेकर सियासी हलकों में कई सरगर्मियां परवान पर हैं. चर्चाओं के बीच सबकी नजर राहुल गांधी से सचिन पायलट की मुलाकात पर टिकी हुई है. राजस्थान कांग्रेस में असंतोष के प्रकरण के बाद यह पहला मौका होगा जब राहुल गांधी सचिन पायलट से मुलाकात करेंगे और यह वह वक्त है जिस दौर में सचिन पायलट राजस्थान की कांग्रेस में खुद को स्थापित करने के लिए शक्ति प्रदर्शन के बीच किसान सभाएं कर रहे हैं. ऐसे में किसान महापंचायत और महा सम्मेलन के जरिए पायलट राहुल गांधी के नजदीक आकर स्थानीय कांग्रेस नेताओं को संकेत देने की कोशिश करेंगे.

बता दें, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 12 और 13 फरवरी को राजस्थान दौरे पर रहेंगे. 12 फरवरी को राहुल गांधी पीलीबंगा और पदमपुर में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे. वही, 13 फरवरी को राहुल गांधी अजमेर के किशनगढ़ में किसान सम्मेलन और रुपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली और नागौर के परबतसर और मकराना में किसान सम्मेलन करेंगे. राहुल गांधी का यह दौरा राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के किसानों के प्रति समर्थन को तो दिखा ही रहा है, लेकिन इसके साथ ही राजस्थान में राहुल गांधी के इस दौरे के कई राजनीतिक मायने भी हैं.

राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर सबसे बड़ी राजनीतिक घटना पर हर किसी की नजर है तो वह है राहुल गांधी के दौरे में सचिन पायलट को मिलने वाली जगह पर. दरअसल, अब यह तो तय हो गया है कि सचिन पायलट राहुल गांधी की सभा में पदमपुर और पीलीबंगा भी जाएंगे, तो वहीं अजमेर और नागौर में होने वाली सभाओं और ट्रैक्टर रैली में भी मौजूद रहेंगे, लेकिन अब हर किसी की नजर है कि सचिन पायलट इस पूरे दौरे में राहुल गांधी के साथ कहां बैठते हैं.

यह भी पढ़ेंः लोकतंत्र में किसान की बात उठाना कोई गुनाह नहीं, ...सभी को किसानों का समर्थन करना चाहिए : पायलट

दरअसल, पंजाब में जो ट्रैक्टर रैली राहुल गांधी ने निकाली थी, उसमें मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को ही जगह मिली थी, तो अब राजस्थान में जब ट्रैक्टर रैली होगी तो ट्रैक्टर पर क्या सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अजय माकन के बीच क्या स्थान मिल पाएगा और अगर मिलेगा भी तो किस पद के अनुसार, इस बात को लेकर राजस्थान में चर्चाओं का बाजार गर्म है. वहीं, सभा में भी सचिन पायलट को कहां बैठाया जाता है इस पर भी हर किसी की नजरें रहेंगी.

राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बाद जब सचिन पायलट कैंप ने वापसी की तो अब यह माना जा रहा है कि राजस्थान में सब कुछ सही हो चुका है और पायलट कैंप और गहलोत कैंप अब एक साथ है, लेकिन प्रदेश में जो हालात बने हुए हैं उन्हें देखकर तो यही लगता है कि राजस्थान में अभी सब कुछ ठीक नहीं है. अभी भी पायलट और गहलोत कैंप के विधायकों में दूरियां बरकरार हैं.

राजस्थान में किसानों के समर्थन में लगातार किसान सम्मेलन हो रहे हैं. सचिन पायलट भी पूर्वी राजस्थान में लगातार किसान सम्मेलन कर रहे हैं. सचिन पायलट ने दौसा और भरतपुर में किसान सम्मेलन किया, लेकिन इन किसान सम्मेलनों में भले ही बड़ी तादाद में भीड़ जुटी हो लेकिन गहलोत कैंप से कोई भी विधायक इन सभाओं में शामिल नहीं हुआ. ऐसे में गहलोत और पायलट कैंप के बीच बनी दूरियां साफ तौर पर देखी जा सकती हैं.

यह भी पढ़ेंः राहुल गांधी के आने की सूचना मिलने के बाद शाहजहांपुर बॉर्डर पर बजने लगे ढोल नगाड़े

राहुल गांधी के दौरे से पहले जहां एक ओर सचिन पायलट को सरकारी बंगले में रहने को लेकर बनी अनिश्चितता खत्म हो गई है, वहीं अब सचिन पायलट जिस बंगले में रह रहे हैं वह सरकारी बंगला उन्हें विधानसभा पुल के जरिए अलॉट कर दिया गया है. ऐसे में अब उनके इस बंगले में रहने में किसी तरीके का कोई कानूनी पेचीदगी की नहीं है.

इसके साथ ही सचिन पायलट को एक विधायक होने पर भी जो सीटें मंत्रियों के लिए अलॉट होती हैं वहां पर जगह दे दी गई. हालांकि, सचिन पायलट पहले उप मुख्यमंत्री होते हुए जिस सीट पर बैठते थे वहां तो उन्हें जगह नहीं मिली, लेकिन सचिन पायलट को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बगल में बैठा दिया गया है, जो सबसे आगे की सीट है, जबकि राजनीतिक उठापटक के बाद सचिन पायलट को विपक्ष के साथ ही लगी एक अलग कुर्सी पर बैठाया गया था.

यह भी पढ़ेंः राहुल गांधी के दौरे को लेकर अजय माकन ने मकराना और परबतसर में तैयारियों का लिया जायजा

उधर, सचिन पायलट किशनगढ़ में होने वाली राहुल गांधी की रैली की तैयारियों का जायजा लेते हुए दिखाई दिए. इस दौरान उनके साथ अजय माकन, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा समेत मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री रघु शर्मा और अन्य विधायक मौजूद रहे. इस बात से अब यह तो साफ हो गया है कि सचिन पायलट राहुल गांधी की सभा और ट्रैक्टर रैली में मौजूद रहेंगे, लेकिन अब सवाल केवल इतना रह गया है कि क्या राहुल गांधी के साथ में उनको पहले की तरह बैठाया जाएगा या फिर अब सचिन पायलट, राहुल गांधी से दूर बैठेंगे. सवाल ये भी है कि ट्रैक्टर रैली में भी क्या सचिन पायलट राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर मौजूद रहेंगे.

राजस्थान में सरकार बनने के बाद राहुल गांधी का यह तीसरा दौरा है. इससे पहले राहुल गांधी राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री की शपथ जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर दिलवाई गई थी तब पहुंचे थे. इसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की ओर से जयपुर के विद्याधर नगर में किसान सम्मेलन में आए थे, जहां उन्होंने गहलोत सरकार के किसानों की कर्ज माफी करने को सराहा था. वहीं, तीसरी बार राहुल गांधी अल्बर्ट हॉल पर युवा आक्रोश रैली को संबोधित करने आए थे. इन तीनों दौरों में सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे. ऐसे में हर जगह सचिन पायलट राहुल गांधी के इर्द-गिर्द दिखाई दे रहे थे. ऐसे में अब इस चौथे दौरे पर राहुल गांधी और सचिन पायलट के बीच की दोस्ती फिर से दिखाई देती है या फिर अब वह नजदीकियां दूरियों में बदल जाती हैं यह 12 और 13 फरवरी को ही साफ होगा.

जयपुर. राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों की नजर इस वक्त राजस्थान की सियासत पर टिकी हुई है. इसलिए अहम है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं और ये दौरा प्रदेश कांग्रेस के भविष्य की राह को काफी कुछ तय करेगा. पिछले दिनों सचिन पायलट गुट के बगावत के बाद अब भी पार्टी असंतोष और गुटबाजी की छाया से गुजर रही है. ऐसे वक्त में राहुल गांधी का राजस्थान आना सचिन पायलट के साथ मंच साझा करना और अशोक गहलोत के राज वाले प्रदेश में जनसभाएं करना इस बात का संकेत है कि आलाकमान राजस्थान की राजनीति को अब हल्के में नहीं लेना चाहता है.

राजस्थान में राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली

दरअसल, मौजूदा दौर में परंपरागत ग्रामीण वोट बैंक कांग्रेस से छिटका है. किसान वर्ग को लेकर कांग्रेस पहले से ही चिंता के दौर से गुजर रही है. ऐसे में किसान सम्मेलन के जरिए वोट बैंक के साथ-साथ आंदरूनी सियासत को साधने की कोशिश राहुल गांधी करेंगे. इस दौरे में सचिन पायलट की भूमिका पर सबकी निगाह टिकी रहेगी. जाहिर है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ राहुल गांधी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सचिन पायलट भी जा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः कृषि कानूनों से देश का किसान अपनी जमीन और अपने ही खेत पर गुलाम बन जाएगा: पायलट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस 2 दिवसीय राजस्थान के प्रस्तावित दौरे को लेकर सियासी हलकों में कई सरगर्मियां परवान पर हैं. चर्चाओं के बीच सबकी नजर राहुल गांधी से सचिन पायलट की मुलाकात पर टिकी हुई है. राजस्थान कांग्रेस में असंतोष के प्रकरण के बाद यह पहला मौका होगा जब राहुल गांधी सचिन पायलट से मुलाकात करेंगे और यह वह वक्त है जिस दौर में सचिन पायलट राजस्थान की कांग्रेस में खुद को स्थापित करने के लिए शक्ति प्रदर्शन के बीच किसान सभाएं कर रहे हैं. ऐसे में किसान महापंचायत और महा सम्मेलन के जरिए पायलट राहुल गांधी के नजदीक आकर स्थानीय कांग्रेस नेताओं को संकेत देने की कोशिश करेंगे.

बता दें, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 12 और 13 फरवरी को राजस्थान दौरे पर रहेंगे. 12 फरवरी को राहुल गांधी पीलीबंगा और पदमपुर में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे. वही, 13 फरवरी को राहुल गांधी अजमेर के किशनगढ़ में किसान सम्मेलन और रुपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली और नागौर के परबतसर और मकराना में किसान सम्मेलन करेंगे. राहुल गांधी का यह दौरा राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के किसानों के प्रति समर्थन को तो दिखा ही रहा है, लेकिन इसके साथ ही राजस्थान में राहुल गांधी के इस दौरे के कई राजनीतिक मायने भी हैं.

राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर सबसे बड़ी राजनीतिक घटना पर हर किसी की नजर है तो वह है राहुल गांधी के दौरे में सचिन पायलट को मिलने वाली जगह पर. दरअसल, अब यह तो तय हो गया है कि सचिन पायलट राहुल गांधी की सभा में पदमपुर और पीलीबंगा भी जाएंगे, तो वहीं अजमेर और नागौर में होने वाली सभाओं और ट्रैक्टर रैली में भी मौजूद रहेंगे, लेकिन अब हर किसी की नजर है कि सचिन पायलट इस पूरे दौरे में राहुल गांधी के साथ कहां बैठते हैं.

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दरअसल, पंजाब में जो ट्रैक्टर रैली राहुल गांधी ने निकाली थी, उसमें मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को ही जगह मिली थी, तो अब राजस्थान में जब ट्रैक्टर रैली होगी तो ट्रैक्टर पर क्या सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अजय माकन के बीच क्या स्थान मिल पाएगा और अगर मिलेगा भी तो किस पद के अनुसार, इस बात को लेकर राजस्थान में चर्चाओं का बाजार गर्म है. वहीं, सभा में भी सचिन पायलट को कहां बैठाया जाता है इस पर भी हर किसी की नजरें रहेंगी.

राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बाद जब सचिन पायलट कैंप ने वापसी की तो अब यह माना जा रहा है कि राजस्थान में सब कुछ सही हो चुका है और पायलट कैंप और गहलोत कैंप अब एक साथ है, लेकिन प्रदेश में जो हालात बने हुए हैं उन्हें देखकर तो यही लगता है कि राजस्थान में अभी सब कुछ ठीक नहीं है. अभी भी पायलट और गहलोत कैंप के विधायकों में दूरियां बरकरार हैं.

राजस्थान में किसानों के समर्थन में लगातार किसान सम्मेलन हो रहे हैं. सचिन पायलट भी पूर्वी राजस्थान में लगातार किसान सम्मेलन कर रहे हैं. सचिन पायलट ने दौसा और भरतपुर में किसान सम्मेलन किया, लेकिन इन किसान सम्मेलनों में भले ही बड़ी तादाद में भीड़ जुटी हो लेकिन गहलोत कैंप से कोई भी विधायक इन सभाओं में शामिल नहीं हुआ. ऐसे में गहलोत और पायलट कैंप के बीच बनी दूरियां साफ तौर पर देखी जा सकती हैं.

यह भी पढ़ेंः राहुल गांधी के आने की सूचना मिलने के बाद शाहजहांपुर बॉर्डर पर बजने लगे ढोल नगाड़े

राहुल गांधी के दौरे से पहले जहां एक ओर सचिन पायलट को सरकारी बंगले में रहने को लेकर बनी अनिश्चितता खत्म हो गई है, वहीं अब सचिन पायलट जिस बंगले में रह रहे हैं वह सरकारी बंगला उन्हें विधानसभा पुल के जरिए अलॉट कर दिया गया है. ऐसे में अब उनके इस बंगले में रहने में किसी तरीके का कोई कानूनी पेचीदगी की नहीं है.

इसके साथ ही सचिन पायलट को एक विधायक होने पर भी जो सीटें मंत्रियों के लिए अलॉट होती हैं वहां पर जगह दे दी गई. हालांकि, सचिन पायलट पहले उप मुख्यमंत्री होते हुए जिस सीट पर बैठते थे वहां तो उन्हें जगह नहीं मिली, लेकिन सचिन पायलट को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बगल में बैठा दिया गया है, जो सबसे आगे की सीट है, जबकि राजनीतिक उठापटक के बाद सचिन पायलट को विपक्ष के साथ ही लगी एक अलग कुर्सी पर बैठाया गया था.

यह भी पढ़ेंः राहुल गांधी के दौरे को लेकर अजय माकन ने मकराना और परबतसर में तैयारियों का लिया जायजा

उधर, सचिन पायलट किशनगढ़ में होने वाली राहुल गांधी की रैली की तैयारियों का जायजा लेते हुए दिखाई दिए. इस दौरान उनके साथ अजय माकन, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा समेत मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री रघु शर्मा और अन्य विधायक मौजूद रहे. इस बात से अब यह तो साफ हो गया है कि सचिन पायलट राहुल गांधी की सभा और ट्रैक्टर रैली में मौजूद रहेंगे, लेकिन अब सवाल केवल इतना रह गया है कि क्या राहुल गांधी के साथ में उनको पहले की तरह बैठाया जाएगा या फिर अब सचिन पायलट, राहुल गांधी से दूर बैठेंगे. सवाल ये भी है कि ट्रैक्टर रैली में भी क्या सचिन पायलट राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर मौजूद रहेंगे.

राजस्थान में सरकार बनने के बाद राहुल गांधी का यह तीसरा दौरा है. इससे पहले राहुल गांधी राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री की शपथ जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर दिलवाई गई थी तब पहुंचे थे. इसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की ओर से जयपुर के विद्याधर नगर में किसान सम्मेलन में आए थे, जहां उन्होंने गहलोत सरकार के किसानों की कर्ज माफी करने को सराहा था. वहीं, तीसरी बार राहुल गांधी अल्बर्ट हॉल पर युवा आक्रोश रैली को संबोधित करने आए थे. इन तीनों दौरों में सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे. ऐसे में हर जगह सचिन पायलट राहुल गांधी के इर्द-गिर्द दिखाई दे रहे थे. ऐसे में अब इस चौथे दौरे पर राहुल गांधी और सचिन पायलट के बीच की दोस्ती फिर से दिखाई देती है या फिर अब वह नजदीकियां दूरियों में बदल जाती हैं यह 12 और 13 फरवरी को ही साफ होगा.

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