जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान (Question Hour in Rajasthan Assembly) आबकारी, जलदाय, सिंचाई, कृषि विभाग, परिवहन और खाद्य विभाग से जुड़े सवालों के जवाब आए तो खास बात ये रही कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने भी सवाल लगाया. विधानसभा में आज परवन वृहद सिंचाई परियोजना हेतु अवाप्त भूमि के मुआवजे से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने सदन में बताया कि करीब 23 हजार किसानों की 7722 हेक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है.
उन्होंने कहा कि अटरू नगरपालिका घोषित हो गई, ऐसे में पुरानी रेट से भुगतान नहीं कर सकते हैं. विभाग के निर्णय को पानाचंद मेघवाल ने किसानों के साथ अन्याय बताया तो वहीं स्पीकर सीपी जोशी ने भी कहा कि नियम तो लोगों की सहूलियत के लिए होते हैं. जब आपने कंपनसेशन दिया तो क्या किसानों ने मुआवजा ले लिया. इस पर मंत्री ने कहा कि हमने अवार्ड जारी कर दिया, जिसे मुआवजा दिया जाना ही मानते हैं. इस पर स्पीकर ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि किसानों को मुआवजा नहीं मिला, इसका हमें पता हो. इस पर मंत्री ने सदन में इस मामले को दिखवाने का आश्वासन दिया.
नलकूप और हैंडपंप खोदने के लिए पिछले बजट में हुई घोषणा तो देरी क्यों : रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नलकूप को लेकर सवाल के जवाब में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 ट्यूबवेल और 40 हैंडपंप लगाने का प्रावधान बजट में किया गया है. इस पर अभिनेश महर्षी ने कहा कि 306 हैंडपंप ही अभी लगाए गए हैं. अभी 8000 के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है, जबकि 24 फरवरी 2021 को घोषणा की हुई थी. इस पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि घोषणा में यह नहीं कहा गया कि हर विधानसभा क्षेत्र जितने घोषित हैं पूरे खोदे ही जाएंगे, बल्कि बजट में यह था कि आवयश्कता के आधार पर खोदने की बात थी.
इस पर स्पीकर ने कहा कि (Speaker CP Joshi in Rajasthan Vidhan Sabha) 3 मार्च 2022 को इसका प्रपोजल निकाल रहे हैं. जबकि घोषणा 2021-22 के लिए है. घोषणा इसलिए थी कि गर्मी के मौसम में लोगों को हैंडपंप मिले. स्पीकर के वक्तव्य के बाद मंत्री जोशी ने कहा कि अप्रैल माह तक हम इनको पूरा करने की कोशिश करेंगे.
शराब की अधीकृत दुकानों की सूचना लगेगी सार्वजनिक स्थानों पर : विधानसभा में हनुमानगढ़ जिले में नियम विरुद्ध खोली गई शराब की दुकानों से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर निरोधात्मक कार्रवाई की जाती है और अभियान चलाए जाते हैं.
हनुमानगढ़ जिले में 360 कपोजिट दुकानें संचालित हैं : धार्मिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों आदि के आसपास शराब की दुकान खोलना वर्जित है. 200 मीटर की दूरी में स्थापित नहीं करने का प्रावधान है और प्रदेश में एक भी दुकान इस परिधि में नही है. हनुमानगढ़ जिले में सभी दुकानें नियमानुसार संचालित हैं और इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी है, जिसमें विधायक भी सदस्य हैं. अगर अवैध दुकान है तो वहां शिकायत की जा सकती है. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि अधिकृत दुकानों की सूची सार्वजनिक जगहों पर लगाई जानी चाहिए तो इस पर मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सभी विधायकों को सूची भिजवा दी जाएगी, ताकि उन्हें पता रहे कि यह दुकान है या नहीं.
कांग्रेस विधायक गंगा देवी ने डीपीआर बनाने पर पूछा ये सवाल : विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक गंगा देवी ने डीपीआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या बगरू विधानसभा रबड़ है जो बार-बार डीपीआर बनती है. दरअसल, बगरू विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को बीसलपुर से पेयजल आपूर्ति संबंधी सवाल के जवाब में मंत्री महेश जोशी ने बताया कि 279 करोड़ की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. कस्बा बगरू और 130 गांव सम्मिलित हैं. इस परियोजना का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है. इस संबंध में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
इस जवाब से गंगा देवी नाराज हो गईं और कहा कि बगरू की जनता से भेदभाव क्यों? 2020 में जब डीपीआर बन चुकी तो बार-बार डीपीआर की बात क्यों कह रहे हैं? क्या बगरू विधानसभा कोई रबड़ है जो बार-बार बगरू को योजना की डीपीआर मिलती है, लेकिन काम नहीं होता. इस पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि कोई भी पेयजल परियोजना जल की उपलब्धता के आधार पर बनती है. अभी इस संबंध में सहमति प्राप्त नहीं हुई है.
सदन में उठा मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में पेयजल कनेक्शन का मामला : राजस्थान विधानसभा में सोमवार को विधायक कालीचरण सराफ में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में पेयजल कनेक्शन को लेकर आ रही समस्या के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित किया. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सराफ ने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहने वाले परिवारों की पेयजल से जुड़ी समस्या को उठाया तो वहीं मंत्री महेश जोशी ने बताया कि इस संबंध में तकनीकी समिति बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.
कालीचरण सराफ ने यह मामला शून्यकाल में उठाया और कहा कि 80 हजार मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में पेयजल कनेक्शन देने के लिए सरकार किसी ठोस योजना पर काम नहीं कर रही. अकेले जयपुर में ही इस प्रकार की बिल्डिंगों में रहने वालो ने 10 हजार आवेदन पेयजल विभाग के पास आए हैं, लेकिन नियम में खामी के चलते केवल 3000 को ही कनेक्शन जारी किया गया है. सराफ ने यह भी कहा कि विभाग जयपुर में महल योजना और जगतपुरा सहित कुछ इलाकों में तो मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में 25 रुपये प्रति वर्ग फीट को आधार मानकर शुल्क लेती है, लेकिन दूसरे इलाकों में यह शुल्क 42 रुपये वर्ग फीट के हिसाब से लिया जाता है.
कालीचरण सराफ ने कहा कि इस प्रकार भेदभाव के चलते अधिकतर मल्टीस्टोरी में अंधाधुन बोरिंग खोदे जा रहे हैं, जिससे भूमिगत जल का दोहन हो रहा है. वहीं, अधिकतर इलाकों में फ्लोराइड पानी होने के कारण लोग मजबूरी में बीमारियों से घिर रहे हैं. सर आपने कहा कि अधिकतर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग जेडीए अप्रूव इलाकों में बनाई गई हैं, जिसका पूरा विकास शुल्क भी जेडीए में जमा है. ऐसे में जेडीए और सरकार की जिम्मेदारी है कि यहां रहने वाले प्लेटधारक परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराएं.
विधायक ने इस दौरान आम उपभोक्ताओं से पेयजल के लिए वसूले जाने वाले सामान्य दरों पर ही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में पेयजल कनेक्शन देने की मांग की. वहीं, पेयजल मंत्री महेश जोशी ने कहा कि इस संबंध में क्रेडाई का प्रतिनिधि मंडल भी उनसे मिला है और हम भी चाहते हैं बिना भेदभाव के सबको शुद्ध पेयजल मिल सके मंत्री ने कहा कि तकनीकी समिति जल्द ही इस मामले में अपनी रिपोर्ट देगी. जिसके बाद कनेक्शन दर सहित अन्य मुद्दों पर निर्णय लिया जाएगा.