जयपुर. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने आज एक बार फिर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि इआरसीपी (ERCP) को लेकर उन्होंने जो राजनीति छोड़ने और इस्तीफे की बात कही थी. अब उन्हें अपने कहे शब्दों के अनुसार इस्तीफा दे देना (Mahesh Joshi demands Gajendra Singh Shekhawat resignation) चाहिए, ताकि सब समस्याओं का खुद ही समाधान हो जाए.
महेश जोशी ने कहा कि अब शेखावत अपनी उस बात को घुमा रहे हैं और ब्यूरोक्रेसी को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शेखावत अपने वॉइस सैंपल देने से बचना चाहते हैं, इसीलिए यह कह रहे हैं कि पहले अपने लोगों के वॉयस सैंपल लीजिए. जबकि एक केंद्रीय मंत्री होने के नाते उन्हें वॉइस सैंपल देकर यह कहना चाहिए कि आवाज उनकी नहीं है. उन्होंने कहा कि जनता अब समझ चुकी है. गजेंद्र सिंह प्रदेश की सरकार गिराने की कोशिश भी कर चुके हैं और एक जल शक्ति मंत्री के तौर पर असफल मंत्री भी हैं. तभी इआरसीपी जैसे प्रोजेक्ट को पास करवाना तो दूर उसके लिए प्रयास भी नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि अगर वाकई गजेंद्र सिंह में नैतिक साहस है तो अपनी खुद की घोषणा के अनुसार वह इस्तीफा दें. जोशी ने कहा कि गजेंद्र सिंह एक असफल जल शक्ति मंत्री हैं, जो अपने ईगो में और अपनी आत्ममुग्धता में इतने उलझे हुए हैं कि उन्हें अपने आगे कुछ नजर नहीं आता.
एक केंद्रीय मंत्री होकर ब्यूरोक्रेसी को धमकाना निंदनीय: जोशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री होकर भी ब्यूरोक्रेसी को धमकाना अपने आप में निंदनीय है, क्योंकि जहां ब्यूरोक्रेसी मजबूत होती है वहीं कानून सम्मत तरीके से राज चलता है. राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी के बारे में कहा जा सकता है कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी निष्पक्षता से काम करती है. जोशी ने एसीबी का उदाहरण देते हुए कहा कि एसीबी अगर कोई गलत काम करता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार करती है भले ही कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो. राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी को इस तरह से धमकाना किसी भी तरीके से उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि जब गजेंद्र सिंह राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी को धमकाते हुए 5 लोगों की संख्या बता रहे हैं, तो यह भी बता दें कि वह 5 आईएएस और आईपीएस कौन हैं.