जयपुर. प्रदेश में समर्थन मूल्य पर मूंग उड़द सोयाबीन और मूंगफली की खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 20 अक्टूबर से शुरू होगा. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने दी. अंजना के अनुसार प्रदेश में 850 से अधिक खरीद केन्द्रों पर मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की 1 नवंबर से तथा 18 नवंबर से मूंगफली खरीद की जाएगी.
सहकारिता मंत्री ने बताया कि मूंग के लिए 365, उड़द के लिए 161, मूंगफली के 266 एवं सोयबीन के लिए 79 खरीद केन्द्र चिह्नित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व वर्ष की तुलना में इस वर्ष 500 से अधिक खरीद केन्द्र खोले गए हैं. आंजना ने बताया कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था ई-मित्र एवं खरीद केन्द्रों पर सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक की गई है.
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उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार को मूंग की 3.57 लाख मीट्रिक टन, उडद 71.55 हजार, सोयाबीन 2.92 लाख और मूंगफली 3.74 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लक्ष्य की स्वीकृति भारत सरकार ने दी है. पंजीकरण के अभाव में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद संभव नहीं होगी. आंजना ने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए मूंग के लिए 7196 रुपये एवं उड़द के लिए 6000 रुपये, मूंगफली के लिए 5275 रुपये एवं सोयाबीन के लिए 3880 रुपये प्रति क्विंटल प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया है. किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए खरीद केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार तौल-कांटें लगाए जाएंगे एवं पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध कराया जाएगा.
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता कुंजीलाल मीणा ने बताया कि किसान को जनआधार कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी की प्रति एवं बैंक पासबुक की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड करनी होगी. जिस किसान द्वारा बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाया जाएगा, उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए मान्य नहीं होगा. यदि ई-मित्र द्वारा गलत पंजीयन किए जाते या तहसील के बाहर पंजीकरण किए जाते हैं तो ऐसे ई-मित्रों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि किसान एक जनआधार कार्ड में अंकित नाम में से जिसके नाम गिरदावरी होगी. उसके नाम से एक पंजीयन करवा सकेगा. किसान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस तहसील में कृषि भूमि है, उसी तहसील के कार्यक्षेत्र वाले खरीद केन्द्र पर उपज बेचान हेतु पंजीकरण करावें. दूसरी तहसील में यदि पंजीकरण कराया जाता है तो पंजीकरण मान्य नहीं होगा.
प्रबंध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा ने बताया कि किसान पंजीयन कराते समय यह सुनिश्चित कर लें कि पंजीकृत मोबाइल नंबर से जनआधार कार्ड से लिंक हो, जिससे समय पर तुलाई दिनांक की सूचना मिल सके. किसान प्रचलित बैंक खाता संख्या सही दें, ताकि ऑनलाइन भुगतान के समय किसी प्रकार की परेशानी किसान को नहीं हो. उन्होंने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1800-180-6001 भी 20 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएगा.