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पाठ्यक्रम में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ पर पंजाब राज्यपाल वीपी सिंह को भी ऐतराज, कलराज मिश्र को लिखा पत्र

10वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में मेवाड़ के इतिहास और पौराणिक युद्ध के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के मामले में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर ने राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा कि पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप और राजपूत योद्धाओं से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को दूषित और विकृत करके पढ़ाया जाना बच्चों के मन में भ्रम पैदा करेगा. इसके लिए उन्होंने उच्च सदस्यीय कमेटी गठित करने की भी मांग की है.

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Published : Jul 2, 2020, 9:27 PM IST

Punjab Governor VP Singh Badnore, Tampering with the history of Mewar
राज्यपाल वीपी सिंह ने कलराज मिश्र को लिखा पत्र

जयपुर. राजस्थान में 10वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में मेवाड़ के इतिहास और पौराणिक युद्ध के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के मामले में अब पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर ने भी आपत्ति जताई है. वीपी सिंह ने इस संबंध में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर यह भी कहा कि पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप और महाराणा उदय सिंह जैसे महान राजपूत योद्धाओं से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को दूषित और विकृत करके पढ़ाया जाना बच्चों के मन में भ्रम पैदा करेगा. साथ ही हमारी समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक तथ्यों से भी उन्हें वंचित करेगा.

उच्च स्तरीय कमेटी के गठन का आग्रह

पत्र के जरिए पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह ने यह भी मांग की है कि राजस्थान में इस प्रकार के पाठ्यक्रम के संदर्भ में इतिहासकार और शिक्षाविदों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए. जिससे वह यह भी देखें कि ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की कार्रवाई कैसे हुई और इसमें गलती को सुधारने का काम भी करें, क्योंकि ये जनहित और राजस्थान के हित में जरूरी है.

पढ़ें- महाराणा प्रताप और मेवाड़ के इतिहास के साथ किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा बर्दाश्त : फूल सिंह मीणा

पत्र में पंजाब को मेवाड़ के इतिहास से यू किया कनेक्ट

वीपी सिंह ने अपने पत्र में यह भी लिखा पंजाब में हर साल महाराणा प्रताप जयंती पर एक राजस्थानी कार्यक्रम में होता है. वहीं, पंजाब यूनिवर्सिटी पटियाला में बकायदा इतिहासकार और शिक्षाविदों की इस संबंध में एक चेयर भी बनाई गई है. जहां इतिहासकार और शिक्षाविद आपस में नॉलेज एक्सचेंज भी करते हैं.

वीपी सिंह ने पत्र में लिखा कि सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह खुद महाराणा प्रताप की वीरता और निर्भयता के साथ हल्दीघाटी युद्ध सहित गोरिल्ला युद्ध प्रणाली की भी सराहना कर चुके हैं. पंजाब के राज्यपाल ने लिखा विभिन्न सामाजिक और अन्य संगठन पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव के विरोध में स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देकर अपना विरोध जता चुके हैं. ऐसी स्थिति में आपसे आग्रह है कि आप इस संबंध में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करें, जो पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव पर चर्चा कर आवश्यक सुधार करें.

जयपुर. राजस्थान में 10वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में मेवाड़ के इतिहास और पौराणिक युद्ध के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के मामले में अब पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर ने भी आपत्ति जताई है. वीपी सिंह ने इस संबंध में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर यह भी कहा कि पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप और महाराणा उदय सिंह जैसे महान राजपूत योद्धाओं से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को दूषित और विकृत करके पढ़ाया जाना बच्चों के मन में भ्रम पैदा करेगा. साथ ही हमारी समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक तथ्यों से भी उन्हें वंचित करेगा.

उच्च स्तरीय कमेटी के गठन का आग्रह

पत्र के जरिए पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह ने यह भी मांग की है कि राजस्थान में इस प्रकार के पाठ्यक्रम के संदर्भ में इतिहासकार और शिक्षाविदों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए. जिससे वह यह भी देखें कि ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की कार्रवाई कैसे हुई और इसमें गलती को सुधारने का काम भी करें, क्योंकि ये जनहित और राजस्थान के हित में जरूरी है.

पढ़ें- महाराणा प्रताप और मेवाड़ के इतिहास के साथ किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा बर्दाश्त : फूल सिंह मीणा

पत्र में पंजाब को मेवाड़ के इतिहास से यू किया कनेक्ट

वीपी सिंह ने अपने पत्र में यह भी लिखा पंजाब में हर साल महाराणा प्रताप जयंती पर एक राजस्थानी कार्यक्रम में होता है. वहीं, पंजाब यूनिवर्सिटी पटियाला में बकायदा इतिहासकार और शिक्षाविदों की इस संबंध में एक चेयर भी बनाई गई है. जहां इतिहासकार और शिक्षाविद आपस में नॉलेज एक्सचेंज भी करते हैं.

वीपी सिंह ने पत्र में लिखा कि सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह खुद महाराणा प्रताप की वीरता और निर्भयता के साथ हल्दीघाटी युद्ध सहित गोरिल्ला युद्ध प्रणाली की भी सराहना कर चुके हैं. पंजाब के राज्यपाल ने लिखा विभिन्न सामाजिक और अन्य संगठन पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव के विरोध में स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देकर अपना विरोध जता चुके हैं. ऐसी स्थिति में आपसे आग्रह है कि आप इस संबंध में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करें, जो पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव पर चर्चा कर आवश्यक सुधार करें.

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