जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहे अघोषित शीत युद्ध के बीच आज दोनों नेता पंजाब में चल रहे चुनाव प्रचार में ताकत झोंक रहे हैं. सचिन पायलट और अशोक गहलोत (Congress Strategy in Punjab Assembly Election) दोनों ही वह नेता हैं जो राजस्थान से ज्यादातर राज्यों के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल हैं.
चूंकि 9 फरवरी से राजस्थान में बजट सत्र शुरू हो चुका था, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी राज्यों में प्रचार करने नहीं पहुंच सके थे. वहीं, अब जैसे ही विधानसभा में 1 सप्ताह का अवकाश आया, वैसे ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चुनावी राज्य पंजाब का रुख कर लिया है. वह चरणजीत सिंह चन्नी को फिर से पंजाब का मुख्यमंत्री बनवाने के लिए (CM Gehlot Supported Charanjit Singh Channi) जनता से अपील करते दिखाई दिए.
पायलट सभी राज्यों में कर रहे प्रचार तो गहलोत आज गए पहली बार प्रचार के लिए : राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट लगातार पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. चाहे उत्तराखंड हो, मणिपुर हो, उत्तर प्रदेश हो, गोवा हो या फिर पंजाब, सभी राज्यों में वह प्रचार करते हुए दिखाई दिए. लेकिन विधानसभा में व्यस्तता के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब तक चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा सके थे. वहीं, आज पहली बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव प्रचार के लिए पंजाब पहुंचे और पंजाब पहुंचते ही वे लुधियाना सेंट्रल से प्रत्याशी सुरेंद्र के पक्ष में प्रचार करते दिखाई दिए. इसके आगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चंडीगढ़ पहुंचेंगे, जहां चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आज रात ही वापस जयपुर लौट आएंगे.
आज पंजाब में दोनों नेता, लेकिन अलग-अलग : भले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच (Future of Congress in Punjab) अब कहने को सबकुछ ठीक चल रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि राजस्थान में रहते हुए भी कम ही ऐसे अवसर आते हैं, जब दोनों नेता एक साथ नजर आते हैं. राजस्थान में जब विधायकों का चिंतन शिविर 6, 7 और 8 फरवरी को बुलाया गया था तो पायलट और गहलोत की मुलाकात केवल 7 फरवरी को विधायक दल की बैठक के दौरान हुई थी.
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उसके बाद विधानसभा सत्र में पायलट पांच राज्यों के चुनाव में प्रचार के चलते नहीं पहुंचे और अब विधानसभा सत्र के अवकाश होते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पंजाब का रुख कर लिया है. लेकिन दोनों नेता पंजाब में भी साथ दिखाई नहीं दिए और अलग-अलग सीटों पर प्रचार करते दिखाई दिए. सचिन पायलट जहां पिछले 3 दिनों से पंजाब में प्रचार कर रहे हैं और ईधर अशोक गहलोत पंजाब पहुंचे हैं और उधर सचिन पायलट पंजाब से वापस राजस्थान के जोधपुर के लिए रवाना होंगे. इसलिए राजस्थान के बाद पंजाब में भी दोनों नेता एक साथ दिखाई नहीं देंगे.
5 राज्यों के चुनावों में प्रियंका गांधी के नजदीक आए पायलट, जीत रहे आलाकमान का भरोसा : राजस्थान में सियासी उठापटक के बाद भले ही सचिन पायलट की वापसी कांग्रेस पार्टी में हो गई हो, लेकिन अब भी सचिन पायलट को इंतजार है कि कांग्रेस पार्टी उन्हें क्या पद देती है. हालांकि, सचिन पायलट बिना पद के ही पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन इन पांच राज्यों के चुनाव में जिस तरह से राजस्थान के बड़े-बड़े नेताओं को छोड़कर केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को ही सभी राज्यों में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी है, उससे सचिन पायलट के कद का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है.
इन पांच राज्यों के चुनाव के दौरान सचिन पायलट कभी प्रियंका गांधी के साथ ट्रैक्टर में बैठकर प्रचार (PiIot and Priyanka Role in Assembly Election 2022) करते दिखाई दिए तो कभी प्रियंका गांधी की कार को ड्राइव करते हुए उनके वीडियो सामने आए. वहीं, 15 फरवरी को सचिन पायलट और प्रियंका गांधी की चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हुई मुलाकात के मायने भी यह निकाले जा रहे हैं कि पायलट अब आलाकमान के दिन-ब-दिन नजदीक पहुंच रहे हैं.
गहलोत बोले- चन्नी ऐसे मुख्यमंत्री जिनके चलते पंजाब ही नहीं, राजस्थान में भी हमें करने पड़े पेट्रोल के दाम कम : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज पंजाब पहुंच गए हैं. पंजाब पहुंचते ही उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में (Ashok Gehlot on Punjab Tour) पब्लिक मीटिंग को भी संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को राजस्थान में हुई पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी का कारण बताया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री रहते जब चरणजीत सिंह चन्नी ने पेट्रोल के दाम कम किए, उस समय राजस्थान में देश का सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा था और जब चरणजीत सिंह चन्नी ने पेट्रोल के दाम कम किए तो हमें भी लगा कि जनता को पेट्रोल-डीजल की कीमतों से राहत देनी चाहिए. वहीं, संत रविदास जयंती के चलते पंजाब के चुनाव को 14 फरवरी की जगह 20 फरवरी को करवाए जाने के लिए भी उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी की मेहनत को ही जिम्मेदार ठहराया.
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