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PUCL का UAPA व राष्ट्रद्रोह कानून को वापस लेने को लेकर आव्हान

जयपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर पीयूसीएल के नेतृत्व में गांधी सर्किल पर धरना दिया गया. धरने पर जनता ने उपवास रख गोलबंदी का ऐलान किया. जहां यूएपीए और राष्ट्रदोह कानून को वापस लेने को लेकर आव्हान किया गया.

Public strike in Jaipur, जयपुर में आमजन का धरना
जयपुर में आमजन का धरना
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Published : Jan 30, 2021, 6:56 PM IST

जयपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर शनिवार को किसानों के समर्थन में धरना दिया गया. पीयूसीएल के नेतृत्व में जयपुर के गांधी सर्किल पर दिए गए धरने पर जनता ने उपवास रख गोलबंदी का ऐलान किया. जहां यूएपीए और राष्ट्रदोह कानून को वापस लेने को लेकर आव्हान किया गया.

जयपुर में आमजन का धरना

इस मौके पर भारतीय महिला फेडरेशन राजस्थान की अध्यक्ष सुनीता चतुर्वेदी ने बताया कि, किसान आंदोलन में साजिश के तहत जो किसान नेताओं पर केस लगाए गए, उनको वापस लेकर आज अहिंसा उपवास रखा गया. जिस तरह से 70 दिनों से किसान अहिंसात्मक रूप से बैठे हुए है. जिन्होंने कोई हिंसा नहीं की, लेकिन अचानक साजिश के तहत कार्रवाई की गई और लोकल लोगों के नाम पर किसानों के साथ जबर्दस्ती गुंडागर्दी हुई. इसमें किसानों को बदनाम किया जा रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है.

पढ़ें- अशोक गहलोत ने लॉन्च की आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, 1.10 करोड़ परिवारों को मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि, किसानों के समर्थन में पीयूसीएल पूर्ण अहिंसावादी है और जिन वाजिब मांगो को लेकर किसान अपनी पीढ़ियों के हिंतो को लेकर आंदोलन कर रहे है, उनको लेकर गांधीजी को याद कर रहे है. क्योंकि गांधीजी का मानना था कि अभिव्यक्ति की आजादी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है, लेकिन आज का UAPA कानून देश में आंदोलनों को कुचलने के दमनकारी कानून बन गया है. ऐसे में पीयूसीएल ने गांधीजी के राजनैतिक आजादी के आदर्श को केंद्र में रख कर भारतीय दंड सहिंता की राष्ट्रदोह की धारा 124A और UAPA कानून को वापस लेने का आव्हान किया.

जयपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर शनिवार को किसानों के समर्थन में धरना दिया गया. पीयूसीएल के नेतृत्व में जयपुर के गांधी सर्किल पर दिए गए धरने पर जनता ने उपवास रख गोलबंदी का ऐलान किया. जहां यूएपीए और राष्ट्रदोह कानून को वापस लेने को लेकर आव्हान किया गया.

जयपुर में आमजन का धरना

इस मौके पर भारतीय महिला फेडरेशन राजस्थान की अध्यक्ष सुनीता चतुर्वेदी ने बताया कि, किसान आंदोलन में साजिश के तहत जो किसान नेताओं पर केस लगाए गए, उनको वापस लेकर आज अहिंसा उपवास रखा गया. जिस तरह से 70 दिनों से किसान अहिंसात्मक रूप से बैठे हुए है. जिन्होंने कोई हिंसा नहीं की, लेकिन अचानक साजिश के तहत कार्रवाई की गई और लोकल लोगों के नाम पर किसानों के साथ जबर्दस्ती गुंडागर्दी हुई. इसमें किसानों को बदनाम किया जा रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है.

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उन्होंने कहा कि, किसानों के समर्थन में पीयूसीएल पूर्ण अहिंसावादी है और जिन वाजिब मांगो को लेकर किसान अपनी पीढ़ियों के हिंतो को लेकर आंदोलन कर रहे है, उनको लेकर गांधीजी को याद कर रहे है. क्योंकि गांधीजी का मानना था कि अभिव्यक्ति की आजादी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है, लेकिन आज का UAPA कानून देश में आंदोलनों को कुचलने के दमनकारी कानून बन गया है. ऐसे में पीयूसीएल ने गांधीजी के राजनैतिक आजादी के आदर्श को केंद्र में रख कर भारतीय दंड सहिंता की राष्ट्रदोह की धारा 124A और UAPA कानून को वापस लेने का आव्हान किया.

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