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Rajasthan High Court: यात्री बसों को माल ढुलाई का लाइसेंस देने के खिलाफ जनहित याचिका दायर

राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में चलने वाली निजी बसों को माल ढुलाई का लाइसेंस देने का प्रावधान करने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी.

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राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Aug 9, 2022, 7:50 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 11:44 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में चलने वाली निजी बसों को माल ढुलाई का लाइसेंस देने का प्रावधान करने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ अगले सप्ताह सुनवाई करेगी. मुस्कान खंडेलवाल की ओर से दायर इस जनहित याचिका में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य के मुख्य सचिव, परिवहन आयुक्त और आरटीओ को पक्षकार बनाया गया है.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 27 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी कर निजी यात्री बसों के लिए स्कीम जारी की है. इसके तहत यात्री बसें निर्धारित लाइसेंस लेकर माल की ढुलाई कर सकती हैं. याचिका में कहा गया कि ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के तहत बस बॉडी की छत पर परिवहन करना नियमों के खिलाफ है. इसके अलावा छत पर माल रखने या यात्रियों को बैठाकर बस चलाना जानलेवा साबित हो सकता है. अब तक ऐसी बसों से अब तक कई घटनाएं हो चुकी है. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार करोड़ों रुपए कमाने के लिए लोगों की जान से खेल रही है. इसलिए इस नोटिफिकेशन को वापस लिया जाए.

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में चलने वाली निजी बसों को माल ढुलाई का लाइसेंस देने का प्रावधान करने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ अगले सप्ताह सुनवाई करेगी. मुस्कान खंडेलवाल की ओर से दायर इस जनहित याचिका में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य के मुख्य सचिव, परिवहन आयुक्त और आरटीओ को पक्षकार बनाया गया है.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 27 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी कर निजी यात्री बसों के लिए स्कीम जारी की है. इसके तहत यात्री बसें निर्धारित लाइसेंस लेकर माल की ढुलाई कर सकती हैं. याचिका में कहा गया कि ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के तहत बस बॉडी की छत पर परिवहन करना नियमों के खिलाफ है. इसके अलावा छत पर माल रखने या यात्रियों को बैठाकर बस चलाना जानलेवा साबित हो सकता है. अब तक ऐसी बसों से अब तक कई घटनाएं हो चुकी है. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार करोड़ों रुपए कमाने के लिए लोगों की जान से खेल रही है. इसलिए इस नोटिफिकेशन को वापस लिया जाए.

Last Updated : Aug 9, 2022, 11:44 PM IST
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