जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के चलते कांग्रेस पार्टी के विधायक ही नहीं बल्कि पूरी सरकार उदयपुर में चल रही बड़ाबंदी में है. नतीजन राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली मंत्री जनसुनवाई में पहुंचने वाले फरियादियों पर इसका सीधा असर पड़ा (Side effects of Congress political fencing) है. क्योंकि पूरी सरकार के बाड़ाबंदी में चले जाने से कांग्रेस मुख्यालय पर होने वाली जनसुनवाई भी स्थगित हो गई है.
वैसे कांग्रेस मुख्यालय पर होने वाली जनसुनवाई में कोई पहली बार रुकावट नहीं आई है. यह तीसरा मौका है जब जनसुनवाई पर ब्रेक लगा है. पहले दो बार कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बाद जनसुनवाई स्थगित करनी पड़ी. इस बार जब 23 मई से जनसुनवाई शुरू हुई, तो केवल 2 दिन ही जनसुनवाई हो सकी. क्योंकि तीसरे दिन ही मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय और ममता भूपेश जनसुनवाई करने नहीं पहुंचे. इसके बाद केवल 1 दिन ही जनसुनवाई हुई, जिसमें भी दो में से एक ही मंत्री पहुंचा.
1 जून को कांग्रेस की राज्य स्तरीय वर्कशॉप के चलते जन सुनवाई नहीं हुई. यानी 23 मई से शुरू हुई जनसुनवाई अब तक केवल 4 दिन ही हो सकी है. अब 13 जून से ही पीसीसी में जनता दरबार लग सकेगा. आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सप्ताह के शुरुआती 3 दिन सोमवार, मंगलवार और बुधवार को जनता दरबार लगता है जिसमें दो मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के तीन पदाधिकारी सुबह 11 से 2 बजे तक प्रदेश कांग्रेस पहुंचने वाले फरियादियों की शिकायतें और समस्याएं सुनते हैं.