जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर सोमवार से बुधवार तक जनसुनवाई का दौर (Public Hearing in Jaipur PCC Office) चलता है. जनसुनवाई में मंत्री आम लोगों की फरियाद को सुनते हैं और उन्हें पूरा करने का प्रयास करते हैं. आज को भी कांग्रेस मुख्यालय पर मंत्री दरबार लगा, लेकिन रोजाना की तरह मंत्री जो बैठकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं, वह नजारा आज प्रदेश कांग्रेस में दिखाई नहीं दे रहा था, बल्कि मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास खुद लोगों के बीच पहुंच कर उनकी फरियाद सुन रहे थे.
इस दौरान जब मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास लोगों के बीच जाकर (Pratap Singh Khachariyawas Jaipur Jansunwai) जनसुनवाई कर रहे थे तो उनकी सहायता के लिए पहुंचे संगठन के पदाधिकारियों के पास केवल खड़े होकर देखने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा. हालांकि, जनसुनवाई में कुछ देरी से पहुंचे मंत्री राजेंद्र यादव जब प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे तो उन्होंने सीट पर बैठकर ही जनसुनवाई की, तब कहीं जाकर पदाधिकारी मंत्री राजेंद्र यादव के साथ बैठे.
इस दौरान राजेंद्र यादव से जब पूछा गया कि उनके मंत्री तो लोगों के बीच में जाकर घूम-घूम कर जनसुनवाई कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि (Minister Rajendra Yadav on Khachariyawas) मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का आकर्षण भी अलग है और उनका काम करने का स्टाइल भी और मौके पर ही उसका निदान करने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान एक महिला उनके पास पहुंची, जिसने अपने बच्चों की शिकायत करते हुए कहा कि उसे घर पर नहीं रहने दिया जा रहा है. वहीं, एक महिला के पास सिलेंडर बनाने के पैसे नहीं थे तो उसे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जेब से निकालकर 500 रुपये भी दिए.
प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे नहीं देने पर होगी कार्रवाई...
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आज अपनी जनसुनवाई के दौरान प्रशासन शहरों के संग अभियान में जेडीए और नगर निगम के अधिकारियों से नाराजगी भी जताई. उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत जेडीए और नगर निगम के अधिकारी पट्टे बांटने में कोताही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब वह खुद एंपावर्ड कमेटी में बैठेंगे और यह देखेंगे कि यह लापरवाही कौन (Minister Khachariyawas Warned Officials) अधिकारी कर रहे हैं और जो अधिकारी इसमें लिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी. इसके साथ ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जनता का काम करने के लिए हम तो केवल निमित्त मात्र हैं. असल में काम उसी का होता है जिसका भगवान काम करवाना चाहता है.