जयपुर. पीटीआई भर्ती 2018 के 3 हजार 907 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के बीच में फंसी हुई है. चयनित अभ्यर्थी सोमवार को सांसद किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से उनके निवास पर मिलने पहुंचे. चयनित अभ्यर्थियों ने मंत्री डोटासरा से नियुक्ति की मांग की.
मंत्री डोटासरा ने कहा कि आधी अधूरी सूची होने के चलते चयनितों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है. मंत्री ने चयनितों को आश्वासन देते हुए कहा कि सप्ताहभर में बची हुई 748 पदों की भी सूची जारी कर दी जाएगी. इसके बाद तीन दिन में काउंसलिंग करवाकर सभी को नियुक्ति दे दी जाएगी. दरअसल, ये भर्ती दो जगहों पर फंसी है. जिसके चलते अभ्यर्थियों को नियुक्तियां नहीं मिल पा रही है. नियुक्ति के लिए निदेशालय चयनितों के मेरिट क्रमांक मांग रहा है. जबकि बोर्ड सभी पदों पर योग्य अभ्यर्थियों के मिलने पर ही मेरिट सूची बनाने की बात कर रहा है.
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ये था मामला
कर्मचारी चयन बोर्ड ने डेढ़ साल पहले मई 2018 में 4 हजार 500 पदों के लिए पीटीआई भर्ती की अधिसूचना जारी की थी. यह भर्ती परीक्षा 30 सितंबर 2018 को आयोजित हुई. इसका परिणाम एक जनवरी 2019 को जारी किया गया. जिसके बाद पदों के मुकाबले डेढ़ गुना अभ्यर्थियों को दस्तावेज जांच के लिए बुलाया गया. बोर्ड ने 13 फरवरी से 19 फरवरी तक और 10 जून से 13 जून तक अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन का काम भी कर लिया.
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इस बीच एम बी सी आरक्षण लागू होने के कारण इस भर्ती में पदों की संख्या बढ़कर 4 हजार 655 हो गई. इसके बाद 26 सितंबर को इस भर्ती के 3 हजार 627 चयनितों की प्रथम सूची जारी की गई. यह सूची बोर्ड ने निदेशालय को जॉइनिंग की अनुशंसा के साथ भिजवा दी. इसके बाद दूसरी सूची 25 अक्टूबर को जारी की गई. इसमें 280 अभ्यर्थियों का अंतिम चयन कर नियुक्ति की सिफारिश की गई है.
वहीं 4 हजार 655 पदों में से बोर्ड ने निदेशालय को 3 हजार 907 चयनितों की सूची भिजवा दी. लेकिन निदेशालय ने किसी को नियुक्ति नहीं दी. अब मामला बोर्ड और निदेशालय दोनों के बीच फंसा हुआ है. अभी भी 748 पदों की चयनितों की सूची जारी होना शेष है.