जयपुर. नगर निगम चुनाव में महापौर के प्रत्याशी चयन को लेकर अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज में अंदरखाने चल रहे नाराजगी खुलकर बाहर आने लगी है. गुरुवार को दिनभर सोशल मीडिया पर भड़ास निकालने के बाद अब अल्पसंख्यक समाज का विरोध पीसीसी मुख्यालय तक पहुंच गया है. एक ओर जहां समाज के विभिन्न संगठन मुस्लिम मुसाफिर खाने में बैठकर कांग्रेस और सरकार को सबक सिखाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. वहीं, मुस्लिम प्रोग्रेसिव फोरम के बैनर तले शुक्रवार को दो दर्जन से ज्यादा नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया.
प्रदेश कांग्रेस के सदस्य मोहम्मद शरीफ के नेतृत्व में शुरू हुए धरने में नेताओं ने कांग्रेस नेताओं और पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की और रफीक खान, अमीन कागजी, महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास के विरोध में जमकर नारेबाजी की. इस दौरान पीसीसी सदस्य और मुस्लिम प्रोग्रेसिव फोरम के अध्यक्ष शरीफ खान और इंटक के महामंत्री बाबू भाई फ्रिज वाला ने कांग्रेस पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते कांग्रेस ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो आने वाले चुनावों में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
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इन नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने हमेशा अल्पसंख्यक वर्ग को वोट बैंक के रूप में देखा है, इसके बावजूद भी कांग्रेस ने नगर निगम चुनाव और राजनीतिक नियुक्तियों में कोई तवज्जो नहीं दी. नेताओं ने का कहना है कि नगर निगम चुनाव में जयपुर हेरिटेज में 29 मुस्लिम पार्षद चुनकर आए हैं, उसके बावजूद भी एक अन्य समाज की महिला को महापौर बना दिया गया, जो कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ.
गौरतलब है कि जयपुर हेरिटेज नगर निगम में मुनेश कुमारी को महापौर पद का प्रत्याशी बनाया है. इसके बाद से ही अन्य वर्ग में गहरी नाराजगी सामने आ रही है, हालांकि मुस्लिम समाज की नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस के आला नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं और इस समाज को उपमहापौर पद देने का वादा भी कर दिया है, लेकिन मुस्लिम नेताओं का कहना है कि उपमहापौर पद का झुनझुना कांग्रेस होने नहीं दे. उन्हें महापौर से कम किसी पद पर संतोष नहीं है.