जयपुर. सचिवालय में UDC से ASO की रिव्यू DPC कराने की मांग (Demand to get DPC review of ASO from UDC) को लेकर एक बार फिर कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. मांग को लेकर नाराज कर्मचारियों ने सचिवालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना (Protest In Secretariat) शुरू कर दिया है. कर्मचारियों ने साफ कर दिया कि जब तक मांग नही मानी जाएगी धरना जारी रहेगा.
दरअसल सचिवालय UDC कर्मचारियों की नाराजगी है कि 15 जुलाई 2020 को लिपिक ग्रेड प्रथम से सहायक अनुभागाधिकारी के पदों पर रोस्टर नियमों की पालना नहीं की गई. जो डीपीसी आयोजित हुई उसमें सहायक अनुभागाधिकारी के स्वीकृत पदों की संख्या एससी-एसटी को अनुपात का लाभ नहीं दिया गया. कुल पदों की संख्या
401 थी. पदोन्नति में आरक्षण के सन्दर्भ में पदभार अनुपात में एससी/एसटी क्रमशः 16, 12 प्रतिशत के अनुसार पदों की संख्या क्रमशः 64, 48 होती है. इसका अनुपात नहीं दिया.
आरक्षित वर्ग की जगह अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्त कर दिया जो नियमों के विरुद्ध है. विभाग ने रोस्टर नियमों की पालना नहीं करने का भी आरोप लगाया. नेता कजोड़ मल मीणा ने कहा कि पदोन्नति के नियमों में स्पष्ट है कि आरक्षित वर्ग के पदों को आरक्षित वर्ग से ही भरा जाता है, लेकिन जो डीपीसी की गई उसमें आरक्षित वर्ग के स्थान पर अनारक्षित वर्ग के लोगों को शामिल कर दिया गया. इसकी वजह से आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कार्मिक विभाग की ओर से ही एससी/एसटी के कार्मिकों को संविधान की ओर से मिले प्रदत्त अधिकारों का हनन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक संतोषजनक हल नहीं निकाल जाता धरने पर बैठे रहेंगे. मीणा ने कहा कि विसंगति के बारें में उच्चाधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बावजूद अब तक इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.
कर्मचारी संघ और अधिकारी संघ के नेता भी पहुंचे
धरने पर बैठे यूटीसी कर्मचारियों को कर्मचारी संघ और अधिकारी संघ का भी समर्थन मिला है. कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अभिमन्यु शर्मा और सचिवालय अधिकारी संघ के अध्यक्ष मेघराज पवार भी धरना स्थल पर पहुंचे हैं.