जयपुर. शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था, सीवरेज और लाइट की समस्या को लेकर बीजेपी पार्षदों ने निगम मुख्यालय पर धरना दिया. इस दौरान पार्षदों ने महापौर और निगमायुक्त पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. साथ ही शहर में बीवीजी का काम आए दिन ठप होने और सावन के महीने में शिवालयों के बाहर पसरी गंदगी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने शहर की समस्याओं का निस्तारण नहीं करने की स्थिति में प्रदर्शन को उग्र करने की चेतावनी भी दी.
एक तरफ शहर के महापौर विष्णु लाटा जन सुनवाई के लिए बुधवार को सांगानेर जोन पहुंचे हैं. वहीं, दूसरी तरफ निगम मुख्यालय पर बीजेपी पार्षदों ने शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था के खिलाफ धरना दिया. जयपुर विकास समिति महासंघ और बीजेपी पार्षद राखी राठौड़, मान पंडित और अनिल शर्मा धरने पर बैठ.
इस दौरान उन्होंने महापौर और निगमायुक्त पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि गैराज शाखा में जितने भी संसाधन थे, वो निगम ने बीवीजी को गिरवी रख दिए हैं. मेयर और कमिश्नर की मिलीभगत से घरों से कचरा उठाने का जो खर्चा पहले 400 से ₹500 प्रति टन आता था, वो अब ₹1600 प्रति टन आ रहा है. यानी हर दिन कचरा संग्रहण में प्रति टन 1000 से ज्यादा रुपए का घपला किया जा रहा है.
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वहीं, बीजेपी पार्षदों ने बताया कि अब बीवीजी की गाड़ियों ने घरों तक आना बंद कर दिया है. बरसात के मौसम में गंदगी के ढेर और बदबू से शहर पटा हुआ है. लोगों पर मौसमी बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. यही नहीं सावन के महीने में शिवालयों के बाहर भी गंदगी का अंबार है.
बहरहाल, पार्षदों ने 7 दिन में शहर की बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग करते हुए ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. बीजेपी पार्षदों की ये तमाम मांगे जायज तो हैं, लेकिन चुनावी सीजन से ठीक पहले कुछ हद तक पब्लिक स्टंट भी प्रतीत हो रही हैं. खैर, देखना होगा कि बीजेपी पार्षदों के इस धरने और चेतावनी का निगम प्रशासन पर कितना असर होता है.