जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में सरकार के जमीन अधिग्रहण का विरोध तेज हो (Land Acquisition of Maharaja College for IPD Tower in Jaipur) गया है. यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कर्मचारियों ने शुक्रवार को कुलपति सचिवालय पर प्रदर्शन करते हुए कुलाधिपति के नाम कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा. इस दौरान कुलपति ने सिंडिकेट में लिए गए फैसले पर अडिग रहते हुए जमीन देने से इनकार किया.
आईपीडी टावर के लिए जीएसएस और सड़क के लिए महाराजा कॉलेज परिसर की 10 वर्गमीटर भूमि ली जानी है. इसमें 2000 वर्ग मीटर भूमि सब स्टेशन और शेष भूमि से 50 फीट चौड़ी सड़क को 160 फिट चौड़ा किया जाएगा. लेकिन सिंडिकेट की पिछले दिनों हुई बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं हुआ. शुक्रवार को कर्मचारियों और शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान कुलपति ने उन्हें संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि सिंडिकेट विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी बॉडी है. जिसमें यूनिवर्सिटी की ओर से जमीन दिए जाने के प्रस्ताव को मना कर दिया.
यूनिवर्सिटी में कोई भी सिंडिकेट से ऊपर नहीं हो सकता. वो सिंडीकेट के निर्णय पर अडिग हैं. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी अपनी जमीन शैक्षिक कार्यों को आगे बढ़ाने के काम में ले सकती है. राजस्थान विश्वविद्यालय 1947 से स्थापित है, यहां शैक्षिक कार्यों के उन्नयन और विकास के लिए जमीन की और आवश्यकता है. ऐसे में सिंडीकेट की मीटिंग में इस बात को पुरजोर तरीके से रखा गया है. वहीं अशैक्षणिक कर्मचारी संघ ने कहा कि राजस्थान के दूरदराज क्षेत्रों से जो छात्र महाराजा कॉलेज में पढ़ने के लिए आते हैं. उनके आवास के लिए छात्रावास बना हुआ है. यही वजह है कि इस जमीन को लिए जाने का यहां के शिक्षक और कर्मचारी पुरजोर विरोध कर रहे हैं.
इसके अलावा शिक्षक संघ ने भी सुर से सुर मिलाकर कहा कि सरकार को किसी भी कीमत पर जमीन अधिग्रहण नहीं करने दिया जाएगा. सरकार ने इससे पहले सात बार यूनिवर्सिटी की जमीन अधिग्रहण की है. लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. आपको बात दें कि आईपीडी टावर के लिए 133 ग्रिड सभी स्टेशन और सड़क को चौड़ा करने के लिए महाराजा कॉलेज के गोखले हॉस्टल की जमीन अधिग्रहण करने के प्रस्ताव का विरोध हो रहा है. बीते दिनों यूडीएच मंत्री ने इसे जनहित का मामला बताते हुए यूनिवर्सिटी कुलपति को एक बार फिर सिंडीकेट की बैठक बुलाकर विचार करने को कहा था.