जयपुर. राजधानी के मुसाफिर खाने के पास नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ मुस्लिम संगठनों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. इस प्रदर्शन में हजारों लोगों ने भाग लेकर विरोध जताया और इस कानून को वापस लेने की मांग की.
प्रदर्शन के दौरान हजारों लोगों के हाथों में तिरंगा था और वे नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. उन्होंने इस काले कानून को वापस लेने की मांग की. हजारों लोगों ने एक ही स्वर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी किसी भी सूरत में उन्हें मंजूर नहीं है. मंच पर बैठे जनप्रतिनिधियों और संगठन के पदाधिकारियों ने भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कानून पास किया है, वह काला कानून है और इसे वापस लेना ही चाहिए. धार्मिक आधार पर भेदभाव किसी भी सूरत में मंजूर नहीं किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- CAA पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा-देश में लगा है अघोषित आपातकाल
युवाओं ने एक ही तरह की टी-शर्ट पहन कर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध जताया. टी-शर्ट पर इस कानून और एनआरसी के विरोध में नारे लिखे हुए थे. यह सभी युवा प्रदर्शन में आकर्षण का केंद्र बने.
मंच पर यह नेता रहे मौजूद :
मंच पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद, विधायक रफीक खान और अमीन कागजी, जमात ए इस्लामी हिंद के प्रदेश अध्यक्ष नाजीमुद्दीन, सुन्नी सेंट्रल कमेटी के सदस्य हाजी रफत और मुफ़्ती खालिद अयूबी, फोरम फ्रंट डेमोक्रेसी एंड कम्युनल एमिटी के सवाई सिंह, शहर मुफ्ती जयपुर जाकिर नोमानी, समाजसेवी कविता श्रीवास्तव व अरुणा रॉय, शिया जामा मस्जिद के इमाम मौलाना सैयद नाजिश काजमी, देश बचाओ संविधान बचाओ मोर्चा के मीडिया प्रवक्ता नईम रब्बानी भी मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें- CAA के विरोध में कांग्रेस का शांति मार्च, वैभव गहलोत और लालचंद कटारिया ने साधा केन्द्र सरकार पर निशाना
मंच पर बैनर पर काले अक्षरों में दिखा विरोध :
प्रदर्शन के दौरान एक खास बात और देखने को मिली. प्रदर्शन में जो मंच बनाया गया था, उस मंच के पीछे बैनर लगा था. बैनर पर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध काले अक्षरों में ही लिखा हुआ था. सभी मुस्लिम संगठन व अन्य संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून को काला कानून बताया, इसीलिए बैनर पर विरोध भी काले अक्षरों में ही लिखा हुआ था.
बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची प्रदर्शन में :
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में आक्रोश जताने के लिए महिलाएं भी काफी संख्या में पहुंची. इस दौरान महिलाओं ने अपने हाथों में विरोध के नारे लिखी तख्तियां भी अपने हाथों में ली हुई थी. सभी ने मोदी सरकार के इस कानून को काला कानून बताया और इसे वापस लेने की मांग की. इस प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया था. मुख्य सड़क पर हुए इस प्रदर्शन में तीन तरफ से बैरिगेट्स लगाकर ट्रैफिक भी रोक दिया गया, ताकि किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। डिप्टी स्तर के पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए मोर्चा संभाला हुआ था. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार थी.