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कोरोना के चलते आवश्यक उपकरणों को छोड़ नए वाहन और अन्य उपकरणों की खरीद पर लगा प्रतिबंध - equipment due to corona in rajasthan

कोरोना के चलते राजकीय व्यय में मितव्ययता बरतने के निर्देश सहित महामारी की रोकथाम और उपचार के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद हो सकेगी. साथ ही नए वाहन और अन्य उपकरणों की खरीद पर प्रतिबंध ऑनलाइन होंगी. प्रदर्शनी और सेमिनार, नए कार्यालयों की स्थापना पर रोक और राजकीय भोज पर प्रतिबंध रहेगा. राज्य सरकार ने परिपत्र जारी कर कोविड- 19 महामारी के कारण राज्य के वित्तीय संसाधनों पर पड़ने वाले असाधारण प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राजकीय व्यय में मितव्ययता बरतने के निर्देश प्रदान किए हैं.

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वाहन एवं अन्य उपकरणों की खरीद पर लगाया प्रतिबंध
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Published : Sep 15, 2020, 7:33 PM IST

जयपुर. परिपत्र के अनुसार साल 2020-21 के बजट की विभिन्न मदों जैसे कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, कम्प्यूटर अनुरक्षण, स्टेशनरी, मुद्रण एवं लेखन, प्रकाशन, पुस्तकालय और पत्र-पत्रिकाओं पर व्यय के लिए उपलब्ध धनराशि का व्यय इस वित्तीय वर्ष में 70 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा. साथ ही पीओएल मद में स्वीकृत प्रावधान के विरुद्ध व्यय को भी 90 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त निरंजन आर्य ने बताया कि सरकार को कोविड-19 महामारी की चुनौती से लड़ने के लिए राज्य के सीमित संसाधनों का समुचित उपयोग करना होगा. सभी विभागों और कार्यालयों में कुशल प्रबंधन अपनाते हुए मितव्ययता बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महामारी के कारण राजकीय व्यय के विनियमन के लिए पूर्व में जारी किए गए मितव्ययता परिपत्रों की निरंतरता में यह दिशा-निर्देश तुरन्त प्रभाव से जारी किए जा रहे हैं. इकोनॉमी क्लास में ही हवाई यात्रा कर सकेंगे. अधिकारी परिपत्र के अनुसार शासकीय कार्याें के लिए की जाने वाली यात्राओं को न्यूनतम रखा जाएगा. यथा संभव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें आयोजित की जाएंगी. हवाई यात्रा के लिए अधिकृत अधिकारी इकोनॉमी क्लास में ही यात्रा करेंगे. एक्जीक्यूटिव और बिजनेस क्लास में यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. विमान किराए पर लेना तथा राजकीय व्यय पर विदेश यात्रा पर भी पूरी तरह प्रतिबंध होगा.

पढ़ें: कोरोना की जद में विधानसभा, 30 सितंबर तक नहीं होगी समितियों की बैठक

नए वाहन एवं अन्य उपकरणों की खरीद पर प्रतिबंध...

परिपत्र में नए वाहनों की खरीद प्रतिबंधित की गई है. कोविड- 19 महामारी की रोकथाम, उपचार तथा पीड़ितों की सहायता के लिए आवश्यक सामग्री एवं उपकरण को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की मशीनरी, साज-सामान, औजार, संयंत्र और अन्य नई वस्तुओं की खरीद नहीं की जा सकेगी. केवल योजनाओं को संचालित करने के लिए आवश्यक उपकरणों की ही खरीद की जा सकेगी.

नए कार्यालयों की स्थापना पर रोक...

वित्तीय वर्ष 2020-21 में शत-प्रतिशत राज्य निधि से वित्त पोषित कोई भी नया कार्यालय खोलने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी. विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि विभागीय कार्यप्रणाली में परिवर्तन, सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के कारण जो पद वर्तमान में अप्रासंगिक हो गए हैं, उन्हें चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई की जाए.

राजकीय भोज पर रहेगा प्रतिबंध...

राजकीय भोज तथा उपहार क्रय, सत्कार एवं आतिथ्य व्यय पर आगामी आदेशों तक प्रतिबंध रहेगा. सभी राजकीय कार्यक्रम, भूमि पूजन, उद्घाटन समारोह आदि सादगी और मितव्ययता बरतते हुए. संभव हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही आयोजित किए जाएंगे. राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को देय उपार्जित अवकाश के एवज में नकद भुगतान की नई स्वीकृतियां इस वित्तीय वर्ष में स्थगित रखी जाएंगी.

ऑनलाइन होंगी प्रदर्शनी और सेमिनार...

वर्तमान वित्तीय वर्ष में सभी प्रकार के प्रशिक्षण, सेमिनार, कार्यशाला, उत्सव एवं प्रदर्शनियों का आयोजन यथासंभव ऑनलाइन किया जाएगा. अति-आवश्यक परिस्थितियों में इनका आयोजन राजकीय संस्थाओं, शासकीय भवनों या राजकीय परिसर में ही किया जा सकेगा. प्रशिक्षण, भ्रमण और सम्मेलन व्यय के साथ ही उत्सव और प्रदर्शनी के लिए बजट मद में उपलब्ध धनराशि में से कम से कम 50 प्रतिशत की कमी किए जाने के भी निर्देश में दिए गए हैं.

परिपत्र की पालना के लिए प्रभारी सचिव एवं विभागाध्यक्ष जिम्मेदार...

परिपत्र में दिए गए दिशा-निर्देश सभी राजकीय उपक्रमों, कंपनियों, बोर्ड, विश्वविद्यालयों, अनुदानित संस्थाओं, निकायों एवं राज्य सरकार पर वित्तीय दृष्टि से पूर्ण अथवा आंशिक रूप से निर्भर सभी संस्थाओं पर लागू होंगे. दिशा-निर्देशों की अनुपालना के लिए संबंधित प्रशासनिक विभाग के प्रभारी सचिव तथा विभागाध्यक्ष एवं स्वायत्त शासी संस्थाओं, राजकीय उपक्रमों एवं विश्वविद्यालयों आदि के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी या संस्था प्रधान जिम्मेदार होंगे.

जयपुर. परिपत्र के अनुसार साल 2020-21 के बजट की विभिन्न मदों जैसे कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, कम्प्यूटर अनुरक्षण, स्टेशनरी, मुद्रण एवं लेखन, प्रकाशन, पुस्तकालय और पत्र-पत्रिकाओं पर व्यय के लिए उपलब्ध धनराशि का व्यय इस वित्तीय वर्ष में 70 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा. साथ ही पीओएल मद में स्वीकृत प्रावधान के विरुद्ध व्यय को भी 90 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त निरंजन आर्य ने बताया कि सरकार को कोविड-19 महामारी की चुनौती से लड़ने के लिए राज्य के सीमित संसाधनों का समुचित उपयोग करना होगा. सभी विभागों और कार्यालयों में कुशल प्रबंधन अपनाते हुए मितव्ययता बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महामारी के कारण राजकीय व्यय के विनियमन के लिए पूर्व में जारी किए गए मितव्ययता परिपत्रों की निरंतरता में यह दिशा-निर्देश तुरन्त प्रभाव से जारी किए जा रहे हैं. इकोनॉमी क्लास में ही हवाई यात्रा कर सकेंगे. अधिकारी परिपत्र के अनुसार शासकीय कार्याें के लिए की जाने वाली यात्राओं को न्यूनतम रखा जाएगा. यथा संभव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें आयोजित की जाएंगी. हवाई यात्रा के लिए अधिकृत अधिकारी इकोनॉमी क्लास में ही यात्रा करेंगे. एक्जीक्यूटिव और बिजनेस क्लास में यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. विमान किराए पर लेना तथा राजकीय व्यय पर विदेश यात्रा पर भी पूरी तरह प्रतिबंध होगा.

पढ़ें: कोरोना की जद में विधानसभा, 30 सितंबर तक नहीं होगी समितियों की बैठक

नए वाहन एवं अन्य उपकरणों की खरीद पर प्रतिबंध...

परिपत्र में नए वाहनों की खरीद प्रतिबंधित की गई है. कोविड- 19 महामारी की रोकथाम, उपचार तथा पीड़ितों की सहायता के लिए आवश्यक सामग्री एवं उपकरण को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की मशीनरी, साज-सामान, औजार, संयंत्र और अन्य नई वस्तुओं की खरीद नहीं की जा सकेगी. केवल योजनाओं को संचालित करने के लिए आवश्यक उपकरणों की ही खरीद की जा सकेगी.

नए कार्यालयों की स्थापना पर रोक...

वित्तीय वर्ष 2020-21 में शत-प्रतिशत राज्य निधि से वित्त पोषित कोई भी नया कार्यालय खोलने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी. विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि विभागीय कार्यप्रणाली में परिवर्तन, सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के कारण जो पद वर्तमान में अप्रासंगिक हो गए हैं, उन्हें चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई की जाए.

राजकीय भोज पर रहेगा प्रतिबंध...

राजकीय भोज तथा उपहार क्रय, सत्कार एवं आतिथ्य व्यय पर आगामी आदेशों तक प्रतिबंध रहेगा. सभी राजकीय कार्यक्रम, भूमि पूजन, उद्घाटन समारोह आदि सादगी और मितव्ययता बरतते हुए. संभव हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही आयोजित किए जाएंगे. राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को देय उपार्जित अवकाश के एवज में नकद भुगतान की नई स्वीकृतियां इस वित्तीय वर्ष में स्थगित रखी जाएंगी.

ऑनलाइन होंगी प्रदर्शनी और सेमिनार...

वर्तमान वित्तीय वर्ष में सभी प्रकार के प्रशिक्षण, सेमिनार, कार्यशाला, उत्सव एवं प्रदर्शनियों का आयोजन यथासंभव ऑनलाइन किया जाएगा. अति-आवश्यक परिस्थितियों में इनका आयोजन राजकीय संस्थाओं, शासकीय भवनों या राजकीय परिसर में ही किया जा सकेगा. प्रशिक्षण, भ्रमण और सम्मेलन व्यय के साथ ही उत्सव और प्रदर्शनी के लिए बजट मद में उपलब्ध धनराशि में से कम से कम 50 प्रतिशत की कमी किए जाने के भी निर्देश में दिए गए हैं.

परिपत्र की पालना के लिए प्रभारी सचिव एवं विभागाध्यक्ष जिम्मेदार...

परिपत्र में दिए गए दिशा-निर्देश सभी राजकीय उपक्रमों, कंपनियों, बोर्ड, विश्वविद्यालयों, अनुदानित संस्थाओं, निकायों एवं राज्य सरकार पर वित्तीय दृष्टि से पूर्ण अथवा आंशिक रूप से निर्भर सभी संस्थाओं पर लागू होंगे. दिशा-निर्देशों की अनुपालना के लिए संबंधित प्रशासनिक विभाग के प्रभारी सचिव तथा विभागाध्यक्ष एवं स्वायत्त शासी संस्थाओं, राजकीय उपक्रमों एवं विश्वविद्यालयों आदि के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी या संस्था प्रधान जिम्मेदार होंगे.

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