जयपुर. महात्मा गांधी की 150वी जयंती वर्ष में प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी के दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज स्थापित किया है. इस संस्थान के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया गया. जिसमें सोमवार को जान माने गांधीवादी विचारक कुमार प्रशांत, डीआर मेहता, सीएस बाफना, प्रोफेसर बीएम शर्मा, मनीष शर्मा, गोपाल बाहेती, सवाई सिंह, रमेश बोराणा और उच्च शिक्षा विभाग के शासन सचिव महेंद्र खडगावत को मनोनीत किया गया.
जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल को समिति का सदस्य सचिव मनोनीत किया गया है. प्रोफेसर बीएम शर्मा को संस्थान का निदेशक नियुक्त किया गया है. इस संस्थान में कक्षाओं का आयोजन प्रारंभ हो गया है. इसके लिए कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने 30 शिक्षकों को नियुक्त किया है. इन शिक्षकों का गांधी गवर्नेंस और सामाजिक कार्य में ओरिएंटेशन किया जाएगा. यह शिक्षक अपने अपने महाविद्यालयों में इन विषयों में अपने विद्यार्थियों को गांधी वर्णन और सामाजिक कार्य के संबंध में पढ़ाएंगे.
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जब तक विधिवत रूप से संस्थान में कक्षाओं का आयोजन नहीं किया जाता है. तब तक महाविद्यालयों के शिक्षकों को गांधी विचार दर्शन गवर्नेंस और सामाजिक कार्यों के संबंध में ओरिएंटेशन दिया जाएगा. यहां से यह कोर्स अटेंड करने के बाद वे अपने-अपने महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के साथ इन विचारों को साझा करेंगे.
समिति के सदस्य सचिव जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल ने संस्थान के निर्माण तथा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से एमओयू के संबंध में चल रही प्रक्रिया के बारे में बताया. संस्थान के निदेशक ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिभागियों को शिक्षण प्रशिक्षण अवधि में गांधी के विचार दर्शन के विभिन्न गांधी पहलुओं के बारे में बताया जाएगा.
राष्ट्र निर्माण में गांधी के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सरोकार की भी देंगे जानकारी
इस संस्थान में गांधी दर्शन के साथ ही राष्ट्र निर्माण में गांधी के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सरोकार, महिला समीकरण, महिला सशक्तिकरण, गुड गवर्नेंस, मानवाधिकार, वातावरण एवं पर्यावरण, ग्रामीण विकास में सुधार, स्वच्छता, पब्लिक पॉलिसी, सिविल सोसाइटी, लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण, स्वदेशी, सर्वाेदय-गांधी के रचनात्मक कार्य और अर्थव्यवस्था आदि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी.