जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया द्वारा हाल ही में प्रदेश सरकार पर 23 विधायकों को खान आवंटन और रीको में जमीन आवंटित करने से जुड़े लगाए आरोपों पर सियासत गर्म है. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने इस मामले में सतीश पूनिया के खिलाफ विधानसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 158 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया है. लोढ़ा ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के निर्देश पर प्रस्ताव की कॉपी विधानसभा सचिव प्रमिल कुमार को सौंपी हैं.
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव में लोढ़ा ने मीडिया में प्रकाशित समाचारों की कुछ कटिंग भी संलग्न की है, जिसमें पूनिया ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायकों के 10 दिन की बाड़ेबंदी के दौरान डील हुई है. उसके भी प्रमाण है. पूनिया ने शनिवार को भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह भी आरोप लगाया था कि 23 विधायकों को खान और रीको के प्लाट आवंटित किए गए तो कुछ से कैश ट्रांजेक्शन हुए, जल्द ही इसका खुलासा भी करेंगे.
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लोढ़ा ने दिए गए नोटिस में कहा कि विधायक के रुप में विधानसभा की सार्वभौमिकता और प्रतिष्ठा बनाए रखना उनका कर्तव्य है. राज्य विधानसभा के 23 सदस्यों के खिलाफ बिना नाम जाहिर किए झूठे आरोप लगाए गए हैं, जोकि राज्य विधानसभा की प्रतिष्ठा कलंकित करने का प्रयास के समान है. लोढ़ा ने कहा कि मैं ऐसा समझता हूं कि सतीश पूनिया के आचरण से राज्य विधानसभा की छवि तार-तार हुई है और बिना किसी प्रमाण के सदस्यों के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना पूरी तरह गलत है. इसलिए पूनिया के खिलाफ राज्य विधानसभा भवन के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन किया है.
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लोढ़ा ने बताया कि अपने नोटिस में राज्य विधानसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 157, 158 और 159 का उल्लेख किया गया है. इसके साथ संसदीय इतिहास में विशेषाधिकार के संबंध में हुए मामलों का विवरण और उनके निर्णय की प्रति भी उन्होंने संलग्न की है.