जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को थामने के लिए देशभर में लॉकडाउन चल रहा है. तमाम सरकारी और निजी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थाएं भी बंद है. प्रमुख परीक्षाएं भी आगे खिसका दी गई हैं. लेकिन इन सबके बीच कई स्कूल में स्टूडेंट्स की रेगुलर पढ़ाई चालू है.
जी हां बंद के दौरान स्कूल टीचर्स स्टूडेंट्स के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और इसके लिए ली जा रही है तकनीकी मदद. जयपुर शहर में कलर्स इंटरनेशनल स्कूल, माहेश्वरी पब्लिक स्कूल और एशियन वर्ल्ड स्कूल के साथ ही कई अन्य निजी स्कूल हैं जिन्होंने तकनीक का सहारा लेते हुए स्कूल बंद होने के बावजूद अपने टीचर्स और स्टूडेंट के बीच अध्ययन अध्यापन का कार्य यथावत जारी रखा है.
यह स्कूल्स इसके लिए इंटरनेट, वीडियो कॉलिंग व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल कर इसके जरिए सीधे स्टूडेंट से रूबरू होकर उन्हें टीचिंग देने का काम कर रहे हैं. बंद के दौरान स्कूल प्रबंधन ने बकायदा हर क्लास के बच्चों के अभिभावकों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है. इसमें हर दिन का होमवर्क दिया जाता है और कुछ वीडियो भी डाले जाते हैं, जो अलग-अलग क्लास के बच्चों से जुड़े होते हैं.
पढ़ें- परोपकारी पहल: महंत काशीनाथ महाराज ने लिया निर्णय, 30 किराएदारों से लॉकडाउन में नहीं लेंगे किराया
वीडियो में जिस तरह क्लास रूम में टीचर बच्चों को पढ़ाते हैं ठीक उसका वीडियो बनाकर टीचर्स अपने घर से ही इस ग्रुप में भेज रही है. जिससे बच्चों के पेरेंट्स उसे डाउनलोड कर के बच्चों को दिखा सके और उसके अनुरूप पढ़ाई हो सके. इसके अलावा बच्चों के ग्रुप को वीडियो कॉलिंग के जरिए एक दूसरे से जोड़ा जा रहा है. ताकि यदि बच्चे या पेरेंट्स कि कुछ जिज्ञासा है, तो वह टीचर से पूछ कर उसका समाधान कर सके.
संकट के समय बच्चों की शिक्षा रहे जारी यही है प्रयास-कलर्स इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर कविता कुमावत के अनुसार कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन का स्कूल प्रबंधन पूरा सम्मान करता है. लेकिन इस दौरान बच्चों की शिक्षा भी जारी रहे ये भी हमारा दायित्व है.
यही कारण है की स्कूल प्रबंधन और टीचर्स ने मिलकर नई तकनीक का उपयोग किया है. कुमावत का कहना है इस संबंध में मोबाइल के जरिए पेरेंट्स से भी चर्चा की गई और आम सहमति के बाद यह तय किया गया कि वीडियो कॉलिंग और इंटरनेट के अन्य तरीकों के जरिए बच्चों की शिक्षा यथावत जारी रखी. कुमावत के अनुसार सभी टीचर्स अपने घर से ही इस प्रकार का वीडियो बनाकर भेजती है ताकि बच्चे को उसे देखने के बाद लगे कि वह स्कूल में बैठकर ही पढ़ाई कर रहा है.
पढ़ें- लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों को बेदखल नहीं कर सकेंगे नियोक्ता : केंद्र सरकार
कुमावत के अनुसार पेरेंट्स से कहा गया है कि वे संबंधित व्हाट्सएप ग्रुप और इसके लिए बनाए गए चैनल्स का नोटिफिकेशन ऑन रखें, ताकि समय-समय पर स्कूल की ओर से भेजी गई जानकारी की सूचना उन्हें मिलते रहे. पेरेंट्स भी कुछ खाली समय का होगा सदुपयोग-स्कूल प्रबंधन की ओर से अपनाई गई इस तकनीक से स्टूडेंट तो पढ़ाई कर ही रहे हैं. लेकिन पेरेंट्स भी इससे खुश है क्योंकि खाली समय घर में रहकर वे स्कूल की मदद से अपने बच्चों को पढ़ाने में मदद कर पा रहे हैं. हालांकि नई तकनीक से इन स्टूडेंट्स का कुछ काम जरूर बढ़ गया है.