ETV Bharat / city

निजी स्कूल संचालकों का सरकार को 2 दिन का अल्टीमेटम, बोले- वोट बैंक की राजनीति कर रहे डोटासरा

फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले फीस भुगतान की मांग को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालक मंगलवार को शहीद स्मारक पर जुटे. निजी संचालकों ने गहलोत सरकार को 2 दिन का अल्टीमेटम दिया है, उसके बाद प्रदेश भर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

jaipur news,  rajasthan news
निजी स्कूल संचालकों का सरकार को 2 दिन का अल्टीमेटम
author img

By

Published : Nov 17, 2020, 5:56 PM IST

जयपुर. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले फीस भुगतान की मांग को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों का धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन 8वें दिन मंगलवार को भी जारी रहा. मंगलवार को सभी 33 जिलों के पांच-पांच प्रतिनिधि जयपुर आए और शहीद स्मारक पर एकत्र हुए. यहां सभी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 2 दिन में सरकार फीस भुगतान को लेकर कोई समाधान नहीं करती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

निजी स्कूल संचालकों ने उग्र आदोलन की दी चेतावनी

फीस भुगतान को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने 10 नवंबर से आंदोलन शुरू किया था. उसी समय से 2 महिला स्कूल संचालक भी आमरण अनशन पर बैठी हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक वार्ता के लिए कोई पहल नहीं की है. सरकार की ओर से वार्ता के लिए पहल नहीं करने से निजी स्कूल संचालकों में आक्रोश व्याप्त है.

पढ़ें: राजस्थान : आर-पार के मूड में निजी स्कूल संचालक...17 नवंबर को शहीद स्मारक पर जमा होंगे 33 जिलों के प्रतिनिधि

आमरण अनशन पर बैठी एक महिलास्कूल संचालक सीमा शर्मा की रविवार को तबीयत भी खराब हो गई थी. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. हालांकि, सीमा शर्मा वापस आमरण अनशन में शामिल हो गई. निजी स्कूल संचालकों में सबसे अधिक आक्रोश शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को लेकर दिखा. उनके खिलाफ नारेबाजी भी की गई.

फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान की प्रवक्ता हेमलता शर्मा ने बताया कि अभिभावकों से हमें कोई द्वेष नहीं है, वह हमारे स्कूल परिवार का हिस्सा हैं. यदि कोई अभिभावक फीस देने में सक्षम नहीं है तो सरकार को उनकी फीस भरनी चाहिए. सरकार अभिभावकों और स्कूल संचालकों को लड़वाकर दूर बैठकर तमाशा देख रही है.

वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं डोटासरा...

हेमलता शर्मा ने आगे कहा कि 50 हजार स्कूलों के 11 लाख कर्मचारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. एक दर्जन से ज्यादा स्कूल संचालक आत्महत्या तक कर चुके हैं. बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षक नरेगा में काम करने पर मजबूर हो चुका है. हाईकोर्ट का 70 फीसदी फीस लेने का जो निर्णय आया था, उस पर भी हम रजामंद थे. कुछ अभिभावक फीस भी जमा करा चुके थे लेकिन शिक्षा मंत्री के बयान के बाद अभिभावकों ने फीस जमा करना बंद कर दिया. वोट बैंक की राजनीति के चलते शिक्षा मंत्री इस तरह का बयान दे रहे हैं, इससे हजारों निजी स्कूलों में कार्यरत 11 लाख कर्मचारियों का पतन हो जाएगा.

फोरम के सदस्य दिलीप मोदी ने कहा कि 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं और फीस को लेकर सरकार ने अड़ियल रुख अपनाया हुआ है. सरकार के आदेश से ही लॉकडाउन में स्कूल बंद की गई थी. सरकार के बेतुके बयान के बाद अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं. सरकार हम लोगों की बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं है.

जयपुर. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले फीस भुगतान की मांग को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों का धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन 8वें दिन मंगलवार को भी जारी रहा. मंगलवार को सभी 33 जिलों के पांच-पांच प्रतिनिधि जयपुर आए और शहीद स्मारक पर एकत्र हुए. यहां सभी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 2 दिन में सरकार फीस भुगतान को लेकर कोई समाधान नहीं करती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

निजी स्कूल संचालकों ने उग्र आदोलन की दी चेतावनी

फीस भुगतान को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने 10 नवंबर से आंदोलन शुरू किया था. उसी समय से 2 महिला स्कूल संचालक भी आमरण अनशन पर बैठी हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक वार्ता के लिए कोई पहल नहीं की है. सरकार की ओर से वार्ता के लिए पहल नहीं करने से निजी स्कूल संचालकों में आक्रोश व्याप्त है.

पढ़ें: राजस्थान : आर-पार के मूड में निजी स्कूल संचालक...17 नवंबर को शहीद स्मारक पर जमा होंगे 33 जिलों के प्रतिनिधि

आमरण अनशन पर बैठी एक महिलास्कूल संचालक सीमा शर्मा की रविवार को तबीयत भी खराब हो गई थी. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. हालांकि, सीमा शर्मा वापस आमरण अनशन में शामिल हो गई. निजी स्कूल संचालकों में सबसे अधिक आक्रोश शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को लेकर दिखा. उनके खिलाफ नारेबाजी भी की गई.

फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान की प्रवक्ता हेमलता शर्मा ने बताया कि अभिभावकों से हमें कोई द्वेष नहीं है, वह हमारे स्कूल परिवार का हिस्सा हैं. यदि कोई अभिभावक फीस देने में सक्षम नहीं है तो सरकार को उनकी फीस भरनी चाहिए. सरकार अभिभावकों और स्कूल संचालकों को लड़वाकर दूर बैठकर तमाशा देख रही है.

वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं डोटासरा...

हेमलता शर्मा ने आगे कहा कि 50 हजार स्कूलों के 11 लाख कर्मचारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. एक दर्जन से ज्यादा स्कूल संचालक आत्महत्या तक कर चुके हैं. बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षक नरेगा में काम करने पर मजबूर हो चुका है. हाईकोर्ट का 70 फीसदी फीस लेने का जो निर्णय आया था, उस पर भी हम रजामंद थे. कुछ अभिभावक फीस भी जमा करा चुके थे लेकिन शिक्षा मंत्री के बयान के बाद अभिभावकों ने फीस जमा करना बंद कर दिया. वोट बैंक की राजनीति के चलते शिक्षा मंत्री इस तरह का बयान दे रहे हैं, इससे हजारों निजी स्कूलों में कार्यरत 11 लाख कर्मचारियों का पतन हो जाएगा.

फोरम के सदस्य दिलीप मोदी ने कहा कि 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं और फीस को लेकर सरकार ने अड़ियल रुख अपनाया हुआ है. सरकार के आदेश से ही लॉकडाउन में स्कूल बंद की गई थी. सरकार के बेतुके बयान के बाद अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं. सरकार हम लोगों की बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.