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हाईकोर्ट फैसला : नियुक्ति से पहले मां बनी, मातृत्व अवकाश एप्लाई किया तो निरस्त हुआ...हाईकोर्ट ने माना पात्र

राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती में नियुक्ति से पहले मां बनने वाली अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे मातृत्व अवकाश के लिए पात्र माना है. एक अन्य मामले में कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में चयनित गर्भवती अभ्यर्थी को शारीरिक दक्षता परीक्षा में अनफिट करार दे दिया गया. हाईकोर्ट ने कहा- सक्षम होने पर ली जाए दक्षता परीक्षा.

School Lecturer Recruitment Maternity Leave Case
राजस्थान हाईकोर्ट के बड़े फैसले
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Published : May 5, 2021, 7:20 PM IST

जयपुर. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि नियुक्ति से पहले मां बनने वाली याचिकाकर्ता को मातृत्व अवकाश पर माना जाए. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के अब तक अनुपस्थित रहने की अवधि को मातृत्व अवकाश में शामिल करने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती में नियुक्ति से पहले मां बनने वाली अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे मातृत्व अवकाश के लिए पात्र माना. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि याचिकाकर्ता को मातृत्व अवकाश पर माना जाए. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के अब तक अनुपस्थित रहने की अवधि को मातृत्व अवकाश में शामिल करने को कहा. अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अनिता यादव की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता अनूप ढंड़ ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने गत 4 जनवरी को मां बनी थी. स्कूल व्याख्याता भर्ती में उसका चयन होने पर विभाग ने 18 मार्च को नियुक्ति पत्र जारी कर 10 अप्रैल तक कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ता ने 22 मार्च को कार्यभार ग्रहण कर अगले दिन 23 मार्च को मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन कर दिया. जिसे अधिकारियों ने मौखिक आदेश जारी कर निरस्त कर दिया. इस पर याचिकाकर्ता को पचास दिन का चाइल्ड केयर लीव लेना पड़ा. याचिका में कहा गया कि मातृत्व अवकाश के लिए यह जरूरी नहीं कि संतान की उत्पत्ति नियुक्ति के बाद हुई हो. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता का मातृत्व अवकाश के पात्र मानते हुए राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

लिखित परीक्षा में चयनित गर्भवती महिला अभ्यर्थी की दक्षता परीक्षा लें

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2020 की लिखित परीक्षा में चयनित गर्भवती महिला अभ्यर्थी के सक्षम होने पर उसकी दक्षता परीक्षा ली जाए. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश सीमा गौड़ की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा के समय याचिकाकर्ता गर्भवती थी. जिसके चलते विभाग ने उसे अनफिट घोषित कर दक्षता परीक्षा से बाहर कर दिया. याचिका में कहा गया कि पुलिस विभाग को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ता के सक्षम होने पर उसके लिए दक्षता परीक्षा आयोजित करे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह गर्भवती महिला अभ्यर्थी के फिट होने पर दक्षता परीक्षा आयोजित करे.

जयपुर. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि नियुक्ति से पहले मां बनने वाली याचिकाकर्ता को मातृत्व अवकाश पर माना जाए. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के अब तक अनुपस्थित रहने की अवधि को मातृत्व अवकाश में शामिल करने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती में नियुक्ति से पहले मां बनने वाली अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे मातृत्व अवकाश के लिए पात्र माना. अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि याचिकाकर्ता को मातृत्व अवकाश पर माना जाए. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के अब तक अनुपस्थित रहने की अवधि को मातृत्व अवकाश में शामिल करने को कहा. अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अनिता यादव की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता अनूप ढंड़ ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने गत 4 जनवरी को मां बनी थी. स्कूल व्याख्याता भर्ती में उसका चयन होने पर विभाग ने 18 मार्च को नियुक्ति पत्र जारी कर 10 अप्रैल तक कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ता ने 22 मार्च को कार्यभार ग्रहण कर अगले दिन 23 मार्च को मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन कर दिया. जिसे अधिकारियों ने मौखिक आदेश जारी कर निरस्त कर दिया. इस पर याचिकाकर्ता को पचास दिन का चाइल्ड केयर लीव लेना पड़ा. याचिका में कहा गया कि मातृत्व अवकाश के लिए यह जरूरी नहीं कि संतान की उत्पत्ति नियुक्ति के बाद हुई हो. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता का मातृत्व अवकाश के पात्र मानते हुए राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

लिखित परीक्षा में चयनित गर्भवती महिला अभ्यर्थी की दक्षता परीक्षा लें

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2020 की लिखित परीक्षा में चयनित गर्भवती महिला अभ्यर्थी के सक्षम होने पर उसकी दक्षता परीक्षा ली जाए. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश सीमा गौड़ की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा के समय याचिकाकर्ता गर्भवती थी. जिसके चलते विभाग ने उसे अनफिट घोषित कर दक्षता परीक्षा से बाहर कर दिया. याचिका में कहा गया कि पुलिस विभाग को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ता के सक्षम होने पर उसके लिए दक्षता परीक्षा आयोजित करे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह गर्भवती महिला अभ्यर्थी के फिट होने पर दक्षता परीक्षा आयोजित करे.

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