जयपुर. राजधानी में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बीच सब्जियों को बिचौलिए महंगा कर रहे हैं. यही कारण है कि थोक सब्जी मंडी से फुटकर में आते-आते सब्जियों के दाम दोगुना हो जा रहे हैं. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान सब्जियों की कालाबाजारी रोकने के लिए जिला प्रशासन ने टीम बनाकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. जहां पर सब्जियों की कालाबाजारी की शिकायत की जा सकेगी.
बता दें कि सब्जी के मार्केट में बिचौलिए हावी है. मंडी में किसानों से सब्जियां सस्ते दामों में ही खरीद ली जाती है. हालांकि, मंडी में सब्जियों के दाम सामान्य है लेकिन सब्जी ग्राहकों के घर तक पहुंचते-पहुंचते दो से तीन गुना तक महंगी हो रही हैं. मुहाना सब्जी मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि बाहर से आने वाली सब्जियों की आवक थोड़ी कम हो गई है लेकिन स्थानीय सब्जियों की आवक में कोई कमी नहीं आई है.
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यह बात अलग है कि लॉकडाउन का डर दिखाकर ग्राहकों से दुकानदार सब्जियों के मनमाने दाम वसूल रहे हैं. जयपुर शहर की सब्जी मंडी और फुटकर सब्जी विक्रेताओं के यहां ईटीवी भारत ने पड़ताल की. जिसमें सब्जी मंडी और फुटकर सब्जी विक्रेता दोनों के दाम में काफी अंतर दिखा.
वहीं सब्जियों के दाम थोक में तो कम है लेकिन फुटकर में काफी तेज हैं. जबकि इन दिनों लॉकडाउन के चलते शहरवासी की आमदनी भी कम रह गई है. जिससे मंडी में सब्जियों के दाम बढ़ने से मध्यमवर्गीय परिवार की महंगाई से कमर टूट रही है.
ये है सब्जियों के भाव
थोक भाव (प्रति किलो) | फुटकर भाव (प्रति किलो) | |
टमाटर | 12-14 रुपए | 30-35 रुपए |
आलू | 12-15 रुपए | 28-30 रुपए |
प्याज | 15-18 रुपए | 35-40 रुपए |
मिर्च | 15-18 रुपए | 50-60 रुपए |
कैरी | 40-50 रुपए | 90-100 रुपए |
शिमला | 35-45 रुपए | 70-90 रुपए |
खीरा | 12-15 रुपए | 35-40 रुपए |
लहसुन | 100-120 रुपए | 180-200 रुपए |
गोभी | 10-12 रुपए | 18-20 रुपए |
लौकी | 10-12 रुपए | 18-20 रुपए |
वहीं मुहाना मंडी में सब्जियों की आवक पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. सभी सब्जियों को मिलाकर पहले से 20 से 30 टन कम आवक हुई है. पहले से भी मंडी में सब्जियां थी. बाजार में कोई किल्लत नहीं है.