ETV Bharat / city

जयपुर: पहले 8 जोन में बाटने थे ई-रिक्शा...लेकिन अब 12 जोन में बटेंगे

author img

By

Published : Apr 13, 2021, 7:09 PM IST

जयपुर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए ई-रिक्शा को अलग-अलग कलर कोड में बाटना था. वहीं, शहर में सबसे सस्ता और इको फ्रेंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट ई- रिक्शा इस समय बिना प्लान के शहर में चल रहा है, जो सफल भी नहीं हो पा रहा है. शहर में बढ़ रहे ई-रिक्शा के संचालन को लेकर अब परिवहन विभाग इसको 8 जोन की जगह पर 12 जोन में बाटने की तैयारी कर रहा है.

जयपुर न्यूज, राजस्थान न्यूज, rajasthan news, jaipur news
ई-रिक्शा को 8 जोन की जगह पर अब 12 जोन में बाटने की तैयारी

जयपुर. प्रदेश में लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए ई-रिक्शा को अलग-अलग कलर कोड में बाटना था. साथ ही शहर में सबसे सस्ता और इको फ्रेंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट ई-रिक्शा इस समय बिना प्लान के शहर में चल रहा है, जो सफल भी नहीं हो पा रहा है. राजधानी में 5 साल पहले करीब 4 हजार ई-रिक्शा संचालित हो रहे थे. लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 25 हजार से अधिक पहुंच गई है.

बता दें कि इनकी संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि कोविड-19 के बाद हजारों लोग बेरोजगार हो गए थे और उन्होंने अपनी जीविका चलाने के लिए ई-रिक्शा को नया साधन बनाया था. कोविड के बाद राजधानी में करीब 8 हजार से अधिक ई-रिक्शा अचानक से बढ़ गए. जिसके बाद परिवहन विभाग ई-रिक्शा के संचालन को लेकर चेता है.

जयपुर शहर के चारदीवारी छेत्र में करीब 18 हजार से ज्यादा ई-रिक्शे इस समय संचालित हो रहे हैं. परिवहन विभाग की ओर से करीब 2.5 साल पहले शहर में 24 हजार ई- रिक्शा को 8 जोन में संचालित करने की योजना बनाई थी और जोन वाइज ई-रिक्शा को परमिट जारी करना था. लेकिन शहर में 14.5 हजार ई-रिक्शा के पास आज तक लाइसेंस नहीं है.

पढ़ें: युवा पीढ़ी लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए वैचारिक आंदोलन तैयार करें: CM अशोक गहलोत

वहीं 1 साल पहले तक करीब 800 चालकों के लर्निंग लाइसेंस बनाए थे. लेकिन विभाग के पास चालकों के स्थाई लाइसेंस का सॉफ्टवेयर नहीं था. जिसके चलते सभी के लाइसेंस की वैधता भी खत्म हो गई थी. अब विभाग के मुखिया परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने नए कलर कोड के साथ ई-रिक्शा को संचालित करने के दिशा निर्देश दिए है.

बता दें अब 8 जोन के बजाय 12 जोन में ई-रिक्शा को कलर कोड के साथ बांटा जाएगा और फिर चलाए जाएंगे. सभी जोन में अलग-अलग रंग की पट्टियों के लिए योजना भी बनाई जा रही है. इसके साथ ही विभाग परकोटे में ई-रिक्शा की संख्या भी कम करने का विचार कर रहा है. इसके अलावा बाहरी इलाके जैसे झोटवाड़ा ,कालवाड़ रोड , सांगानेर, प्रताप नगर सीतापुर से दादी का फाटक मुरलीपुरा स्कीम रोड जगतपुरा के आसपास के एरिया में ई-रिक्शा चलाने की तैयारी विभाग कर रहा है.

आरटीओ को 4 सीरीज में निकालने थे ई-रिक्शा...

परिवहन विभाग से जुड़े 1 वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग को ई-रिक्शा के लिए 4 सीरीज दी गई थी. चारों सीरीज में तैयार रिक्शा को संचालित करना था. लेकिन आरटीओ की ओर से 4 साल में केवल अभी तक एक सीरीज जारी की गई है. दूसरी सीरीज के गिने-चुने ई-रिक्शा बाजार में आए हैं.

जयपुर. प्रदेश में लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए ई-रिक्शा को अलग-अलग कलर कोड में बाटना था. साथ ही शहर में सबसे सस्ता और इको फ्रेंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट ई-रिक्शा इस समय बिना प्लान के शहर में चल रहा है, जो सफल भी नहीं हो पा रहा है. राजधानी में 5 साल पहले करीब 4 हजार ई-रिक्शा संचालित हो रहे थे. लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 25 हजार से अधिक पहुंच गई है.

बता दें कि इनकी संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि कोविड-19 के बाद हजारों लोग बेरोजगार हो गए थे और उन्होंने अपनी जीविका चलाने के लिए ई-रिक्शा को नया साधन बनाया था. कोविड के बाद राजधानी में करीब 8 हजार से अधिक ई-रिक्शा अचानक से बढ़ गए. जिसके बाद परिवहन विभाग ई-रिक्शा के संचालन को लेकर चेता है.

जयपुर शहर के चारदीवारी छेत्र में करीब 18 हजार से ज्यादा ई-रिक्शे इस समय संचालित हो रहे हैं. परिवहन विभाग की ओर से करीब 2.5 साल पहले शहर में 24 हजार ई- रिक्शा को 8 जोन में संचालित करने की योजना बनाई थी और जोन वाइज ई-रिक्शा को परमिट जारी करना था. लेकिन शहर में 14.5 हजार ई-रिक्शा के पास आज तक लाइसेंस नहीं है.

पढ़ें: युवा पीढ़ी लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए वैचारिक आंदोलन तैयार करें: CM अशोक गहलोत

वहीं 1 साल पहले तक करीब 800 चालकों के लर्निंग लाइसेंस बनाए थे. लेकिन विभाग के पास चालकों के स्थाई लाइसेंस का सॉफ्टवेयर नहीं था. जिसके चलते सभी के लाइसेंस की वैधता भी खत्म हो गई थी. अब विभाग के मुखिया परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने नए कलर कोड के साथ ई-रिक्शा को संचालित करने के दिशा निर्देश दिए है.

बता दें अब 8 जोन के बजाय 12 जोन में ई-रिक्शा को कलर कोड के साथ बांटा जाएगा और फिर चलाए जाएंगे. सभी जोन में अलग-अलग रंग की पट्टियों के लिए योजना भी बनाई जा रही है. इसके साथ ही विभाग परकोटे में ई-रिक्शा की संख्या भी कम करने का विचार कर रहा है. इसके अलावा बाहरी इलाके जैसे झोटवाड़ा ,कालवाड़ रोड , सांगानेर, प्रताप नगर सीतापुर से दादी का फाटक मुरलीपुरा स्कीम रोड जगतपुरा के आसपास के एरिया में ई-रिक्शा चलाने की तैयारी विभाग कर रहा है.

आरटीओ को 4 सीरीज में निकालने थे ई-रिक्शा...

परिवहन विभाग से जुड़े 1 वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग को ई-रिक्शा के लिए 4 सीरीज दी गई थी. चारों सीरीज में तैयार रिक्शा को संचालित करना था. लेकिन आरटीओ की ओर से 4 साल में केवल अभी तक एक सीरीज जारी की गई है. दूसरी सीरीज के गिने-चुने ई-रिक्शा बाजार में आए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.