जयपुर. कहा जाता है कि राजस्थान में सत्ता के केंद्र की चाबी मेवाड़ में रहती है, जिसने मेवाड़ जीत लिया वही राजस्थान की सत्ता में काबिज होता है. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस राजस्थान के मारवाड़ यानी पश्चिमी राजस्थान पर है. मोदी मंत्रिमंडल में भी इसकी की झलक दिखती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर प्रदेश की बदलती सियासत इसका प्रमुख कारण है.
मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से 5 मंत्री हैं, जिनमें तीन कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री हैं. इन 5 मंत्रियों में 4 पश्चिमी राजस्थान से आते हैं. इनमें 2 कैबिनेट मंत्री, जिसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और हाल ही में बनाए गए रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हैं.
वहीं, बीकानेर से आने वाले अर्जुन राम मेघवाल और बाड़मेर जैसलमेर से कैलाश चौधरी मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के रूप में तैनात हैं. हाल ही में मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में जो दो नए चेहरे शामिल किए गए हैं, उनमें एक कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव जोधपुर से हैं, तो वहीं राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव अजमेर से आते हैं. मतलब मोदी मंत्रिमंडल में भी राजस्थान से शामिल प्रतिनिधित्व कि अगर बात की जाए तो पश्चिमी राजस्थान बेहद भारी है.
राजस्थान की राजनीति के जादूगर के रूप में विख्यात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने के लिए नरेंद्र मोदी ने अपना पूरा फोकस पश्चिमी राजस्थान पर किया है. यही कारण है कि जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ तब भी जिन 3 सांसदों को मंत्री बनाया गया वह पश्चिमी राजस्थान से थे और अब जब मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो जिन दो सांसदों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया वह भी राजस्थान से ही ताल्लुक रखते हैंं
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दरअसल, अश्वनी वैष्णव को कैबिनेट मंत्री बनाकर पीएम मोदी कई मोहरे साथ लिए हैं. एक तो वैष्णव का जन्म तो जोधपुर में ही हुआ है. इसके पीछे एक बड़ी रणनीति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके ही गृह जिले में घेरने की भी हो सकती है, क्योंकि जोधपुर जिले में बतौर मुख्यमंत्री सबसे बड़ा चेहरा कांग्रेस के अशोक गहलोत हैं, लेकिन उनके मुकाबले मोदी ने पहले गजेंद्र सिंह शेखावत को और फिर अश्वनी वैष्णव को कैबिनेट मंत्री बनाकर खड़ा कर दिया है.
राजस्थान में भाजपा विपक्ष में है, लेकिन अगले मुख्यमंत्री की होड़ यहां के नेताओं में बहुत पहले से चल रही है. इस बीच मंत्रिमंडल विस्तार में दो बड़े चेहरे शामिल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संकेत दे दिए हैं कि राजस्थान में भाजपा के अगले चेहरे के लिए नेताओं की कोई कमी नहीं है.
खास तौर पर राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को जिस तरह से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उसके बाद सियासी गलियारों में यही चर्चा है कि अब यादव का फोकस राजस्थान पर ज्यादा रहेगा. वो इसलिए कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने में भूपेंद्र यादव की अहम भूमिका रही थी. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक अब उन्हें राजस्थान भाजपा की सियासत में सत्ता के नए केंद्र के रूप में भी देख रहे हैं.
मोदी मंत्रिमंडल में कृषि कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी बाड़मेर जैसलमेर से आते हैं. माना जा रहा था कि इस बार मंत्रिमंडल फेरबदल में अगर राजस्थान में किसी को ऊपर नीचे किया जाता है तो कैलाश चौधरी का नंबर उसमें आ सकता है, लेकिन जिस प्रकार बाड़मेर जैसलमेर के कांग्रेस नेताओं में गुटबाजी और खेमेबाजी चल रही है उसके चलते फिलहाल कैलाश चौधरी को यहां मजबूत तरीके से खड़ा रखा गया है.
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पिछले दिनों बाड़मेर जैसलमेर क्षेत्र से आने वाले गहलोत सरकार में मंत्री हरीश चौधरी के खिलाफ क्षेत्र के विधायक हेमाराम चौधरी और मदन प्रजापत सहित कुछ ने अपना मुंह खोलना शुरू कर दिया था, जिसके चलते वहां कांग्रेस भी कमजोर होती दिखी. ऐसी स्थिति में कैलाश चौधरी वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद हैं.
वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान के प्रतिनिधित्व को देखें तो अनुसूचित जाति समाज का प्रतिनिधित्व केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कर रहे हैं. वहीं, राजपूत समाज के प्रतिनिधित्व के रूप में गजेंद्र सिंह शेखावत, ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधित्व के रूप में अश्वनी वैष्णव, जाट समाज के प्रतिनिधित्व के रूप में कैलाश चौधरी और ओबीसी समाज के प्रतिनिधित्व के रूप में भूपेंद्र यादव शामिल हैं.
वैश्य समाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए लोकसभा स्पीकर के रूप में ओम बिरला को पूर्व में मौका दिया जा चुका है. संगठनात्मक रूप से अलका गुर्जर जो गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं, उन्हें पिछले दिनों राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया था. मतलब राजस्थान में केंद्रीय प्रतिनिधित्व के लिहाज से भाजपा और पीएम मोदी ने पूरा ध्यान रखा है.
राजस्थान से आने वाले अर्जुन राम मेघवाल पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. मेघवाल मोदी सरकार 1 में भी मंत्री थे और 2 में भी केंद्रीय राज्य मंत्री हैं. वहीं, हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किए गए अश्विनी वैष्णव भी पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. हालांकि, अश्विनी वैष्णव उड़ीसा से राज्यसभा सांसद हैं.