जयपुर. राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना के जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त करने की मांग (Khachriyawas On Chandna Resignation Offer) के बाद राजस्थान की सियासत तेज हो गई है. पार्टी की तरफ से डैमेज कंट्रोल की कोशिश (Congress Damage Control On Chandna) जारी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके पीछे ज्यादा काम के दबाव को कारण बताया तो वहीं मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कांग्रेस डेमोक्रेटिक पार्टी है. हमारे यहां जनता की आवाज बनकर लड़ना सिखाया जाता है.
कई बार आवाज तेज होती है तो उसकी गूंज सुनाई देती है. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा अशोक चांदना स्पोर्ट्समेन और एग्रेसिव लीडर हैं, जो जनता के बीच काम करते हैं. उन्होंने कहा कि वह मिनी ओलंपिक करवा रहे हैं, उसमें जरूर कोई प्रॉब्लम आई होगी. इसी कारण नाराजगी होगी. कभी-कभी किसी बात को लेकर टकराव हो जाते हैं. लेकिन यह टकराव अशोक चांदना के व्यक्तिगत मुद्दों के लिए नहीं है. उन्होंने जो आवाज उठाई है, उसका सम्मान करना चाहिए. मुख्यमंत्री समझते हैं कि मामले को कब सुलझाना है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से इस तरह से बयान बाजी करते हैं तो पार्टी में और ज्यादा कमजोरी आती है.
मंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों के खिलाफ यह बातें उठी है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी में भी 1 फीसदी ही ऐसे लोग होते हैं. एमएलए चीफ सेक्रेटरी से भी प्रोटोकॉल में बड़ा है, चाहे भाजपा का विधायक हो या कांग्रेस का. यदि वह किसी कार्यालय में जाए तो उसको खड़े होकर सम्मान देना ब्यूरोक्रेट और कर्मचारी की जिम्मेदारी है.
मंत्री परसादी लाल बोले सामान्य घटना हैः कोटा में कांग्रेस के जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने पहुंचे प्रदेश के स्वास्थ्य और कोटा के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा चांदना के इस्तीफे की पेशकश पर कहा कि एक सामान्य घटना है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता और नेताओं की अपेक्षा होती है. कहीं न कहीं उनकी अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई होगी. उन्होंने कहा कि मैं तीन बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंत्री रहा हूं, मुझे ऐसा कभी नहीं लगाकर ब्यूरोक्रेसी हावी है. ब्यूरोक्रेसी ने कोई काम के लिए कभी मना नहीं किया है और कभी हमारा कोई तनाव भी उनके साथ नहीं हुआ है. मीडिया ने मंत्री परसादी लाल से पूछा कि पहले गणेश घोघरा अब मंत्री अशोक चांदना इस्तीफे की पेशकश की है. इस पर उन्होंने कहा कि यह सामान्य बात है. पार्टी के नेता, पार्षद, एमएलए या कोई भी हो अपनी बात रखने का अधिकार है. इन सभी की अपेक्षाएं होती है और अपेक्षाओं पर कहीं कमी रह जाती है, तब नाराजगी हो जाती है.
पूनिया का खुद डूबता जाहज हैः पूनिया की ओर से कांग्रेस को डूबता जहाज बताने पर परसादी लाल ने कहा कि पूनिया खुद डूबता जहाज है. इसीलिए यह लोग बौखला रहे हैं. ब्यूरोक्रेसी हावी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। अशोक गहलोत के साथ तीसरी बार मंत्री हूं। मुझे तो ब्यूरोक्रेसी से कोई शिकायत नहीं है। मंत्री चांदना की कोई निजी प्रॉब्लम भी हो सकती है. झालावाड़ से खानपुर में पुलिस से ही कांग्रेस नेताओं की झड़प हो गई मुकदमें भी दर्ज हुए हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है.
कैबिनेट में कोई भ्रष्ट मंत्री नहींः मंत्री मीणा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कैबिनेट में कोई भ्रष्ट मंत्री नहीं है. उन्होंने पार्टी में किसी भी तरह के डैमेज होने से इनकार कर दिया और कहा कि जब डैमेज ही नहीं है, तो कंट्रोल कैसे होगा.