जयपुर. राजस्थान में विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी और आलाकमान की ओर से पर्यवेक्षक की भूमिका में भेजे गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को खाली हाथ ही दिल्ली लौटना पड़ा. कहा जा रहा है कि आज शाम दिल्ली में सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल राजस्थान में पर्यवेक्षक बनकर गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन के साथ बैठक में कोई बड़ा निर्णय भी हो सकता है. इसमें विधायकों के विरोध के दौरान कल अग्रिम पंक्ति में दिखाई देने वाले मंत्री प्रताप सिंह, महेश जोशी, शांति धारीवाल और महेंद्र चौधरी के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. इस पूरे मामले पर मंत्री खाचरियावास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
अजय माकन के कल की घटना को अनुशासनहीनता मानने की बात के जवाब में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyavas on Ajay Maken) ने कहा कि अगर हमें नोटिस दिया जाएगा तो सम्मान पूर्वक हम उसका जवाब भी देंगे. हमने कोई अनुशासनहीनता नहीं की. मंत्री प्रताप सिंह ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर कहा कि केवल एक ही व्यक्ति का बार-बार नाम लिया जा रहा है. उसमें ऐसी क्या स्पेशलिटी है जो प्रताप सिंह खाचरियावास में नहीं. उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में फैसला गिनती के आधार पर होता है और जिसके पास (khachariyavas Statement on MlAs agitation) विधायक ज्यादा वही मुख्यमंत्री बनता है. ऐसे में कल विधायकों ने अपना फैसला दिखा दिया. अब जिसके पास विधायक ज्यादा हैं उसे देखते हुए आलाकमान फैसला कर ले कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है.
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मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा की कल ही विधायकों ने हमें शिकायत की और यह कहा कि आलाकमान ने पार्टी को एक रखने के लिए मानेसर जाने वाले पांच विधायकों को मंत्री क्यों बनाया? अब उनकी यह बात सही भी है कि पहले पांच मंत्री और अब मुख्यमंत्री (khachariyavas on new cm face for Rajasthan) देना चाहते हो तो क्या हम हाथ में मंजीरे ले लें और राजनीति करना छोड़ दें. राजस्थान की सरकार बनाने में हमारा भी तो कोई योगदान रहा होगा या केवल एक ही आदमी ने सब कुछ किया था.
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अजय माकन को ध्यान रखना चाहिए कि वह हमारे परिवार के मुखिया हैं और उनके कहने पर हम ही खून पसीना बहाते हैं और हम ही भीड़ लेकर पहुंचते हैं. आज कांग्रेस आलाकमान की ओर से कुछ विधायकों को नोटिस की चर्चा पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हमें अगर नोटिस मिलेगा तो हम सम्मान पूर्वक उसका जवाब देंगे और मैं तो कल ही अजय माकन से मिला था और मैंने उनकी बात धारीवाल से करवाई भी थी.
हम सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत जैसे बड़े नेताओं के आदेश पर ही हजारों लोग लेकर जाते हैं. अरेस्ट होते हैं और गिरफ्तारी देते हैं. अगर रात को हमें अजय माकन का फोन आता है तो हम सुबह पहुंच जाते हैं. अब हमारी बात सुनना और समझना और आलाकमान तक पहुंचाना भी उनकी जिम्मेदारी है. अगर हमने उनको कोई बात कही तो अपना परिवार का मुखिया समझकर कहा है. अगर वह उन्हें बुरा लगा और नोटिस देंगे तो हम जवाब भी देंगे, लेकिन उनको भी ध्यान रखना चाहिए कि हम ही खून पसीना बहाते हैं और जब भी आगे सोनिया गांधी हमें कहेंगी हम तैयार रहेंगे.