जयपुर. एक ओर किसानों के साथ मोदी सरकार की सातवें दौर की बात चल रही है, तो वहीं दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस किसान संवाद कार्यक्रम कर रही है. किसानों के आंदोलन को लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूरे देश का किसान दिल्ली में बैठा है और उसकी स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है.
उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार की कैबिनेट भी है और किसानों के साथ बातचीत भी कर रहा है. पूरे देश में इस आंदोलन से अब तक 40 किसानों की मौत हो गई है और किसानों को पूरे देश का समर्थन है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिम्मेदारी बनती है कि वह किसानों की आवाज को समझे और इसे प्रेस्टीज का इश्यू न बनाते हुए किसानों की मांग माने.
उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में मनमानी या तानाशाही करने का अधिकार किसी को नहीं है. आंदोलन भाजपा या कांग्रेस के नहीं होते, किसान न कांग्रेस के कहने पर चलता है ना भाजपा के कहने पर, यह केवल किसानों की खुद की आवाज है. कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ इसलिए है, क्योंकि अन्नदाता किसान कमजोर हुआ तो देश कमजोर हो जाएगा. अगर किसान यह कह रहा है कि यह बिल वापस लेने चाहिए तो फिर केंद्र सरकार को बिना किसी घमंड के यह बिल वापस लेने चाहिए.
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उन्होंने कहा कि यह किसान आंदोलन भाजपा की सरकार के अंत का कारण बनेगा. वहीं उन्होंने राजस्थान विधानसभा से पास किए गए कानूनों को रोकने पर कहा कि उनका काम बिल पास करने का था. अब राज्यपाल को चाहिए कि वह बिल आगे भेजें. उन्होंने कहा कि हम राजभवन से कोई टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन यह बिल राजभवन को आगे भेजना चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके.