जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan) के दौरान फ्री होल्ड पट्टे के लिए मूल संपत्ति धारकों को आवेदन करने पर समाचार पत्र में आपत्ति सूचना जारी नहीं करनी होगी. नगरीय विकास, आवासन और स्वायत्त शासन विभाग ने इस संबंध में नगर सुधार न्यास, विकास प्राधिकरण और नगरपालिका अधिनियम के लिए संशोधन आदेश जारी किया है.
31 दिसंबर 2018 तक की संपत्तियों के पूर्व में नगरीय निकाय की ओर से जारी स्टेट ग्रान्ट के पट्टे/निर्माण स्वीकृतियां, पंचायत की ओर से जारी पट्टे और कृषि भूमि रूपान्तरण नियम, 1971,1981, 1992 और 2007 के तहत जारी संपरिवर्तन आदेश की संपत्तियों के मूल संपत्तिधारक, उनके उत्तराधिकारी या उनके जरिये रजिस्टर्ड विक्रय पत्र से सम्पत्ति क्रय करने वाले व्यक्तियों की ओर से अपनी सम्पत्तियों के दस्तावेज समर्पण कर फ्री-होल्ड पट्टे के लिए आवेदन करने पर समाचार पत्र में आपत्ति सूचना जारी नहीं करनी होगी.
इस संबंध में सीधे पत्रावली में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. इन व्यक्तियों के अलावा अन्य श्रेणी के लोगों के आवेदन पर 7 दिन की आपत्ति सूचना एक स्थानीय समाचार पत्र के संस्करण में आवेदक के खर्चे पर प्रकाशित करना अनिवार्य होगा. ये संशोधन प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि के लिए प्रभावी रहेगा.
इन अधिनियम में विरचित नियम में किया गया है संशोधन
- राजस्थान नगर सुधार न्यास अधिनियम, 1959 की धारा 80-सी
- जयपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम 1982 की धारा 54-ई
- अजमेर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 की धारा 50-बी
- जोधपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2009 की धारा 50-बी
- राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 69-ए
Rajasthan Municipalities (Surrender of Non-Agricultural Land and Grant of Freehold Lease) Rules, 2015 के अन्तर्गत जारी विभागीय परिपत्र में संशोधन करते हुए ये आदेश जारी किया गया है.