जयपुर. हेरिटेज नगर निगम की अगर बात की जाए तो यहां 4287 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, लेकिन उनमें से महज 184 पट्टे जारी किए गए हैं. इस संबंध में डीसी प्लानिंग सुरेंद्र यादव ने बताया कि स्टेट ग्रांट एक्ट, 69 ए और कच्ची बस्ती के आवेदन ज्यादा आ रहे हैं. जोन स्तर पर एंपावर्ड कमेटियों का गठन किया गया है जो अपने स्तर पर आवेदनों को निस्तारित कर रही हैं.
इसके अलावा मुख्यालय पर यूएलबी स्वामित्व की योजनाएं और जेडीए द्वारा हस्तांतरित कृषि भूमि सोसाइटी की कॉलोनियों के पट्टे तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा योजना के तहत अभियान अवधि में बड़ी छूट दी गई है. जिसमें धारा 69 ए और स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत दी गई छूट प्रमुख है.
कहां और क्या है छूट की स्थिति, जानिये...
सभी नियमों में ब्याज दर 15 प्रतिशत के स्थान पर 9 प्रतिशत की गई. बकाया लीज राशि एकमुश्त जमा कराए जाने पर ब्याज में शत-प्रतिशत छूट. बकाया लीज राशि व अग्रिम 10 और 8 वर्षों की एकमुश्त लीज राशि जमा कराए जाने पर बकाया लीज राशि पर 80 प्रतिशत की छूट. नीलामी और आवंटन के भूखण्ड जिनमें मूल राशि जमा है उनमें ब्याज और शास्ती में शत-प्रतिशत छूट.
वहीं, EWS/LIG/MIG-A के आवास और भूखण्डों के बकाया राशि, किश्तें एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज और शास्ती में शत-प्रतिशत छूट. आवासन मण्डल के MIG-B/HIG के आवासों में बकाया राशि एकमुश्त जमा कराए जाने पर ब्याज राशि में शत-प्रतिशत छूट. कृषि भूमि पर 17.06.1999 से पूर्व की कॉलोनियों में आवेदन नहीं करने पर अभियान का प्रथम कैम्प मानते हुए ब्याज में शत-प्रतिशत छूट. 17.06.1999 से पूर्व और बाद की कॉलोनियों में मांगपत्र अनुसार राशि नहीं जमा नहीं कराए जाने पर वर्तमान दर बिना ब्याज के राशि जमा कराने की छूट.
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जबकि खांचा भूमि का आवंटन आरक्षित दर की दोगुनी दर के स्थान पर आरक्षित दर पर और निजी कृषि भूमि की योजनाओं में आरक्षित दर के स्थान पर आरक्षित दर की 50 प्रतिशत पर आवेदन करने की छूट दी गई है. इसके अलावा निर्धारित अवधि में निर्माण नहीं करने पर पुर्नग्रहण राशि में 60 प्रतिशत की छूट. भू-उपयोग परिवर्तन राशि एक मुश्त जमा कराने पर 5 प्रतिशत की छूट और 1 वर्ष में 4 किश्तों में जमा कराने की छूट.
सुरेंद्र यादव के अनुसार आम जनता तक राज्य सरकार द्वारा दी जा रही छूट की जानकारी पहुंचाने के लिए अब प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. इसके लिए डोर-टू-डोर पंपलेट वितरण और होर्डिंग साइट लगाए जा रहे हैं. निगम द्वारा प्रचार प्रसार के साथ वार्ड वार शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है, ताकि प्रशासन शहरों के संग अभियान को सफल बनाया जा सके. लेकिन फिलहाल इसकी प्रगति में अधूरे आवेदन रुकावट बने हुए हैं.