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Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan: एक साइट प्लान में एक व्यक्ति को एक भूखंड का पट्टा जारी करने के नियम की उड़ी धज्जियां

Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan: जयपुर में एक साइट प्लान में एक व्यक्ति को एक भूखंड का पट्टा जारी करने के नियम की धज्जियां उड़ती दिख रही है. कब्जेधारी ने आम रास्ते और मंदिर की जमीन पर भी अतिक्रमण किया हुआ है. पढ़िए पूरी खबर...

Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan
Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan
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Published : Jun 7, 2022, 7:22 AM IST

Updated : Jun 7, 2022, 1:59 PM IST

जयपुर. 1984 में जेडीए से आवंटित हुए प्लॉट का पट्टा लेने के लिए भटक रहे श्रवण कुमार का पट्टा नगर निगम ने एक कब्जेधारी के नाम कर दिया. लीज डीड जारी करते हुए एक व्यक्ति को एक ही भूखंड दिए जाने की शर्त और नियम की भी पालना नहीं की गई. आलम ये है कि जिस गंगाराम को दो भूखंडों का पट्टा जारी किया गया, उसने विनोबा बस्ती में ही दो अन्य प्लाट जिनमें सरकारी भूमि, 10 फीट का आम रास्ता और शिव मंदिर की जमीन पर भी अतिक्रमण कर रखा है और इस जमीन का भी गैरकानूनी तरीके से पट्टा लेने की तैयारी कर रहा है.

राज्य सरकार के प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan) की कुछ तस्वीरें सुखद तो कुछ विवादित भी हैं. 30 मई को सिविल लाइन जोन के 5 वार्डों के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान का शिविर लगाया गया. जहां कुछ फरियादी ऐसे भी थे जो सालों से अपनी जमीन का पट्टा लेने के लिए भटक रहे हैं. उन्हीं में से एक श्रवण कुमार ने बताया कि 1984 में जयपुर विकास प्राधिकरण ने विनोबा कच्ची बस्ती में 50 वर्ग गज का प्लॉट नंबर 1 उन्हें अलॉट किया था. उसी के नजदीक प्लॉट नंबर 2 गंगाराम को अलॉट किया गया था, लेकिन 1999 में ये बस्ती निगम को हस्तांतरित हुई और निगम ने प्लॉट नंबर 1 और 2 गंगाराम को अलॉट कर दिए. जबकि नियमों में स्पष्ट है कि एक साइट प्लान में एक व्यक्ति को एक भूखंड का ही पट्टा जारी किया जा सकता है और वो खुद निगम में सालों से चक्कर लगाते हुए चप्पल घिस रहे हैं.

Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan

पढ़ें- प्रशासन शहरों के संग अभियान के दूसरे चरण का पहला पखवाड़ा, JDA और निगम प्रशासन के पास बड़ी जिम्मेदारी

इस संबंध में स्थानीय पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा कि विनोबा कच्ची बस्ती में कब्जेधारी गंगाराम ने न सिर्फ श्रवण कुमार के प्लॉट पर अतिक्रमण कर रखा है बल्कि यहां निगम की सरकारी जमीन, आम रास्ते और शिव मंदिर की जमीन पर भी अतिक्रमण किया हुआ है. इस संबंध में निगम प्रशासन को शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है. यहां तक कि खुद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्लॉट नंबर 1 और 2 के पट्टे निरस्त करने की एप्लीकेशन निगम में लगाई है. उत्तम शर्मा ने कहा कि उनके कार्यकाल के पहले क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं, लेकिन उनके कार्यकाल में वो लगातार इस प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं.

वहीं, शिविर का औचक निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि गहलोत सरकार ने गरीब को उनका अधिकार मिल सके, इसके लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू किया और कांग्रेस के शासन में ही ये अभियान लगता है. बीजेपी सरकार ने कभी इस तरह का अभियान नहीं चलाया. उन्होंने कहा कि यहां शिविर का औचक निरीक्षण किया है, जिसमें कुछ कमियां देखने को मिली है. ऐसे में अधिकारी-कर्मचारियों को ताकीद किया गया है कि जो अच्छा काम करेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा और काम अटकाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. जिन भी लोगों ने जेडीए, नगर निगम में आवेदन किया है, उन सभी को पट्टा दिया जाएगा. एक भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

वहीं, खाचरियावास के आश्वासन पर शिविर में मौजूद रही वार्ड 47 की बीजेपी पार्षद रेखा राठौड़ ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ने सभी को पट्टा मिलने का आश्वासन तो दिया, लेकिन शिविर में एटीपी मौजूद नहीं, डीसी भी ज्यादातर समय नदारद रही. शिविरों की व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है. उन्होंने आरोप लगाया की एक तरफ ₹501 में पट्टा देने के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं, दूसरी तरफ जिस फाइल पर वजन रखा जा रहा है, सिर्फ उसी को पट्टे मिल रहे हैं.

बहरहाल, मंत्री के आश्वासन और बीजेपी पार्षद के आरोप के इतर हेरिटेज निगम में प्राप्त हुए 6600 आवेदनों में से करीब 3025 पट्टे जारी किए जा चुके हैं. लेकिन अभी भी ऐसे कई आवेदक हैं जो प्रशासन शहरों के संग अभियान का इंतजार तो कर रहे थे, लेकिन उनके इंतजार का उन्हें मीठा फल नहीं मिल पाया.

जयपुर. 1984 में जेडीए से आवंटित हुए प्लॉट का पट्टा लेने के लिए भटक रहे श्रवण कुमार का पट्टा नगर निगम ने एक कब्जेधारी के नाम कर दिया. लीज डीड जारी करते हुए एक व्यक्ति को एक ही भूखंड दिए जाने की शर्त और नियम की भी पालना नहीं की गई. आलम ये है कि जिस गंगाराम को दो भूखंडों का पट्टा जारी किया गया, उसने विनोबा बस्ती में ही दो अन्य प्लाट जिनमें सरकारी भूमि, 10 फीट का आम रास्ता और शिव मंदिर की जमीन पर भी अतिक्रमण कर रखा है और इस जमीन का भी गैरकानूनी तरीके से पट्टा लेने की तैयारी कर रहा है.

राज्य सरकार के प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan) की कुछ तस्वीरें सुखद तो कुछ विवादित भी हैं. 30 मई को सिविल लाइन जोन के 5 वार्डों के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान का शिविर लगाया गया. जहां कुछ फरियादी ऐसे भी थे जो सालों से अपनी जमीन का पट्टा लेने के लिए भटक रहे हैं. उन्हीं में से एक श्रवण कुमार ने बताया कि 1984 में जयपुर विकास प्राधिकरण ने विनोबा कच्ची बस्ती में 50 वर्ग गज का प्लॉट नंबर 1 उन्हें अलॉट किया था. उसी के नजदीक प्लॉट नंबर 2 गंगाराम को अलॉट किया गया था, लेकिन 1999 में ये बस्ती निगम को हस्तांतरित हुई और निगम ने प्लॉट नंबर 1 और 2 गंगाराम को अलॉट कर दिए. जबकि नियमों में स्पष्ट है कि एक साइट प्लान में एक व्यक्ति को एक भूखंड का ही पट्टा जारी किया जा सकता है और वो खुद निगम में सालों से चक्कर लगाते हुए चप्पल घिस रहे हैं.

Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan

पढ़ें- प्रशासन शहरों के संग अभियान के दूसरे चरण का पहला पखवाड़ा, JDA और निगम प्रशासन के पास बड़ी जिम्मेदारी

इस संबंध में स्थानीय पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा कि विनोबा कच्ची बस्ती में कब्जेधारी गंगाराम ने न सिर्फ श्रवण कुमार के प्लॉट पर अतिक्रमण कर रखा है बल्कि यहां निगम की सरकारी जमीन, आम रास्ते और शिव मंदिर की जमीन पर भी अतिक्रमण किया हुआ है. इस संबंध में निगम प्रशासन को शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है. यहां तक कि खुद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्लॉट नंबर 1 और 2 के पट्टे निरस्त करने की एप्लीकेशन निगम में लगाई है. उत्तम शर्मा ने कहा कि उनके कार्यकाल के पहले क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं, लेकिन उनके कार्यकाल में वो लगातार इस प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं.

वहीं, शिविर का औचक निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि गहलोत सरकार ने गरीब को उनका अधिकार मिल सके, इसके लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू किया और कांग्रेस के शासन में ही ये अभियान लगता है. बीजेपी सरकार ने कभी इस तरह का अभियान नहीं चलाया. उन्होंने कहा कि यहां शिविर का औचक निरीक्षण किया है, जिसमें कुछ कमियां देखने को मिली है. ऐसे में अधिकारी-कर्मचारियों को ताकीद किया गया है कि जो अच्छा काम करेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा और काम अटकाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. जिन भी लोगों ने जेडीए, नगर निगम में आवेदन किया है, उन सभी को पट्टा दिया जाएगा. एक भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

वहीं, खाचरियावास के आश्वासन पर शिविर में मौजूद रही वार्ड 47 की बीजेपी पार्षद रेखा राठौड़ ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ने सभी को पट्टा मिलने का आश्वासन तो दिया, लेकिन शिविर में एटीपी मौजूद नहीं, डीसी भी ज्यादातर समय नदारद रही. शिविरों की व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है. उन्होंने आरोप लगाया की एक तरफ ₹501 में पट्टा देने के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं, दूसरी तरफ जिस फाइल पर वजन रखा जा रहा है, सिर्फ उसी को पट्टे मिल रहे हैं.

बहरहाल, मंत्री के आश्वासन और बीजेपी पार्षद के आरोप के इतर हेरिटेज निगम में प्राप्त हुए 6600 आवेदनों में से करीब 3025 पट्टे जारी किए जा चुके हैं. लेकिन अभी भी ऐसे कई आवेदक हैं जो प्रशासन शहरों के संग अभियान का इंतजार तो कर रहे थे, लेकिन उनके इंतजार का उन्हें मीठा फल नहीं मिल पाया.

Last Updated : Jun 7, 2022, 1:59 PM IST
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