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भारतीय किसान संघ ने की प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात, रखी ये मांग - जयपुर की खबर

भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बीटी बैंगन के जेनेटिकली मॉडिफाइड परीक्षणों के लिए अनुमति नहीं देने की मांग को लेकर मुलाकात की. जावड़ेकर ने भारतीय किसान संघ को इस संबंध में सकारात्मक आश्वासन दिए.

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भारतीय किसान संघ ने की प्रकाश जावेड़कर से मुलाकात
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Published : Aug 25, 2020, 10:56 PM IST

जयपुर. भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत जेनेटिकल इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति द्वारा हाल ही में देश के आठ राज्यों में जनुकीय परिवर्तित (Genetically modified) फसल बीटी बैंगन के द्वितीय परीक्षण को करने की अनुमति दी है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए प्रतिनिधि मंडल में शामिल भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि किसान संघ के द्वारा केंद्रीय मंत्री के सामने बात रखी गई है.

महामंत्री ने बताया कि पर्यावरण, प्रदूषण जैव विविधता को खतरा, पशु एवं मानव स्वास्थ्य, उत्पादकता बाजार एकाधिकार आदि जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं, जिन्हें जीएम फसलों के ऐसे परीक्षण की अनुमति देने से पहले जानने और विश्लेषण करने की आवश्यकता है. जो की अभी भी लंबित है. चौधरी ने बताया कि अधिकांश प्रतिष्ठित संस्थानों में, संसदीय स्थाई स्थाई समिति, सर्वोच्च न्यायालय की तकनीकी विशेषज्ञ समिति, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के विचार, कुछ कृषि प्रधान राज्यों के संबंधित अधिकारी आदि ने भी बीटी बैंगन के जेनेटिकली मॉडिफाइड परीक्षणों को लेकर अपनी आशंका व्यक्त की है. ऐसे में परीक्षण की अनुमति देना उचित नहीं होगा, जबकि कई राज्यों ने पहले ही जीएम खाद्य फसलों के परीक्षणों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

यह भी पढ़ेंः चूरू: बकाया बीमा सहित विभिन्न मांगों को लेकर गांव-गांव धरना प्रदर्शन करेंगे किसान

अभी देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. ऐसे समय में बिना किसी से चर्चा करते हुए जीईएसी द्वारा यह निर्णय लिया गया है, जिसका किसान संघ ने विरोध किया है. जीईएसी की भी इसके बारे में पूछताछ होनी चाहिए. इस संदर्भ में तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, बंगाल और उड़ीसा के मुख्यमंत्रियों को भी ज्ञापन देकर अनुरोध किया है कि अपने राज्यों में इसकी परीक्षण की अनुमति न दें.

यह भी पढ़ेंः भारतीय किसान संघ ने अर्धनग्न होकर दिया धरना, गांव बंद करने की चेतावनी

भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने बताया कि सभी पहलुओं को स्पष्ट करने के बाद पूरे देश में कहीं भी संपूर्ण कृषक समुदाय और उपभोक्ताओं के लाभ के लिए बीटी बैंगन तथा अन्य जीएम फसलों के परीक्षण की अनुमति न देने का तथा देश अभी भी NON-GMO है. इसलिए जीएम खाद्यान्नों पर भी रोक लगे, ऐसा सरकार से आग्रह किया है. इस संबंध में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सभी पहलुओं पर विचार कर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर अखिल भारतीय मंत्री साई रेड्डी मौजूद रहे.

जयपुर. भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत जेनेटिकल इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति द्वारा हाल ही में देश के आठ राज्यों में जनुकीय परिवर्तित (Genetically modified) फसल बीटी बैंगन के द्वितीय परीक्षण को करने की अनुमति दी है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए प्रतिनिधि मंडल में शामिल भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि किसान संघ के द्वारा केंद्रीय मंत्री के सामने बात रखी गई है.

महामंत्री ने बताया कि पर्यावरण, प्रदूषण जैव विविधता को खतरा, पशु एवं मानव स्वास्थ्य, उत्पादकता बाजार एकाधिकार आदि जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं, जिन्हें जीएम फसलों के ऐसे परीक्षण की अनुमति देने से पहले जानने और विश्लेषण करने की आवश्यकता है. जो की अभी भी लंबित है. चौधरी ने बताया कि अधिकांश प्रतिष्ठित संस्थानों में, संसदीय स्थाई स्थाई समिति, सर्वोच्च न्यायालय की तकनीकी विशेषज्ञ समिति, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के विचार, कुछ कृषि प्रधान राज्यों के संबंधित अधिकारी आदि ने भी बीटी बैंगन के जेनेटिकली मॉडिफाइड परीक्षणों को लेकर अपनी आशंका व्यक्त की है. ऐसे में परीक्षण की अनुमति देना उचित नहीं होगा, जबकि कई राज्यों ने पहले ही जीएम खाद्य फसलों के परीक्षणों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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अभी देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. ऐसे समय में बिना किसी से चर्चा करते हुए जीईएसी द्वारा यह निर्णय लिया गया है, जिसका किसान संघ ने विरोध किया है. जीईएसी की भी इसके बारे में पूछताछ होनी चाहिए. इस संदर्भ में तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, बंगाल और उड़ीसा के मुख्यमंत्रियों को भी ज्ञापन देकर अनुरोध किया है कि अपने राज्यों में इसकी परीक्षण की अनुमति न दें.

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भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने बताया कि सभी पहलुओं को स्पष्ट करने के बाद पूरे देश में कहीं भी संपूर्ण कृषक समुदाय और उपभोक्ताओं के लाभ के लिए बीटी बैंगन तथा अन्य जीएम फसलों के परीक्षण की अनुमति न देने का तथा देश अभी भी NON-GMO है. इसलिए जीएम खाद्यान्नों पर भी रोक लगे, ऐसा सरकार से आग्रह किया है. इस संबंध में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सभी पहलुओं पर विचार कर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर अखिल भारतीय मंत्री साई रेड्डी मौजूद रहे.

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