जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत (Poxo court sentenced the accused) ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर तीन लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि अभियुक्त को शेष जीवन जेल में रखा जाए.
अदालत ने 22 वर्षीय इस अभियुक्त को सजा सुनाते हुए कहा कि नाबालिग भले ही पक्षद्रोही हो गई हो, लेकिन नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियुक्त रिश्ते में पीड़िता का मामा लगता है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के रिश्ते में मामा लगने वाला अभियुक्त 26 मई 2019 को उसे मनोहरपुर थाना इलाके से घुमाने के बहाने अपने साथ ले गया. अभियुक्त पहले उसे जयपुर लाया और फिर अपने साथ गंगापुर सिटी ले गया. इस दौरान उसने पीड़िता के साथ कई बार दुष्कर्म किया. पीड़िता के पिता की ओर से 28 मई 2019 को दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को 9 जून को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.
पढ़ेंः अलवर: पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल की सजा, 45 हजार का लगाया अर्थदंड
मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि वह अभियुक्त के साथ अपनी मर्जी से गई थी. लेकिन अभियुक्त ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया. पीड़िता के पिता ने कहा कि पीड़िता अपने मामा के साथ खुद की मर्जी से गई थी और उसने गांव वालों के कहने पर गलतफहमी में आकर मामला दर्ज करा दिया था. इसी तरह पीड़िता की मां ने भी दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया. वहीं मामले में पीड़िता का मेडिकल करने वाली चिकित्सक ने बयान दिया कि पीड़िता के साथ संबंध बनाए गए थे. इसके अलावा डीएनए रिपोर्ट में भी अभियुक्त के पीड़िता के साथ संबंध बनाना साबित हुआ. इस पर अदालत ने पीड़िता और उसके परिजनों को पक्षद्रोही घोषित कर अभियुक्त को सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि संभवतः दोनों पक्षों के बीच सांठगांठ होने के कारण पीड़ित पक्ष अपने बयानों से बदल गया है.