जयपुर. प्रदेश में गर्मी का सितम शुरू होने के साथ ही तापमान में भी वृद्धि हुई हैं, लेकिन बिजली की खपत में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई हैं. कारण साफ है कोरोना संकट के चलते प्रदेश में चल रहा लॉकडाउन. यही कारण है कि हर बार की तरह इस बार गर्मियों में प्रदेशवासियों को बिजली की किल्लत तो नहीं होगी और ना ही डिस्कॉम को बिजली खरीद और उपलब्धता बनाए रखने के लिए ज्यादा मशक्कत करनी होगी.
यदि प्रदेश की बात की जाए तो पिछले साल मार्च और अप्रैल की तुलना में इस बार मार्च और अप्रैल में बिजली की खपत में 30 से 40 प्रतिशत तक की कमी आई है. पिछले साल 20 से 26 अप्रैल के बीच पूरे प्रदेश में बिजली की खपत प्रतिदिन 18 सौ लाख यूनिट से 22 सौ लाख यूनिट के बीच रहा हैं, तो वहीं इस साल इन दिनों में राजस्थान में बिजली की खपत 15 सौ लाख यूनिट से 17 सौ लाख यूनिट के बीच है.
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वहीं बात राजधानी की करें तो जयपुर शहर में पिछले साल 20 से 26 अप्रैल के बीच रोजाना औसत 140 से 180 लाख यूनिट तक खपत हुई, लेकिन अब इस साल इसी अवधि में यह खबर जयपुर शहर में रोजाना 90 लाख यूनिट से भी कम हो गई.
जयपुर डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता एसके राजपूत अनुसार बिजली की खपत भी घरेलू उपभोक्ताओं की अधिक है, क्योंकि औद्योगिक इकाइयां लगभग बंद है. हल्की बिजली की खपत भले ही कम हुई हो लेकिन डिस्कॉम बिजली के बिल भुगतान को लेकर मायूस है, क्योंकि 31 मई तक बिजली के बिल का भुगतान कुछ श्रेणियों में स्थगित किया गया है.
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लेकिन डिस्कॉम को जो बिजली खरीदना पड़ रहा है. उसका भुगतान करने के लिए अब उसने 500 करोड़ रुपये के लोन लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है. मतलब बिजली की कम खपत कम होने से डिस्कॉम खुश तो है, लेकिन भुगतान में देरी से मायूस भी है.