जयपुर. राजधानी के चिड़ियाघर में सोमवार को इस दुनिया को अलविदा कहने वाले इकलौते शुतुरमुर्ग बाहुबली की मौत लू से हुई थी. इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है. तेज लू के दौर के बाद शुक्रवार को नर शुतुरमुर्ग बाहुबली की मौत हो गई थी. शनिवार को बाहुबली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है.
बाहुबली काफी समय से जयपुर जू में अकेला था लॉकडाउन से पहले ही उसके लिए चेन्नई से दो मादा शुतुरमुर्ग लाई गई थी. बाहुबली की जिंदगी में सब अच्छा चल रहा था. मादा अवंतिका ने आठ अंडे भी दिए. लेकिन राजस्थान की तेज गर्मी के आगे अफ्रीकी महाद्वीप का यह धरती का सबसे मजबूत और आकार में सबसे बड़ा पक्षी अपनी जिंदगी की जंग हार गया.
आम दिनों की तरह बाहुबली अपने अंडों की मुस्तैदी से हिफाजत कर रहा था. लेकिन शुक्रवार की तेज गर्मी के दौरान पहले काफी देर तक बाहुबली के पैर कपकपाए. उसके केयर टेकर ने यह नजारा देखा तो बाहुबली के शरीर पर पहले पानी डालकर उसका टेंपरेचर कंट्रोल करने की कोशिश की. लेकिन बाहुबली की हालत नहीं संभल पाई और कुछ ही देर में बाहुबली ने दम तोड़ दिया.
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डीसीएफ सुदर्शन शर्मा के मुताबिक बाहुबली का पोस्टमार्टम करने के बाद मौत का कारण लू के रूप में ही सामने आया है. आमतौर पर शुतुरमुर्ग को तेज गर्मी झेलने की आदत होती है. उसके बाडे में फव्वारे और कूलर भी लगाए हुए थे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. पोस्टमार्टम के बाद शनिवार शाम को बाहुबली को जयपुर जू प्रांगण में ही दफनाया गया.
इस मामले में वन मंत्री के निर्देश के बाद जयपुर जू में फिर से एक और शुतुरमुर्ग चेन्नई से लाने के निर्देश मिले हैं. जल्दी ही एक नर शुतुरमुर्ग को यहां लाया जाएगा. जिससे यहां मौजूद मादा शुतुरमुर्गों का जोड़ा उसके साथ बनाया जा सके.