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Corona Effect: इस साल पटरियों पर नहीं दौड़ेगी पैलेस ऑन व्हील्स

कोरोना ने पूरी दुनिया को घुटनों पर ला दिया है. पर्यटन व्यवसाय पर इसका सबसे बुरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में राजस्थान टूरिजम की जान कही जाने वाली शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. पैलेस ऑन व्हील्स से आरटीडीसी भारी मुनाफा कमाता था.

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पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन इस साल खटाई में
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Published : Jul 18, 2020, 6:52 PM IST

जयपुर. देश और दुनिया में मशहूर शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स के इस साल पटरी पर वापस लौटने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. कोरोना काल के चलते पिछले 4 महीने से इंटरनेशनल फ्लाइटों का संचालन बंद है. जिसके चलते पैलेस ऑन व्हील्स के पटरी पर आने की कोई उम्मीद नहीं है. पैलेस ऑन व्हील्स में ज्यादातर विदेशी पर्यटक ही भ्रमण करते हैं. लेकिन दिसंबर तक ट्रेन का संचालन मुश्किल ही नजर आ रहा है.

पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन इस साल खटाई में

अभी तक केंद्र सरकार की ओर से विदेशी पर्यटकों के संबंध में किसी भी तरह की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. पैलेस ऑन व्हील्स जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस साल तो गाड़ी का संचालन किया जाना मुश्किल है. क्योंकि पैलेस ऑन व्हील्स राजस्थान के पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है और इसके जरिए टूरिस्ट राजस्थान आना पसंद करते हैं.

पढ़ें: हरियाली अमावस्या पर लगा कोरोना ग्रहण, पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर पाबंदी

आरटीडीसी के राजस्व पर असर

मंदी के दौर से गुजर रहे आरटीडीसी के लिए पैलेस ऑन व्हील्स एकमात्र सहारा है. लेकिन इस साल आरटीडीसी के लिए यह शाही ट्रेन संकटमोचक नहीं बन सकेगी. हर सीजन में इस ट्रेन के 35 फेरे होते हैं. हर फेरे में 80 से 85 पर्यटक सफर करते हैं. पैलेस ऑन व्हील्स का 1 दिन का किराया प्रति व्यक्ति करीब $600 है जो भारतीय करेंसी में लगभग 42 हजार रुपए होता है. हर साल आरटीडीसी शाही ट्रेन से मोटा मुनाफा कमाता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते उसके राजस्व में भारी कमी देखी जाएगी.

दिसंबर तक ट्रेन चलने की संभावना नहीं

बता दें कि हर साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच ट्रेन जयपुर पहुंच जाती थी. अगस्त से ट्रेन के इंटीरियर को भी दोबारा से सुधारने का काम शुरू कर दिया जाता था. सितंबर से पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ इस शाही ट्रेन का संचालन भी शुरू हो जाता था जो कि करीब 5 से 6 महीने तक चलता था. लेकिन इस बार अभी तक यह ट्रेन जयपुर ही नहीं पहुंच पाई है. विभागीय सूत्रों की मानें तो दिसंबर तक इसके चलने की कोई संभावना नहीं बताई जा रही है.

जयपुर. देश और दुनिया में मशहूर शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स के इस साल पटरी पर वापस लौटने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. कोरोना काल के चलते पिछले 4 महीने से इंटरनेशनल फ्लाइटों का संचालन बंद है. जिसके चलते पैलेस ऑन व्हील्स के पटरी पर आने की कोई उम्मीद नहीं है. पैलेस ऑन व्हील्स में ज्यादातर विदेशी पर्यटक ही भ्रमण करते हैं. लेकिन दिसंबर तक ट्रेन का संचालन मुश्किल ही नजर आ रहा है.

पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन इस साल खटाई में

अभी तक केंद्र सरकार की ओर से विदेशी पर्यटकों के संबंध में किसी भी तरह की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. पैलेस ऑन व्हील्स जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस साल तो गाड़ी का संचालन किया जाना मुश्किल है. क्योंकि पैलेस ऑन व्हील्स राजस्थान के पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है और इसके जरिए टूरिस्ट राजस्थान आना पसंद करते हैं.

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आरटीडीसी के राजस्व पर असर

मंदी के दौर से गुजर रहे आरटीडीसी के लिए पैलेस ऑन व्हील्स एकमात्र सहारा है. लेकिन इस साल आरटीडीसी के लिए यह शाही ट्रेन संकटमोचक नहीं बन सकेगी. हर सीजन में इस ट्रेन के 35 फेरे होते हैं. हर फेरे में 80 से 85 पर्यटक सफर करते हैं. पैलेस ऑन व्हील्स का 1 दिन का किराया प्रति व्यक्ति करीब $600 है जो भारतीय करेंसी में लगभग 42 हजार रुपए होता है. हर साल आरटीडीसी शाही ट्रेन से मोटा मुनाफा कमाता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते उसके राजस्व में भारी कमी देखी जाएगी.

दिसंबर तक ट्रेन चलने की संभावना नहीं

बता दें कि हर साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच ट्रेन जयपुर पहुंच जाती थी. अगस्त से ट्रेन के इंटीरियर को भी दोबारा से सुधारने का काम शुरू कर दिया जाता था. सितंबर से पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ इस शाही ट्रेन का संचालन भी शुरू हो जाता था जो कि करीब 5 से 6 महीने तक चलता था. लेकिन इस बार अभी तक यह ट्रेन जयपुर ही नहीं पहुंच पाई है. विभागीय सूत्रों की मानें तो दिसंबर तक इसके चलने की कोई संभावना नहीं बताई जा रही है.

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