जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से लगाए गए आरोपों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि यदि उनमें थोड़ी सी भी नैतिकता शर्म और ईमान बचा है तो वो लगाए गए आरोपों का प्रमाण भी दें.
पूनिया ने कहा कि जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का, लेकिन यहां कोतवाल होने के बावजूद डर है जो ताज्जुब की बात है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि बुधवार को जिस प्रकार का घटनाक्रम हुआ उससे सरकार और कांग्रेस की कमजोरी और अंतर कलह साफ तौर पर सामने आ चुकी है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस और सरकार में अंतर्विरोध और कलह है इसके उदाहरण तो कई हैं, लेकिन जो आरोप मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर लगाए हैं उसका प्रमाण तो देना चाहिए. पूनियां ने कहा कि गहलोत साहब ने बीजेपी पर गुजरात और मध्य प्रदेश का उदाहरण दिया जो इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस पार्टी वैचारिक रूप से लोगों के मन से उतर चुकी है.
वहीं, अब तो कांग्रेस के विधायक भी मोदी जी की नीतियों पर भरोसा करने लगे हैं और उन्हें कांग्रेस में अपना कोई भविष्य में नजर नहीं आता. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस में असंतोष है और मुख्यमंत्री केवल आरोप लगाकर जनता में भ्रम पैदा करते हैं और अपने आप को मसीहा साबित करने में जुटे रहते हैं, जोकि गहलोत साहब की पुरानी फितरत है, लेकिन मुझे लगता है कि जल्द ही सच्चाई सबके सामने आएगी.
पढ़ें- राजस्थान में होने वाली वर्चुअल रैली को अब स्मृति ईरानी और गडकरी करेंगे संबोधित...
गौरतलब है कि बुधवार देर शाम कांग्रेस विधायकों को जयपुर के एक निजी होटल में एक जगह रखा गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मध्य प्रदेश और गुजरात का हवाला देते हुए राजस्थान में भी विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर कई गंभीर आरोप भाजपा पर लगाए थे. जिस पर भाजपा नेता अब मुख्यमंत्री से लगातार आरोपों का प्रमाण देने का दबाव बना रहे हैं.