जयपुर: अक्टूबर-नवंबर में ठंड की शुरूआत के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ने लगा है. ऐसे में दिल्ली से आसपास के सटे क्षेत्र एनसीआर में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. इसका इफेक्ट अब जयपुर में भी नजर आ रहा है. राजधानी में भी एक बार फिर प्रदूषण का लेवल बढ़ रहा है.
बता दें कि जयपुर और इसके आसपास के इलाके में बुधवार सुबह कोहरे जैसी स्थिति देखने को मिली. राजधानी में प्रदूषण का स्तर यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स को देखा जाए तो, बुधवार को राजधानी जयपुर में प्रदूषण का स्तर 100 के पार दर्ज किया गया.
AQI के आंकड़ों के मुताबिक जयपुर में प्रदूषण का स्तर 130 दर्ज किया गया है. वहीं प्रदेश में सबसे खराब हालात श्रीगंगानगर में दर्ज की गई है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े के अनुसार श्री गंगानगर में प्रदूषण का लेवल 180 तक दर्ज किया गया है. साथ ही जैसलमेर में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बढ़ता जा रहा है. जिले में बुधवार को प्रदूषण स्तर 169 दर्ज किया गया है.
लॉकडाउन के बाद कम हुआ था प्रदूषण
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 25 मार्च से लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रदूषण का स्तर काफी नीचे आ गया था. प्रदूषण स्तर में करीब 90% तक की गिरावट आई थी. वहीं राजधानी जयपुर में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स गिरकर 50 के नीचे तक आ गया था, लेकिन अब अनलॉक के बाद कारखाने और निर्माण स्थल पर काम शुरू हुआ और इसके साथ ही ट्रांसपोर्टेशन के भी सभी साधनों को खोल दिया गया. जिसके बाद अब पूरे प्रदेश के अंतर्गत प्रदूषण का लेवल दोबारा से बढ़ने लगा है.
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प्रदूषण नियंत्रण मंडल ही प्रदूषण से अनभिज्ञ
प्रदेश में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. लेकिन इसकी जानकारी प्रदूषण नियंत्रण मंडल को भी नहीं है. वायु प्रदूषण का डाटा देने वाली आईआईटीएम पुणे ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल से दूरी बना रखी है. ऐसे में मंडल की राज वायु नाम से चल रही साइट कई महीनों से बंद है. मंडल को भी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल से प्रदूषण की रिपोर्ट और जानकारी लेनी पड़ती है. ऐसे में प्रदेश में प्रदूषण के स्तर को लेकर नियंत्रण मंडल भी निश्चित नहीं है.