जयपुर. इमरजेंसी के दौरान जेलों में गए लोगों को भाजपा सरकार में दी जा रही मीसा बंदी पेंशन को राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सोमवार को कैबिनेट के निर्णय से निरस्त कर दिया है. इस मामले में जहां भाजपा की ओर से विरोध में आवाजें उठ रही हैं. वहीं प्रदेश के परिवहन मंत्री ने कहा है कि इमरजेंसी केवल एक राजनीतिक लड़ाई थी जिसके फलस्वरूप भाजपा की सरकार भी मनी और इमरजेंसी की लड़ाई का उन्होंने फायदा भी ले लिया.
खाचरियावास ने कहा कि इस आंदोलन को करने वाले नेता मंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य पदों पर रहे. आज भी इमरजेंसी के नाम पर पेंशन उठा रहे हैं. परिवाहन मंत्री ने कहा कि क्या इनको इसमें शर्म नहीं आनी चाहिए कि इमरजेंसी की लड़ाई जो महज एक राजनीतिक लड़ाई थी ना कि आजादी की लड़ाई. पेंशन सरकार की ओर से गरीब जरूरतमंद तबकों को दी जाती है ना कि इस तरीके के राजनीतिक लड़ाई लड़ने वालों को.
वहीं इस मामले पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यह एक राजनीतिक निर्णय था जिसे लेने का हक हर राजनीतिक पार्टी का होता है. अगर देश के स्वतंत्रता सेनानी की बात हो तो उसका सम्मान हर कोई करता है, लेकिन केवल राजनीतिक फायदा पहुंचाने वाला यह निर्णय था जिसके चलते राजस्थान कैबिनेट ने इस निर्णय को बदल दिया.