जयपुर. केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर एनएसयूआई के प्रदर्शन के दौरान भाजयुमो और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच हुई लाठी-भाटा जंग मामले में सियासी उबाल आ गया है. अब प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर राजनीतिक द्वेष के चलते गुंडों के सहारे विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भले ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ हो और कांग्रेस के गुंडे इन कृषि कानून के खिलाफ उपद्रव कर रहे हों, लेकिन विपक्ष के रूप में राजस्थान में भाजपा इससे घबराने वाली नहीं है. राठौड़ ने कहा कि केंद्रीय कृषि कानून किसानों के हित में है और अब किसान कांग्रेस सहित अन्य दलों के बहकावे में आने वाले नहीं हैं.
वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने भी भाजपा मुख्यालय के सामने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध-प्रदर्शन और उपद्रव की घटना की निंदा की. साथ ही यह भी कहा कि लोकतंत्र में इस प्रकार की घटनाओं का कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि जिस प्रकार भारत बंद को कांग्रेस ने समर्थन दिया और प्रदेश सरकार के मंत्री ही बाजार बंद करा रहे हैं, उसमें भी जनता का समर्थन नहीं मिल रहा, लेकिन इस दौरान सरकार के ही मंत्री कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन जरूर कर रहे हैं. चतुर्वेदी ने परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का नाम लिए बिना ही उन पर निशाना भी साधा और यह कहा कि जिस तरह प्रदेश सरकार के नुमाइंदों ने बाजार बंद कराने की कोशिश की, उसके बावजूद बंद सफल नहीं हो पाया.