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अजय माकन का यह री-ट्वीट राजस्थान में लाएगा नई हलचल, कहीं गहलोत के लिए मुश्किलें न खड़ी कर दे

'चाहे अमरिंदर हों या गहलोत या शीला दीक्षित, मुख्यमंत्री बनते हैं तो यह समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है'...तो क्या अजय माकन (Ajay Maken) का यह री-ट्वीट राजस्थान में नई हलचल लाने वाला है या गहलोत के लिए कोई इशारा है. जानिये पूरा माजरा...

rajasthan political crisis
राजस्थान की राजनीति
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Published : Jul 19, 2021, 8:04 AM IST

जयपुर. कहते हैं कि राजनीति में सही टाइमिंग का बहुत महत्व है. पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab Cm Captain Amarinder Singh) की नाराजगी के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया है. इस निर्णय से कांग्रेस आलाकमान ने यह बता दिया की निर्णय किसके कहने पर होंगे.

जो हालात पंजाब में बने हुए हैं, कुछ वैसे ही हालात राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट (Ashok Gehlot VS Sachin Pilot) की खींचतान के नाराजगी के चलते भी बने हुए हैं. हलांकि, अब तक खुलकर सचिन पायलट को कांग्रेस के किसी बड़े नेता का सहयोग नहीं मिल रहा था, लेकिन रविवार रात को राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन (Rajasthan Congress Incharge Ajay Maken) ने जिस ट्वीट को रिट्वीट किया है, उसकी भाषा यह बताती है कि राजस्थान में भी आलाकमान और मुख्यमंत्री के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्योंकि अजय माकन सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के तौर पर राजस्थान के प्रभारी हैं, ऐसे में जो रिट्वीट उन्होंने किया है उसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

पढ़ें : सचिन पायलट Waiting में...सिद्धू ने भरी 'उड़ान'...अब क्या करेगा आलाकमान ?

दरअसल, जिस ट्वीट को रिट्वीट अजय माकन (Ajay Maken) ने किया है, उसमें यह लिखा गया है कि किसी भी राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीतता है. गांधी- नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है. चाहे अमरिंदर सिंह हों या गहलोत या पहले शीला या कोई और, मुख्यमंत्री बनते ही समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है.

पढ़े : नवजोत सिंह सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त

इसी ट्वीट (Tweet) में लिखा है कि 20 साल से ज्यादा अध्यक्ष रहीं सोनिया ने अपना महत्व नहीं जताया. नतीजा यह हुआ कि वोट लाती थीं और कांग्रेसी अपना चमत्कार समझ कर गैर जवाबदेही से काम करते थे. हार जाते थे तो दोष राहुल पर और जीत का सेहरा खुद के माथे. नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर नेतृत्व ने सही किया. ताकत बताना जरूरी था.

इस पूरे ट्वीट में राजस्थान के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम, जिसमें गहलोत के नाम के साथ लिखा गया है कि मुख्यमंत्री बनते ही समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है. अब यह ट्वीट क्योंकि अजय माकन ने रिट्वीट किया है तो इसके राजनीतिक मायने यही निकल रहे हैं कि या तो आलाकमान राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ज्यादा खुश नहीं है, जिसके कारण अजय माकन ने ऐसे ट्वीट को रिट्वीट किया या फिर अजय माकन और अशोक गहलोत के बीच में दूरियां बढ़ गई हैं.

Ajay Maken Re Tweet
अजय माकन का री-ट्वीट...

भले ही कारण कोई भी रहा हो, लेकिन अजय माकन (Ajay Maken) ने जिस ट्वीट को अपनी वॉल पर रिट्वीट किया है, इस ट्वीट का असर राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) पर पड़ना निश्चित है.

जयपुर. कहते हैं कि राजनीति में सही टाइमिंग का बहुत महत्व है. पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab Cm Captain Amarinder Singh) की नाराजगी के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया है. इस निर्णय से कांग्रेस आलाकमान ने यह बता दिया की निर्णय किसके कहने पर होंगे.

जो हालात पंजाब में बने हुए हैं, कुछ वैसे ही हालात राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट (Ashok Gehlot VS Sachin Pilot) की खींचतान के नाराजगी के चलते भी बने हुए हैं. हलांकि, अब तक खुलकर सचिन पायलट को कांग्रेस के किसी बड़े नेता का सहयोग नहीं मिल रहा था, लेकिन रविवार रात को राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन (Rajasthan Congress Incharge Ajay Maken) ने जिस ट्वीट को रिट्वीट किया है, उसकी भाषा यह बताती है कि राजस्थान में भी आलाकमान और मुख्यमंत्री के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्योंकि अजय माकन सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के तौर पर राजस्थान के प्रभारी हैं, ऐसे में जो रिट्वीट उन्होंने किया है उसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

पढ़ें : सचिन पायलट Waiting में...सिद्धू ने भरी 'उड़ान'...अब क्या करेगा आलाकमान ?

दरअसल, जिस ट्वीट को रिट्वीट अजय माकन (Ajay Maken) ने किया है, उसमें यह लिखा गया है कि किसी भी राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीतता है. गांधी- नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है. चाहे अमरिंदर सिंह हों या गहलोत या पहले शीला या कोई और, मुख्यमंत्री बनते ही समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है.

पढ़े : नवजोत सिंह सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त

इसी ट्वीट (Tweet) में लिखा है कि 20 साल से ज्यादा अध्यक्ष रहीं सोनिया ने अपना महत्व नहीं जताया. नतीजा यह हुआ कि वोट लाती थीं और कांग्रेसी अपना चमत्कार समझ कर गैर जवाबदेही से काम करते थे. हार जाते थे तो दोष राहुल पर और जीत का सेहरा खुद के माथे. नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर नेतृत्व ने सही किया. ताकत बताना जरूरी था.

इस पूरे ट्वीट में राजस्थान के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम, जिसमें गहलोत के नाम के साथ लिखा गया है कि मुख्यमंत्री बनते ही समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है. अब यह ट्वीट क्योंकि अजय माकन ने रिट्वीट किया है तो इसके राजनीतिक मायने यही निकल रहे हैं कि या तो आलाकमान राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ज्यादा खुश नहीं है, जिसके कारण अजय माकन ने ऐसे ट्वीट को रिट्वीट किया या फिर अजय माकन और अशोक गहलोत के बीच में दूरियां बढ़ गई हैं.

Ajay Maken Re Tweet
अजय माकन का री-ट्वीट...

भले ही कारण कोई भी रहा हो, लेकिन अजय माकन (Ajay Maken) ने जिस ट्वीट को अपनी वॉल पर रिट्वीट किया है, इस ट्वीट का असर राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) पर पड़ना निश्चित है.

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