जयपुर. राजस्थान में हथियारों की तस्करी लगातार बढ़ रही है. पुलिस स्पेशल ऑपरेशन चलाकर तस्करी में लिप्त बदमाशों पर नकेल भी कस रही है लेकिन इसके बाद भी इसपर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पा रही है. हालांति बकायदा पुलिस मुख्यालय से सभी रेंज आईजी और जिला एसपी को निर्देश जारी कर हथियार तस्करों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाने के लिए कहा गया है.
पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच भी लगातार हथियार तस्करों पर नकेल कसने में लगी हुई है. राजस्थान पुलिस के लिए चिंता का बड़ा विषय है कि दूसरे राज्यों से तस्करी कर राजस्थान के अलग-अलग जिलों में हथियार सप्लाई के लिए लाए जा रहे हैं. पुलिस कई बार कार्रवाई में तस्करों को तो दबोच लेती है लेकिन अवैध रूप से हथियार बनाने वाले इन बदमाशों तक या फिर तस्करों के आकाओं तक नहीं पहुंच पा रही है.
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एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि राजस्थान में लूट, डकैती व अन्य आपराधिक वारदातों में बदमाशों की ओर से हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है जो कि राजस्थान पुलिस के लिए चिंता का विषय है. दूसरे राज्यों से बड़ी तादाद में हथियार तस्करी कर राजस्थान में लाए जा रहे हैं. ऐसे में हथियार तस्करों पर नकेल कसने के लिए पूरे प्रदेश में तमाम जिला पुलिस और पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है.
पुलिस की ओर से वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में हथियार तस्करों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर बड़ी तादाद में पिस्टल, रिवाल्वर, गन और अन्य धारदार हथियार बरामद किए गए हैं. वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में रिवाल्वर और पिस्टल की बरामदगी का प्रतिशत 26.48% बढ़ा है. इसी प्रकार से वर्ष 2020 जनवरी माह कि तुलना में वर्ष 2021 जनवरी माह में रिवाल्वर और पिस्टल का बरामदगी प्रतिशत तकरीबन 40% तक बढ़ा है. इसके साथ ही वर्ष 2020 जनवरी माह की तुलना में वर्ष 2021 जनवरी माह में अन्य धारदार हथियारों का बरामदगी प्रतिशत 100% तक बढ़ा है.
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तस्करों से हथियार बरामद करने के बाद पुलिस करती है बैक ट्रैक
एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि तस्करों से हथियार बरामद करने के बाद पुलिस उसे बैक ट्रैक करती है. तस्कर वह हथियार कहां से लाया गया और किस व्यक्ति को सप्लाई किया जाना था. हथियार की तस्करी में और कितने लोग शामिल हैं और किन-किन लोगों के पास से होते हुए हथियार तस्करों के पास पहुंचता है, इन तमाम चीजों को ट्रैक करने का काम पुलिस करती है.
यह कड़ी काफी लंबी होती है जिसे सुलझाने में पुलिस को काफी समय और मेहनत लगती है. ज्यादातर मामलों में किसी एक जगह पर जाकर यह कड़ी रुक जाती है और पुलिस हथियारों के मुख्य सप्लायर या मैन्युफैक्चरर तक नहीं पहुंच पाती. हालांकि कुछ प्रकरणों में सफलता भी मिली हैऔर बैक ट्रैक कर पुलिस मुख्य हथियार सप्लायर या दूसरे राज्यों के मेन्युफैक्चरर तक भी पहुंची है.
जल्द चलाया जाएगा अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान
एडीजी क्राइम ने बताया कि हथियार तस्करों के विरुद्ध राजस्थान पुलिस का अभियान लगातार जारी है. वहीं आगामी एक-दो माह में अवैध हथियारों के खिलाफ फिर से पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत उन तस्करों पर विशेष फोकस रखा जाएगा जो पूर्व में हथियार तस्करी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं या तस्करी के आरोप में पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जा चुके हैं. वहीं पुलिस कार्रवाई में दूसरे राज्यों से जो भी लिंक सामने आए हैं उन लिंक को डेवलप कर राजस्थान पुलिस दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर भी हथियार तस्करों पर लगाम लगाने का काम करेंगी.