जयपुर. राजधानी में लगातार बाल श्रम के मामले सामने आ रहे हैं. नन्हे-मुन्ने बच्चों को लालच देकर दूसरे राज्यों से जयपुर लाकर बाल मजदूरी करवाई जा रही है. जयपुर में शुक्रवार को 'बचपन बचाओ आंदोलन' समिति की सूचना पर भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने से 6 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. सभी बाल श्रमिक बिहार के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पुलिस ने डीसीपी नॉर्थ राजीव पचार और एडीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर के निर्देशन में भट्टा बस्ती थाना इलाके में कब्रिस्तान के पास कार्रवाई करते हुए बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है.
जानकारी के मुताबिक बच्चों को बिहार से लालच देकर जयपुर लाया गया था और एक चूड़ी कारखाने में 16 से 18 घंटे काम करवाया जा रहा था. बच्चों को कारखाने से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था और समय पर भोजन भी नहीं दिया जा रहा था. बच्चों के साथ मारपीट भी की जाती थी. कारखाना मालिक काफी समय से इन नन्हे-मुन्ने बच्चों से काम करवा रहा था.
बचपन बचाओ आंदोलन समिति को बच्चों द्वारा बाल मजदूरी होने की सूचना लगी, उसके बाद समिति ने पुलिस को मामले की सूचना दी और पुलिस ने दबिश देकर सभी बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. डीसीपी नॉर्थ राजीव प्रचार के निर्देशन में एडीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच नार्थ के एएसआई अरविंद कुमार ने बचपन बचाओ आंदोलन समिति की सूचना पर भट्टा बस्ती थाना पुलिस के सहयोग से कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने से 6 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है.
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बता दें कि पिछले दिनों भी भट्टा बस्ती इलाके से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया था. राजधानी जयपुर में ज्यादातर भट्टा बस्ती इलाके से ही बाल मजदूरी के मामले सामने आए हैं. बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों से नन्हे-मुन्ने बच्चों को जयपुर में लाकर बाल मजदूरी करवाई जाती है, जिससे इन नन्हे बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. पहले भी प्रदेश भर के विभिन्न इलाकों से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर उनके घर भेजा गया था. लगातार कार्रवाई होने के बावजूद भी बाल श्रम पर लगाम नहीं लग पा रही है.